डोनाल्ड ट्रंप देंगे भारतीय कर्मचारियों को जोर का झटका, अमेरिका के लोगों की होगी भर्ती
अमेरिका में हाल में ही चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते भारतीय आईटी कंपनियों को बड़े पैमाने पर स्थानीय अमेरिकी नागरिकों की नियुक्ति करनी होगी।
वाशिंगटन। अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब वहां काम कर रहे भारतीयों को जोर का झटका देने जा रहे हैं।
अमेरिका में हाल में ही चुने गए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों के चलते भारतीय आईटी कंपनियों को बड़े पैमाने पर स्थानीय अमेरिकी नागरिकों की नियुक्ति करनी होगी।
आपको बताते चलें कि भारत की दिग्गज आईटी कंपनियां टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, इंफोसिस और विप्रो जैसी कंपनियां अमेरिका में एच1-बी वीजा के जरिए बड़े पैमाने पर भारत से कर्मचारियों की भर्ती करती हैं और उनहें विदेश ले जाती हैं।
अमेरिका में भारतीय कर्मचारियों को अमेरिकी लोगों की तुलना में कम वेतन पर ही रख लिया जाता है। इसलिए आईटी कंपनियां भारतीय इंजीनियरों को खूब वरीयता देती हैं।
वर्ष 2005-14 के दौरान इन तीन कंपनियों में एच1-बी वीजा पर काम करने वाले कर्मचारियों का आंकडा 86,000 से ज्यादा का था।
अभी तक अमेरिका इतने लोगों को हर साल अमेरिका हर साल इतने लोगों को एच1-बी वीजा देता रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप के अलावा उनकी ओर से चुने गए अटॉर्नी जनरल जेफ सेशन्स भी अमेरिकी वीजा नीति को और सख्त किए जाने की बात कही है।