क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चुनाव का भारत पर क्या असर होगा?

दो साल पहले जम्मू कश्मीर का विशेष दर्ज़ा ख़त्म होने के बाद पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में पहली बार वोट डाले गए हैं.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
पाकिस्तान में चुनाव
Getty Images
पाकिस्तान में चुनाव

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में विधानसभा की 45 सीटों के लिए 25 जुलाई को मतदान हुआ. इन 45 सीटों पर 32 लाख 20 हज़ार से अधिक मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

इनमें से 33 निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जिनमें कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 28 लाख 17 हज़ार 90 है. इसके अलावा, 12 ऐसे निर्वाचन क्षेत्र बनाए गए हैं, जो कश्मीरी शरणार्थियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. इन क्षेत्रो में लगभग 4 लाख मतदाताओं का पंजीकरण किया गया है.

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चुनाव: क्या-क्या लिख रहे हैं पाकिस्तानी अख़बार?

नवाज़ शरीफ़ की इस तस्वीर पर टूट पड़े पाकिस्तानी मंत्री

इस चुनाव में 13 महिलाओं समेत कुल 724 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया हैं. इनमें से नौ महिलाओं ने विभिन्न पार्टियों की तरफ से और चार महिलाओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ा है.

इन चुनावों में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़), पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अलावा क्षेत्रीय पार्टी ऑल जम्मू-कश्मीर मुस्लिम कॉन्फ़्रेंस, जमात-ए-इस्लामी और तहरीक-ए-लबैक समेत अन्य पार्टियों ने भी भाग लिया हैं.

लेकिन इस बार पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में चुनाव के दौरान जिस तरह की सियासी गर्मी देखने को मिली है, वह पहले कभी नहीं देखी गई. जबकि 11वीं बार इलाक़े में मतदान हुआ है.

ऐसे में सवाल यही है कि ये चुनाव पाकिस्तान के तीनों प्रमुख राजनीतिक दलों के लिए क्यों महत्वपूर्ण बन गए हैं?

इसकी एक वजह यह भी बताई जाती है कि यह परंपरा रही है, कि केंद्र में सरकार बनाने वाली पार्टी ही यहाँ सरकार बनाती है, क्योंकि यह एक स्वायत्त क्षेत्र नहीं है बल्कि पाकिस्तान प्रशासित है.

क़ायद-ए-आज़म यूनिवर्सिटी में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर ज़फ़र जसपाल ने बीबीसी को बताया कि चुनाव प्रचार पहले भी होते रहे हैं, लेकिन इस बार बयानबाज़ी और प्रचार दोनों ही काफ़ी सख़्त थे.

"इसका एक कारण पाकिस्तान का मौजूदा राजनीतिक माहौल भी है. पिछले छह महीनों में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट का गठन और फिर अलग होना, संसद में विपक्ष और सरकार के सदस्यों का टकराव, इन सभी घटनाओं का प्रभाव इस बार के कश्मीर चुनावों में भी दिखाई दिया है."

मरियम नवाज़ की कोशिशों का असर

पाकिस्तान में चुनाव
Getty Images
पाकिस्तान में चुनाव

अगर हम पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) की बात करें, तो पार्टी की तरफ़ से इस समय कश्मीर में राजनीतिक आंदोलन का नेतृत्व मरियम नवाज़ कर रही है. इससे पहले कश्मीर में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) की सरकार थी.

इस समय जम्मू-कश्मीर में कई मज़बूत राजनीतिक गुट हैं, जो चुनाव के ज़रिए अपनी राजनीतिक ताक़त दिखाना चाहते हैं.

जम्मू-कश्मीर के परिसीमन में पाक प्रशासित कश्मीर की 24 सीटों का क्या होगा?

इमरान की पूर्व पत्नी जेमाइमा और मरियम नवाज़ क्यों भिड़ीं?

ज़फ़र जसपाल ने कहा, "इस समय शाहबाज़ शरीफ़ का ग्रुप नज़र नहीं आया है, फिर भी मरियम नवाज़ सबसे आगे हैं. मरियम नवाज़ यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रही हैं कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) अब भी राजनीतिक रूप से जिंदा है और अगर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ को इस क्षेत्र में कोई टक्कर दे सकता है, तो वह विपक्ष पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) के रूप में मौजूद है."

उन्होंने कहा, "अगर पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज़) किसी तरह कश्मीर में अपनी सरकार बचाने में कामयाब हो जाती है, तो यह 2023 के चुनावों की तरफ़ उनका पहला क़दम होगा."

जब पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) के बारे में राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पहले भी यह देखा गया है कि ये पार्टी सियालकोट की सीट पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज़ (पीएमएल-एन) से और कराची में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) से कुछ सीटें हार गई थी.

ज़फ़र जसपाल ने बताया, ''इन घटनाओं को देखते हुए एक नज़रिया बना कि पीटीआई शायद ये चुनाव न जीत पाए. इसलिए फ़िलहाल सत्तारूढ़ पार्टी होने के नाते पीटीआई की पहली इच्छा चुनाव जीतना है."

जानकारों का कहना है कि जहाँ इस पूरे मामले में अन्य दो दल अपने स्टैंड पर क़ायम है, वहीं पीपीपी अपने ऊपर लगे इस टैग को हटाना चाहती है कि पीपीपी की राजनीति सिर्फ़ सिंध प्रांत तक सीमित है.

ज़फ़र जसपाल ने कहा कि पीपीपी को केवल सिंध की पार्टी कहना ग़लत होगा.

"पीपीपी एक राष्ट्रीय पार्टी है, जो पिछले 50 वर्षों से राजनीति में है. पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में उनकी सरकार बनती रही है. फ़िलहाल उनके सामने यह चुनौती ज़रूर है, जिसे वे पीछे छोड़ना चाहते हैं और कश्मीर में अपनी पार्टी की अहमियत को बरक़रार रखना चाहते हैं."

इमरान ख़ान की पार्टी की जीत की उम्मीद

उन्होंने कहा कि इस समय पाकिस्तान के राजनीतिक दलों के व्यक्तिगत लक्ष्य स्पष्ट रूप से इस चुनाव में दिखाई दे रहे हैं. जिसका कश्मीर की राजनीति से कोई ख़ास लेना-देना नहीं है.

परंपरागत रूप से पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में, पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी ही चुनाव जीतती आई हैं, और राजनीतिक विशेषज्ञ इस बार भी ऐसा ही अनुमान लगा रहे हैं कि अगर कोई असाधारण घटना नहीं हुई, तो पीटीआई के जीतने की संभावना बहुत ज़्यादा है.

शिमला समझौता: इंदिरा गांधी की 'राजनीतिक ग़लती' या भुट्टो की 'चालाकी'?

भारत-पाकिस्तान एलओसी: 'जब तक मुझमें आख़िरी सांस है, मैं उनका इंतज़ार करूंगी'

चुनाव से कुछ हफ़्ते पहले ही कुछ प्रभावशाली राजनेताओं के अपनी पार्टियों से अलग हो कर पीटीआई में शामिल होने से, यह संभावना और भी अधिक बढ़ गई है.

सामान्य तौर पर, पाकिस्तान की जनता और मीडिया कश्मीर की राजनीति में दिलचस्पी नहीं दिखाते हैं, लेकिन चुनाव प्रचार में बिलावल भुट्टो, मरियम नवाज़ और कई संघीय मंत्रियों के शामिल होने से, अस्थायी रूप से उन्हें भी इस चुनावों में दिलचस्पी हो गई है.

अगस्त 2019 में भारत की ओर से भारत प्रशासित कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद, इलाक़े में पहली बार चुनाव हो रहे हैं.

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर की जनता के लिए क्या महत्वपूर्ण है?

इमरान ख़ान
Getty Images
इमरान ख़ान

यहाँ की राजनीति में मतदाताओं के लिए जाति, समुदाय, नागरिक मुद्दे और विकास कार्य बहुत महत्वपूर्ण हैं.

कश्मीर विवाद और कश्मीर की स्थिति का भी ज़िक्र होता है और भारत विरोधी भाषण भी सुनने को मिलते हैं, लेकिन काफ़ी हद तक इन भावनाओं को चुनाव प्रचार के लिए की गई बयानबाज़ी माना जाता है.

कश्मीरियों को हक़ होगा आज़ाद रहें या पाकिस्तान का हिस्सा बनें: इमरान ख़ान

पाकिस्तान की तरफ़ LOC के पास हुई इस शादी की नहीं थम रही चर्चा

इस चुनाव में पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर जिसे पाकिस्तान में आज़ाद कश्मीर कहा जाता है, वहाँ के लोगों की राय किस तरफ़ जा रही है, यह बात भी इस बार सामने आ जाएगी.

इस संबंध में पीआईएलडीएटी के अध्यक्ष अहमद बिलाल महबूब कहते हैं, "इस बार अन्य दलों की तुलना में एक नई राजनीतिक पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ (पीटीआई) संघीय स्तर पर सत्ता में है. सवाल यह है कि क्या वहाँ की मौजूदा सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज़ अपनी सरकार बचा पाएगी? और अगर वह चुनाव जीत जाती हैं, तो केंद्र के साथ उनका ताल-मेल कैसे होगा, मुझे लगता है कि इस बार के चुनाव में यह एक नई बात होगी."

अहमद बिलाल महबूब के अनुसार, पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में जनता की राय पाकिस्तान के अन्य हिस्सों से काफ़ी मिलती जुलती है.

"फ़िलहाल पीटीआई को इसलिए भी बढ़त मिली हुई है, क्योंकि वहाँ जो भी राजनीतिक दल जीतेगा उसे संघीय सरकार के समर्थन की बहुत ज़्यादा जरूरत होगी और इस समय पीटीआई का केंद्र में सत्ता में होना उनके हक़ में जा सकता है."

रावलाकोट के एक वकील और सामाजिक कार्यकर्ता निसार शाह कहते हैं, "आज़ाद कश्मीर के नाम में तो आज़ाद है, लेकिन बुनियादी तौर पर यह पाकिस्तान के प्रशासन और नियंत्रण में है."

उन्होंने कहा कि इन चुनावों से पाकिस्तान कश्मीर के इलाक़ों पर अपना नियंत्रण बनाए रखना चाहता है और इसलिए मौजूदा स्थिति जस की तस बनी रहेगी.

पाकिस्तान में चुनाव
BBC
पाकिस्तान में चुनाव

"अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फ़िलहाल कश्मीर पर पाकिस्तान के पक्ष को बहुत ज़्यादा समर्थन नहीं मिल रहा है. जिसके नतीजे में, ये चुनाव औपचारिकता के तौर पर कराए जा रहे हैं."

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर का प्रशासनिक ढाँचा

अब पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के प्रशासनिक ढाँचे को समझते हैं.

पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर का अपना झंडा, राष्ट्रगान, विधान सभा, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उच्च न्यायालय, यहाँ तक कि अपना चुनाव आयोग और टैक्स वसूल करने का सिस्टम भी है, लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से यह पाकिस्तान से जुड़ा हुआ है और उसके नियंत्रण में है.

भारत-पाकिस्तान के 'सुधरते' रिश्तों पर कश्मीर का क्या है सोचना

कश्मीर पर इमरान ख़ान के बयान के बाद तेज़ होती सियासी उठापटक

अतीत में, क्षेत्रीय पार्टी मुस्लिम कॉन्फ़्रेंस का राजनीतिक प्रभाव था, लेकिन धीरे-धीरे कश्मीर की राजनीति में मुख्यधारा की पाकिस्तानी पार्टियों का प्रभाव अधिक हो गया.

यहाँ की राजनीतिक व्यवस्था एक संसदीय लोकतंत्र है, जिसमे दो सदन हैं. आज़ाद जम्मू-कश्मीर परिषद 15 सदस्यों वाला उच्च सदन है. परिषद के आठ सदस्य कश्मीर से और छह पाकिस्तान से मनोनीत होते हैं.

पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इसके सदस्य हैं, और इसके अध्यक्ष पाकिस्तान के प्रधानमंत्री होते हैं.

निचला सदन विधान सभा है. विधानसभा के सदस्यों को 18 वर्ष से अधिक आयु के पंजीकृत मतदाता सीधे तौर पर चुनते हैं. विधान सभा में 53 निर्वाचित सदस्य हैं, जबकि आठ सीटें महिलाओं, टेक्नोक्रेट, उलेमा और विदेश में रहने वाले कश्मीरियों के लिए आरक्षित हैं.

53 निर्वाचित सदस्यों में 12 कश्मीरी शरणार्थी शामिल हैं, जो कश्मीर से बाहर पाकिस्तान में ही कहीं रहते हैं.

25 जुलाई को ही शरणार्थियों की सीटों के लिए पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान और केपी में एक साथ मतदान हुआ. जिसकी वजह से, ये चुनाव बहुत महत्वपूर्ण हो गया है.

भारत पर क्या असर होगा?

पाकिस्तान में चुनाव
Getty Images
पाकिस्तान में चुनाव

लेकिन क्या पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर और भारत प्रशासित कश्मीर में होने वाले चुनावों का दोनों देशों के संबंधों पर कोई असर पड़ेगा?

अहमद बिलाल महबूब ने कहा, ''इसका गहरा असर नहीं होगा. हाँ, यह संभव है कि भारत पर इसका अधिक प्रभाव पड़े. क्योंकि भारत में बहुत से संगठन ऐसे हैं जो भारत से अलग होना चाहते हैं. अगर ऐसे संगठनों को चुनाव जीतने का मौक़ा मिलता है, तो जनता की राय सामने आ जाएगी."

इमरान ख़ान और मोदी सरकार ने क्या एक सच को स्वीकार लिया है?

इसराइल ने कहा- पाकिस्तान ख़ुद शीशे के घर में रहता है

लेकिन क्या ऐसा संभव होगा? इसके जवाब में अहमद बिलाल ने कहा, ''यहाँ दो चीज़ें अहम हैं. पहला यह कि भारत ऐसा नहीं होने देगा."

"और दूसरी बात यह है कि भारत-पाकिस्तान के संबंध पर, पाकिस्तान की संघीय सरकार और उनसे संबंधित नीतियों का गहरा प्रभाव है. भारत की केंद्र सरकार का भी यही हाल है. दोनों तरफ से उन तत्वों को जीतने या सामने आने की इजाज़त नहीं दी जाएगी, जो राज्य और मौजूदा सरकार से नाराज़ है."

(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं. आप हमें फ़ेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
What will impact on India from elections in Pakistan administered Kashmir?
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X