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अंतरिक्ष में पौधे पर रिसर्च करने वाली कौन हैं सिरिसा बांदला? चौथी बार भारत के पड़े स्पेस में कदम

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नई दिल्ली, 27 जून। वर्जिन गैलेक्टिक की यूनिटी-22 ने रविवार रात 8 बजे अंतरिक्ष की सफल यात्रा की। जिसमें भारतवंशी सिरिशा बांदला भी शामिल थी। वे अंतरिक्ष में कदम रखने वाली तीसरी भारतीय महिला बन गई हैं। अब तक चार बार भारतीय मूल के एस्ट्रोनॉट्स के कदम स्पेस पड़ चुके हैं। आइए जानते हैं कौन सिरिसी बांदला?

सिरिशा बांदला स्पेस में जाने वाली तीसरी महिला

सिरिशा बांदला स्पेस में जाने वाली तीसरी महिला

अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली सिरिशा बांदला चौथी भारतवंशी और तीसरी भारतीय मूल की महिला हैं। इससे पहले राकेश शर्मा, कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं। रविवार को सिरिशा बांदला ने रिचर्ड ब्रैन्सन की स्पेस कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक के अंतरिक्ष यान VSS Unity से स्पेस के उड़ान भरी।

रिचर्ड ब्रैन्सन के 5 एस्ट्रोनॉट्स में से एक सिरिशा

रिचर्ड ब्रैन्सन के 5 एस्ट्रोनॉट्स में से एक सिरिशा

सिरिशा बांदला वर्जिन गैलेक्टिक कंपनी के गवर्नमेंट अफेयर्स एंड रिसर्च ऑपरेशंस की वाइस प्रेसीडेंट भी हैं। वे पिछले 6 वर्षों से वर्जिन गैलेक्टिक में कार्यरत हैं। सिरिशा रिचर्ड ब्रैन्सन के पांच अंतरिक्षयात्रियों में से सरिशा बांदला एक हैं।

रविवार रविवार को बांदला ने टीम के साथ भरी उड़ान

रविवार रविवार को बांदला ने टीम के साथ भरी उड़ान

VSS Unity को यूनिटी 22 के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कुल 6 लोग शामिल हैं। जिसमें 2 पायलट और 4 यात्री हैं। न्यू मैक्सिको स्थित लास क्रुसेस के स्पेसपोर्ट अमेरिका से में इसे लांच किया गया। इस वायुयान को VMS Eve के ऊपर लगाकर 50 हजार फीट की ऊंचाई पर ले जाकर छोड़ा गया। जिसके बाद यान अंतरिक्ष की ओर बढ़ गया।

आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं सिरिशा

आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं सिरिशा

सिरिशा बांदला आंध्र प्रदेश के गुंटूर की रहने वाली हैं। सिरिशा ने एयरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग से ग्रैजुएशन किया है। उन्होंने जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी से MBA किया। वे फिलहाल वर्जिन ऑर्बिट में कार्यरत हैं। वर्तमान में वे वॉशिंगटन ऑपरेशंस के कार्य को संभाल रही हैं।

सिरिशा के पायलट बनने का सपना अधूरा

सिरिशा के पायलट बनने का सपना अधूरा

सिरिशा टेक्सास के ह्यूस्टन में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने रॉकेट्स और स्पेसक्राफ्ट्स को आते-जाते नजदीक से देखा है। पायलट बनना उनका सपना था लेकिन उनकी दृष्टि कमजोर थी इसलिए वायुसेना में वो पायलट नहीं सकीं। सिरिशा इस समय ह्यूमन टेंडेड रिसर्च एक्सपीरिएंस की इंचार्ज हैं। वो अंतरिक्ष यात्रा के दौरान एस्ट्रोनॉट्स पर होने वाले असर का अध्ययन कर रही हैं।

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English summary
Who is Sirisa Bandla how India step into space for the fourth time
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