मलेशियाः 8 दिन पहले पूर्व PM नजीब को जाना पड़ा जेल, अब पत्नी को भी मिली 10 साल कैद की सजा
कुआलालंपुर, 01 सितंबरः मलेशिया की एक अदालत ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रजाक की पत्नी रोस्मा मंसूर को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाए के बाद 10 साल की सजा सुनाई है। रोस्मा मंसूर पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति के कार्यकाल में एक कंपनी को काम दिलाने के लिए रिश्वत मांगा और स्वीकार किया था। रोस्मा मंसूर के पति नजीब रजाक को 8 दिन पहले अदालत ने 12 साल की जेल की सजा बरकरार रखी थी।
तस्वीर- पीटीआई
अदालत ने 3 मामलों में पाया दोषी
रोस्मा मंसूर को बोर्नियो द्वीप के स्कूलों को सौर ऊर्जा पैनल लगाने की परियोजना का काम एक कंपनी को दिलाने के लिए 2016 और 2017 के बीच 65 लाख रिंगिट रिश्वत (15 लाख अमेरिकी डॉलर) मांगने और उसे स्वीकार करने के तीन मामलों में दोषी ठहराया गया। अदालत ने उन्हें हर एक मामले में 10-10 वर्ष की सजा सुनाई और उन पर 97 करोड़ रिंगिट का जुर्माना भी लगाया। राहत की बात ये है कि सभी सजाएं एक साथ लागू होंगी। उनके पास फिलहाल शीर्ष अदालतों में उनकी अपील लंबित होने तक जमानत के लिए गुहार लगाने का विकल्प बरकरार है।
रोस्मा ने कहा- नहीं ली रिश्वत
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश मोहम्मद जैनी मजलान ने कहा कि अभियोजकों ने यह साबित कर दिया है कि रोस्मा मंसूर ने रिश्वत मांगी और उसे स्वीकार भी किया था। इससे पहले, रोस्मा ने अदालत में भावुक अपील में कहा कि वह निराश हैं और उन्हें ऐसा महसूस हो रहा कि इंसाफ नहीं मिला। रोस्मा ने कहा कि उन्होंने अपने पति के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान पत्नी के रूप में चैरिटी फाउंडेशन का नेतृत्व करते हुए कभी किसी से धन की मांग नहीं की, ना ही कोई रिश्वत ली।
जानबूझकर फंसाने का लगाया आरोप
रोस्मा मंसूर ने कहा कि राजनीतिक द्वेष की भावना से हुई कार्रवाई में नजीब को जेल की सजा हुई और उनके परिवार को नुकसान भुगतना पड़ रहा है। रोस्मा ने कहा, ''मुझे परियोजना की लागत का भी पता नहीं है। मैं केवल सच कह रही हूं और सच के अलावा कुछ नहीं। अगर आपका यह फैसला है तो मैं ईश्वर के समक्ष समर्पण कर रही हूं।'' बचाव पक्ष के वकील जगजीत सिंह ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि जुर्माने की राशि मलेशिया के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी राशि है।
जितना घूस लिया, उसका पांच गुना चुकाना होगा
जगजीत सिंह ने कहा कि रोस्मा हैरान और परेशान हैं, और वह उच्चतर न्यायालयों में अपील करने की सोच रही हैं। कानून के तहत, प्रत्येक आरोप में 20 वर्ष तक की जेल और मांगी गई और प्राप्त की गई रिश्वत का पांच गुना जुर्माना है। अभियोजकों ने कहा कि रोस्मा के मुकदमे से नजीब के 2009 में सत्ता संभालने के बाद उनके कार्यकाल के दौरान की कथित अनियमितताएं भी उजागर हुई हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पति के कार्यकाल के दौरान रोस्मा किसी पद पर नहीं थीं लेकिन इसके बावजूद उनका काफी प्रभाव था।
एक सप्ताह पहले पति नजीब गए जेल
इससे एक सप्ताह पहले नजीब रजाक को अदालत ने राहत न देते हुए उनकी सजा बरकरार रखी। उन्हें 2018 में सरकारी कंपनी 1MDB के जरिए हजारों करोड़ रुपए गबन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान पता चला कि 1MDB के फंड से कम से कम 450 करोड़ डॉलर की चोरी की गई, जिसे उस समय के पीएम रहे नजीब और उनके सहयोगियों द्वारा अंजाम दिया गया। यह भ्रष्टाचार ही 2018 के चुनावों में नजीब की सरकार के पतन का कारण बना। इसके बाद उन्हें 12 साल जेल की सजा सुनाई गई और 49.4 मिलियन अमेरिकी डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया। बता दें कि 1MDB पीएम नजीब रजाक द्वारा स्थापित एक विकास कोष था जिसे साल 2009 में सत्ता में आने के बाद उन्होंने स्थापित किया था।
श्रीलंका की बदहाली दूर करने आगे आया IMF, मिलेंगे 2.9 अरब डॉलर, रखी ये शर्त