VIDEO: टारगेट तालिबान! अफगानिस्तान के इस पड़ोसी ने किया अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास
दुशांबे, 23 जुलाई: अफगानिस्तान के उत्तरी पड़ोसी मुल्क ताजिकिस्तान ने अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास किया है। वहां के राष्ट्रपति ने साफ ऐलान किया है कि तालिबान जिस कदर पड़ोस में अपनी ताकत बढ़ा रहा है, ऐसे में आंख मूंदकर नहीं रहा जा सकता। ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति ने अपनी सेना से हर संभावित परिस्थितियों के लिए तैयार रहने को कहा है। बड़ी बात ये है कि जल्द ही यह अफगानिस्तान सीमा से सटे इलाके में रूस और उज्बेकिस्तान के साथ भी एक बड़ा मिलिट्री एक्सरसाइज करने वाला है। साथ ही साथ ताजिकिस्तान को अहसास है कि जैसे-जैसे तालिबान ज्यादा इलाकों पर कब्जा करता जाएगा तो उसके देश में शरणार्थी आना भी शुरू कर देंगे और उसने इसकी भी तैयारियां शुरू कर दी हैं। (वीडियो नीचे है)
ताजिकिस्तान का अबतक का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास
ताजिकिस्तान के इतिहास के अबतक के सबसे बड़े युद्धाभ्यास का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इसमें उसने अपनी पूरी सेना को उतार दिया है। इस युद्धाभ्यास का समय इसलिए अहम है, क्योंकि यह तब किया गया है, जब तालिबान ने लगभग आधे अफगानिस्तान पर (अमेरिका के मुताबिक) कब्जा कर लिया है। तालिबान की आक्रमकता से ताजिकिस्तान बहुत ज्यादा सतर्क है और वहां के राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन के आदेश पर 2,30,000 सदस्यीय ताजिक सेना को 4 बजे सुबह में अलर्ट कर दिया गया था। ताजिकिस्तान ने अफगानिस्तान सीमा पर अपने अतिरिक्त 20,000 सैनिकों को भी तैनात कर दिया है।
सैन्य युद्धाभ्यास का किया सीधा प्रसारण
एएफपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोवियत संघ से अलग होकर नए देश बनने के बाद करीब 30 साल के इतिहास में जंग के लिए यह सेना इस स्तर पर कभी तैयार नहीं रही है। युद्धाभ्यास में ताजिक सेना ने सभी तरह के हथियारों का इस्तेमाल किया है। इनमें जमीन और हवा से इस्तेमाल किए जाने वाले हथियारों के अलावा तोपखाने भी शामिल हैं। इस युद्धाभ्यास को लेकर यह देश कितना गंभीर है कि इसका स्थानीय सरकारी टीवी पर सीधा प्रसारण किया गया है। मिलिट्री एक्सरसाइज के बाद सेना ने एक परेड भी निकाली, जिसकी अगुवाई खुद राष्ट्रपति इमोमाली राखमोन कर रहे थे।
ताजिकिस्तान का टारगेट तालिबान!
सेना को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति इमोमाली ने कहा है 'हमारे पड़ोसी अफगानिस्तान की स्थिति, खासकर उत्तरी क्षेत्र की सीमा के नजदीक बहुत ही जटिल और अस्थिर हो चुकी है।.....यह दिन-प्रतिदिन और हर घंटे बहुत ही ज्यादा जटिल होती जा रही है। ' उन्होंने अपनी सेना से अपने देश की सीमाओं को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी संभावित खतरे के खिलाफ खुद को हमेशा तैयार रहने के लिए कहा है। जाहिर है कि ताजिकिस्तान ने अपने इतिहास का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास का आयोजन करके तालिबान को सीधे जंग का संदेश दे दिया है।
|
रूस के साथ भी युद्धाभ्यास की तैयारी
गौरतलब है कि राखमोन 1994 से सत्ता में हैं और अफगानिस्तान संकट को लेकर वे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी बात कर चुके हैं। गौरतलब है कि रूस ने पहले ही ऐलान कर रखा है कि वह अगले महीने अफगान सीमा पर ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ मिलकर बहुत बड़ा युद्धाभ्यास करने जा रहा है। ताजिकिस्तान ने अपनी सैन्य तैयारी पर इसलिए जोर दिया है, क्योंकि तालिबान पिछले कुछ समय से लगातार उसकी सीमाओं के आसपास हमले कर रहा है।
इसे भी पढ़ें- अफगानिस्तान से जाते-जाते अमेरिका का बड़ा ऑपरेशन, 5 तालिबानियों के सफाए का दावा
1,00,000 अफगान शरणार्थियों को पनाह देने की तैयारी
सिर्फ जंग ही नहीं, ताजिकिस्तान अफगानिस्तान से आए शरणार्थियों को भी पनाह देने की तैयारियों में जुटा हुआ है। उसने कहा है कि वह 1,00,000 तक अफगान शरणार्थियों को शरण देने की तैयारी कर रहा है। ताजिकिस्तान की इमरजेंसी कमिटी के डिप्टी हेड इमोमाली इब्रोहिम्जोदा ने शुक्रवार को कहा है कि वह अफगान शरणार्थियों के लिए पहले से ही दो बड़े वेयरहाउस बना रहे हैं, जहां उनके लिए सप्लाई को स्टोर किया जा सके। यह वेयरहाउस अफगानिस्तान सीमा से सटे खातलोन और गोर्नो-बादाख्शान प्रांतों में बनाए जा रहे हैं। इस महीने सैकड़ों अफगान नागरिक भागकर ताजिकिस्तान पहुंच भी गए थे। लेकिन वहां की सरकार का कहना है कि वे अफगानिस्तान लौट चुके हैं। (अंतिम तस्वीर प्रतीकात्मक, बाकी सोशल मीडिया वीडियो ग्रैब से)