पीएम मोदी ने बताया बापू के तीन चतुर बंदरों का जापान से क्या है रिश्ता
कोबे। जापान के ओसाका में जी-20 समिट की शुरुआत से पहले गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोबे में भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने भारत और जापान के सदियों पुराने रिश्तों के बारे में बात की। पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच रिश्तों को बयां करने के लिए महात्मा गांधी के उन तीन बुद्धिमान बंदरों को भी जिक्र किया जिनके उदाहरण आज तक पूरी दुनिया में दिए जाते हैं। कोबे स्थित ह्योगो गेस्ट हाउस में मोदी ने भारी तादाद में आए भारतीय समुदाय को संबोधित किया। बड़ी संख्या में लोग उन्हें सुनने आए थे।
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17वीं सदी के जापान और बंदर
मोदी ने इस दौरान कहा, 'जब हम दुनिया भर से भारत के रिश्तों की बात करते हैं तो जापान इसमें एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारे रिश्ते जापान से सदियों पुराने हैं। हमने हमेशा यह सुना है, 'बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत कहो। लेकिन कुछ कम लोगों को ही मालूम है कि जिन तीन बंदरों का जिक्र महात्मा गांधी ने किया, उनकी जड़ें 17वीं सदी के जापान में हैं।'
तीन बंदरों का क्या है रिश्ता
पीएम मोदी ने बताया कि ये तीन बंदर हैं- मीजारू जो अपनी आंखें बंद किए हुए है और उसे कोई बुराई नजर नहीं आती, किकाजारू जो अपने कानों को बंद किए हुए है और उसे कोई बुराई नहीं सुनाई देती। इवाजारू जो अपना मुंह बंद किए हुए और जो कुछ भी बुरा नहीं कहता है। पीएम मोदी ने कहा, 'यह हमारी भाषा के कुछ बिंदु हैं जो हमें एक साथ बांधकर रखते हैं।'
भाषा से बंधे भारत और जापान
मोदी ने कहा जब हम भारत में ध्यान की बात करते हैं तो जापान में उसका मतलब जेन होता है। वहीं भारत में हम जिसे 'सेवा' कहते हैं, जापान में भी उस सेवा का वही मतलब है। पीएम मोदी ने यहां पर कहा कि कुछ जापानी मूर्तियों का सात भारतीय देवी-देवताओं से सीधा ताल्लुक है। पीएम मोदी ने यहां पर आए भारतीयों से कहा कि वह भाग्यशाली हैं जो उन्हें सात माह बाद फिर से जापान में बसे भारतीयों के बीच आने का मौका मिला।
शिंजो आबे ने भी जीता चुनाव
पीएम मोदी ने कहा, 'जब मैं आखिरी बार जापान आया था तो यहां पर चुनाव के नतीजे आ चुके थे। आप लोगों ने मेरे प्यारे दोस्त शिंजो आबे पर अपना भरोसा दिखाया है। आज मैं यहां पर हूं तो दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र ने इस प्रधान सेवक पर अपना भरोसा जताया है।' उन्होंने कहा कि अगर चीन को हटा दिया जाए तो 61 करोड़ भारतीय मतदाता दुनिया के किसी भी देश की जनसंख्या से भी ज्यादा हैं।