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जब पाकिस्तान और अमरीका हुए थे आमने-सामने

  • पूर्व अमरीकी सैनिक की किताब से सामने आई हैं कुछ सनसनीखेज बातें
  • रेमंड डेविस अमरीकी सेना में  सीआईए सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर थे.
  • उन्होंने दो पाकिस्तानी नागरिकों की गोली मार कर हत्या कर दी थी.

By ज़फर सैयद - बीबीसी उर्दू संवाददाता, इस्लामाबाद
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रेमंड डेविस
RIZWAN TABASSUM/AFP/Getty Images
रेमंड डेविस

पूर्व अमरीकी सैनिक और प्राइवेट सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर रेमंड डेविस ने अपनी किताब में लाहौर की उस घटना के बारे में विस्तार से लिखा है, जिसकी वजह से अमरीका और पाकिस्तान के बीच राजनयिक संकट उठ खड़ा हुआ था.

'द कॉन्ट्रैक्टर: हाउ आई लैंडेड इन ए पाकिस्तानी प्रिजन एंड इग्नाइटेड ए डिप्लोमेटिक क्राइसिस' नाम से आई इस किताब में रेमंड डेविस और उनके सह लेखक स्टॉर्म्स रीबैक ने बड़े नाटकीय ढंग से जेल रोड और फिरोजपुर रोड चौराहे पर हुई घटना का ब्योरा दिया है.

इस घटना में उन्होंने दो पाकिस्तानी नागरिकों की गोली मार कर हत्या कर दी थी.

रेमंड लिखते हैं कि जब वे चौक की ट्रैफिक में फंस गए थे तो उनकी कार के आगे बाइक पर सवार दो लोगों में से एक ने पिस्तौल निकाल कर उन पर तान दिया था.

पाकिस्तान: सीआईए के कॉन्ट्रैक्टर रेमंड डेविस रिहा

रेमंड डेविस पर दो हत्याओं का अभियोग

रेमंड डेविस
Reuters
रेमंड डेविस

सीआईए के सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर

रेमंड डेविस अमरीकी सेना में उम्दा प्रशिक्षण पा चुके सीआईए सिक्योरिटी कॉन्ट्रैक्टर थे और ऐसी हालात से निपटने का उन्होंने कई बार अभ्यास किया था.

उन्होंने फौरन अपनी पिस्तौल निकाली. रेमंड ने पिस्तौल साइड विडो से निकाल कर उसकी मैगज़ीन में मौजूद 17 में से 10 गोलियां दोनों मोटरसाइकिल सवार मोहम्मद फहीम और हैदर पर दाग दीं.

रेमंड डेविस को इन दोनों की हत्या का ज़रा भी अफसोस नहीं है.

वे कहते हैं कि फैसला मैंने नहीं बल्कि मोहम्मद फहीम ने पिस्तौल निकाल कर किया था, 'अगर कोई मुझे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करेगा तो उन्हें मारकर मेरी अंतरात्मा पर कोई बोझ नहीं पड़ने वाला है. क्योंकि मेरा पहला लक्ष्य अपने परिवार में वापस आना है.'

रेमंड डेविस को उसी दिन गिरफ्तार कर उनके खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया था.

'सीआईए के लिए काम करते थे रेमंड डेविस'

रेमंड डेविस
Arif Ali/AFP/Getty Images
रेमंड डेविस

मिलिट्री छावनी

इसी समय लाहौर में अमरीकी वाणिज्य दूतावास से एक कार उन्हें छुड़ाने आई तो उसने सड़क पर गलत साइड से गाड़ी चलाते हुए एक बाइक सवार को टक्कर मार दी और इस तरह से उस दिन इस घटना में मरने वालों की संख्या तीन हो गई.

रेमंड डेविस ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्हें गिरफ्तार कर पहले एक मिलिट्री छावनी और बाद में लखपत जेल स्थानांतरित कर दिया गया. जब अमरीकी दूतावास को पता चला तो उन्होंने डेविस को रिहा करवाने की हर मुमकिन कोशिश शुरू कर दी.

यही वो समय था जब अमरीकी अधिकारियों को पाकिस्तान में ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी की जानकारी हो चुकी थी और उन्होंने ओसामा के खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन का फैसला कर लिया था.

अमरीकी अधिकारियों को आशंका थी कि अगर ओसामा के खिलाफ ऑपरेशन हुआ और इस दौरान डेविस पाकिस्तानी हिरासत में रहे तो उन्हें मार दिया जाएगा.

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रेमंड डेविस
ASIF HASSAN/AFP/Getty Images
रेमंड डेविस

पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या

यही कारण है कि खुद तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने 15 फरवरी को ही रेमंड डेविस का जिक्र करते हुए कहा कि वह 'हमारा राजनयिक है' और वियना कन्वेंशन के तहत उन्हें छूट हासिल है.

किताब के अनुसार हिरासत के दौरान रेमंड डेविस से किसी तरह की मार-पीट नहीं की गई लेकिन वह कहते हैं कि उन्हें नहाने के लिए ठंडा पानी दिया जाता था. उनके कमरे में रात में बल्ब जलते रहते थे और तेज संगीत बजाया जाता था ताकि वो सो न सकें.

इस दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री यूसुफ रजा गिलानी ने कहा था कि दो पाकिस्तानी नागरिकों की हत्या में शामिल अमरीकी अधिकारी रेमंड डेविस के मामले पर सरकार मंझधार में फंसी हुई है, 'अगर जनता की सुनी जाती है तो दुनिया नाराज़ हो जाती है और अगर दुनिया की सुनी जाती है तो जनता नाराज़ हो जाती है.'

ज्यादा वक्त नहीं गुजरा और पाकिस्तानी सरकार दबाव में आ गई लेकिन समस्या ये थी कि मुकदमा अदालत में था और लोग सड़कों पर विरोध कर रहे थे. इसलिए इससे बचने का रास्ता निकाला गया और शरिया कानून के ब्लडमनी वाले प्रावधान को हरकत में लाया गया.

'लादेन सिर्फ़ और सिर्फ़ अमरीकी कार्रवाई'

रेमंड की किताब की बातें

इसलिए मृतकों के परिजनों को मनवा कर उन्हें 24 लाख डॉलर ब्लडमनी के तौर पर दिया गया और यूँ 49 दिन पाकिस्तानी हिरासत में रहने के बाद रेमंड डेविस को रिहा कर दिया गया.

उस समय पंजाब की सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल (एन) के प्रवक्ता सिद्दीक अल-फारूक ने बताया था कि रेमंड डेविस की रिहाई में इस्लामी देश सऊदी अरब ने भूमिका निभाई है.

किताब की खूबी ये है कि एक तरफ इसमें रेमंड डेविस के हवाले से कानूनी दांव-पेच, अलग-अलग अदालतों में उनकी पेशियों का ब्योरा दिया गया है.

और इसके फौरन बाद अगले ही अध्याय में अमरीका में रह रहीं उनकी पत्नी पर गुजर रही बातों का जिक्र आता है. रेमंड की रिहाई के लिए अमरीकी दूतावास की कोशिशों के बारे में बताते हुए किताब में जेल का भी ज़िक्र आता है.

रेमंड डेविस
RIZWAN TABASSUM/AFP/Getty Images
रेमंड डेविस

हॉलीवुड फिल्म का मसाला

इस किताब के छपने की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है. अख़बार में छपी रिपोर्टों के अनुसार अमरीकी खुफ़िया एजेंसियों ने इसके कुछ हिस्सों पर आपत्ति जताई थी जिसकी वजह से ये किताब लगभग एक साल की देरी के बाद अब कहीं जाकर प्रकाशित हुई है.

'द कॉन्ट्रैक्टर: हाउ आई लैंडेड इन ए पाकिस्तानी प्रिजन एंड इग्नाइटेड ए डिप्लोमेटिक क्राइसिस' को पढ़ने से पाकिस्तानी इतिहास के एक अपमानजनक मोड़ के अलग-अलग पहलुओं पर रोशनी पड़ती है.

इस किताब में सनसनीखेज जासूसी उपन्यासों की तमाम खूबियां हैं जो पाठकों की जिज्ञासा को बार-बार हवा देती है.

इसलिए उम्मीद है कि किताब खूब बिकेगी और अगर उस पर हॉलीवुड में फ़िल्म भी बनेगी, तो मार-धाड़ से भरपूर यह फ़िल्म भी बॉक्स ऑफिस पर ख़ासी कामयाब साबित हो सकती है.

BBC Hindi
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English summary
When Pakistan and the USA were face-to-face.
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