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ट्रंप ने फिर दिया मोदी को झटका, पाकिस्‍तान को फंड मंजूर, लश्कर ए तैयबा पर एक्‍शन को कहा No

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इस्लामाबाद। आतंकवाद को खत्म करने के लिए अमेरिका कांग्रेस ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान को 70 करोड़ डॉलर देने का ऐलान किया था। इस बीच जिन आतंकवाद संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करने कि लिए अमेरिका ने पाकिस्तान पर दबाव डाला है, उसमें लश्कर ए तैयबा का नाम नहीं है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए अमेरिका अपने रवैये को लेकर एक बार फिर बेनकाब हुआ है, जिसने अपनी लिस्ट में लश्कर ए तैयबा का नाम शामिल नहीं किया। यह भारत के लिए किसी तगड़े झटके से कम नहीं है।

ट्रंप ने फिर दिया मोदी को झटका,लश्कर पर एक्‍शन को कहा No

पाकिस्तानी न्यूज पेपर डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए हक्कानी नेटवर्क नाम लिया है। अमेरिका ने पाकिस्तान पर लश्कर ए तैयबा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दबाव तो छोड़िए नाम भी नही लिया है। हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में युद्ध छेड़ रखा है, जहां अमेरिका 16 साल से लड़ रहा है।

लश्कर ए तैयबा ने कई सालों से भारत के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है। वहीं, जम्मू कश्मीर में अराजकता और अस्थिरता फैलाने के लिए लश्कर ए तैयबा लगातार अपने आतंकी भेज रहा है। भारत में कई बार आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका, लश्कर ए तैयबा ने 2008 में मुंबई में 170 निर्दोष लोगों को मार दिया था। भारत के लिए लश्कर ए तैयबा कई वर्षों से सिरदर्द बना हुआ है, जिसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव नहीं डालना नई दिल्ली सरकार के लिए किसी झटके से कम नहीं है।

आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए भारत ने वैश्विक मंच पर कई बार लश्कर ए तैयबा और आतंकी संगठनों के खिलाफ लड़ने के लिए एकजूट होने की बात कर चुका है। लश्कर ए तैयबा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव नहीं डालना भारत के लिए इसलिए भी हैरान करने वाला है, क्योंकि हाल ही में 'लश्कर' और 'जैश' जैसे पाक आधारित आतंकी सगंठनों को ग्लोबल टेरर में शामिल करने के लिए नई दिल्ली सरकार लगातार फोकस कर रही है।

डॉन की इस रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस कांग्रेस के इस बिल में हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए फिलहाल 70 करोड़ डॉलर में से 35 करोड़ डॉलर देने की बात कही है। बिल के अनुसार, अगर पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नाकाम साबित हुआ तो 35 करोड़ डॉलर नहीं दिए जाएंगे। आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए हक्कानी नेटवर्क को खत्म करना लेकिन लश्कर ए तैयबा के खिलाफ कार्रवाई नहीं करना ही गुड टेरेरिज्म और बैड टेरेरिज्म को दर्शाता है।

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English summary
war on terror: US Congress wants Pakistan to act against Haqqani Networks, but does not include LeT in the list
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