दुनिया की सबसे खतरनाक जेल ग्वांतानामो बे की 'गुप्त तहखाने' पर लगा ताला, जानिए कितनी खतरनाक सजा मिलती थी यहां
दुनिया की सबसे खतरनाक जेल ग्वांतानामो बे जेल की सीक्रेट यूनिक को बंद कर दिया है और कैदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया है।
वाशिंगटन: दुनिया की सबसे खतरनाक जेल ग्वांतानामो बे जेल के एक यूनिट पर आखिरकार ताला लग ही गया है। अमेरिकी सरकार ने ग्वांतानामो बे जेल के एक यूनिट को बंद करने का फैसला लिया था और अब एक युनिट को बंद कर वहां से कैदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अमेरिकी सेना ने ग्वांतानामो बे जेल के यूनिट तो बंद करने की जानकारी दी है। (तस्वीर क्रेडिट- एनबीसी न्यूज)
ग्वांतानामो बे जेल की यूनिट बंद
ग्वांतानामो बे जेल की वजह से अकसर अमेरिकी सरकार की आलोचना होती रहती थी। इस जेल को दुनिया का सबसे खतरनाक जेल माना जाता है और यहां अमेरिका के सबसे खूंखार कैदियों को रखा जाता है। इस जेल के अंदर कैदियों को इतनी सख्त यातनाएं दी जाती थीं, कि उसके लिए अमेरिकी सरकार की हमेशा से आलोचना होती रहती थी। अमेरिकी सेना के दक्षिणी कमान ने एक बयान में कहा है कि कैंप-7 में बंद कैदियों को इसके पास में ही स्थित एक दूसरे जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अमेरिकी सेना ने कहा है कि जेल के यूनिट को बंद करने का फैसला ऑपरेशनल क्वालिटी को बेहतर बनाना है।
कैंप-7 की सीक्रेट बातें
ग्वांतानामो बे क्यूबा में स्थित है और इस जेल को दुनिया का सबसे खतरनाक जेल कहा जाता है। इस जेल को 2011 में अमेरिका में आतंकवादी हमले के बाद शुरू किया गया था। इस जेल में अमेरिका के सबसे खूंखार कैदियों को रखा जाता है। माना जाता है कि इस जेल में सबसे ज्यादा पाकिस्तान और अफगानिस्तान के कैदी बंद हैं। 2002 में ग्वांतानामो बे जेल से रिहा हुए कुछ कैदियों ने बीबीसी को बताया था कि इस जेल में छोटी छोटी पिंजरेनुमा कोठरियों में उन्हें रखा जाता था, जिनमें भयंकर गर्मी लगती थी। जेल से छूटे अफगानिस्तान के एक कैदी ने बताया था कि जेल में रहने के दौरान बाहरी दुनिया से संपर्क पूरी तरह खत्म हो गया था। यहां तक की छूटने से 3 दिन पहले तक उसे उसके परिवार की कोई चिट्ठी नहीं दी गई थी।
ग्वांतानामो बे जेल में 40 कैदी
रिपोर्ट के मुताबिक ग्वांतानामो बे जेल का कैंप-7 एक सिक्रेट अड्डा है। कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कैंप-7 में अमेरिका ने दुनिया के सबसे खूंखार आतंकियों को बंद करके रखा है। इस कैंप को 2006 में खोला गया था और इसके पीछे अमेरिकी सुरक्षा एजेंसी सीआए चाहती थी कि कैदियों से पूछताछ कर आतंकियों के तमाम नेटवर्क को ही खत्म कर दिया जाए। माना जाता है कि कैंप-7 में बेहद क्रूर तरीके से कैदियों से सलूक किया जाता था। हालांकि, अब अमेरिकी सेना ने कहा है कि कैंप-7 में बंद कैदियों को कैंप-5 में शिफ्ट कर दिया गया है। कैंप-7 तक कभी भी पत्रकारों को पहुंचने नहीं दिया गया और इसका लोकेशन भी अनजान था। हालांकि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ने इस जेल को बंद करने से साफ इनकार कर दिया था।
ट्रंप ने जेल बंद करने से किया था मना
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा जहां ग्वांतानामो बे जेल को बंद करना चाहते थे वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने इस जेल को बंद करने की बात से साफ इनकार कर दिया था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि आतंकियों के कोई मानवाधिकार नहीं होते हैं। ग्वांतानामो बे की आलोचना इसलिए भी होती है कि बिना किसी चार्ज, बिना किसी मुकदमे के इस जेल में सालों से दर्जनों कैदी बंद हैं। कुछ कैदी इस जेल में 20 साल से ज्यादा वक्त से बंद हैं लेकिन अभी तक उनके ऊपर कोई मुकदमा नहीं चलाया गया है।