अमेरिकी सेना कर रही 'अमोघ दवा' का परीक्षण, 'चमत्कारी' दवा खाने से सेना के जवान नहीं होंगे बूढ़े
अमेरिकी सेना एक ऐसी दवा का परीक्षण करने जा रही है, जिसे खाने से वो कभी बूढ़े नहीं होंगे।
वॉशिंगटन, जुलाई 09: अमेरिकी सेना एक ऐसी अमोघ दवा का परीक्षण कर रही है, जिसे खाने के बाद उसके सैनिकों को बूढ़ेपन से निजात मिल जाएगी। इस चमत्कारिक दवा का इस्तेमाल करने से सैनिकों के शरीर को वृद्ध होने के प्रभाव से छुटकारा मिल जाएगा। इस दवा को स्पेशल ऑपरेशंस कमांड यानि SOCOM द्वारा विकसित किया जा रहा है और ये दवा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के 'मानव प्रदर्शन में सुधार' के लक्ष्य का एक हिस्सा है। अमेरिका में बनने वाली इस सीक्रेट दवा को लेकर ब्रेकिंग डिफेंस ने ब्रेकिंग न्यूज सार्वजनिक की है।
क्या है ये असाधारण दवा?
रिपोर्ट के मुताबिक इस दवा से शरीर के अंदर यौगिक पदार्थों का स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी और उम्मीद है कि इस दवा का इस्तेमाल करने से शरीर में बनने वाले सूजन और न्यूरोडीजेनेरेशन कम हो जाएगी। यानि, इस दवा का इस्तेमाल करने से इंसानी शरीर के अंदर मौजूद कोशिकाएं फिर से जवान होने लगेंगी। SOCOM के अगले साल से इस दवा का क्लिनिकल परीक्षण शुरू होने की उम्मीद है। ब्रेकिंग डिफेंस की रिपोर्ट के मुताबिक यदि परिणाम सफल होते हैं, तो गोली में 'उम्र बढ़ने में देरी करने, चोट लगने पर बने घाव को जल्द से जल्द भरने और शरीर की कोशिकाओं को हमेशा जवान रखने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर ये दवा कारगर साबित होती है, तो पूरी दुनिया में खेल ही बदल जाएगा।
दवा की असाधारण खासियतें
इस आश्चर्यजनक गोली के निर्माण के लिए SOCOM निजी बायोटेक प्रयोगशाला मेट्रो इंटरनेशनल बायोकेम के साथ मिलकर काम कर रहा है। SOCOM के प्रवक्ता और नेवी कमांडर टिम हॉकिन्स ने ब्रेकिंग डिफेंस को बताया कि गोली 'ह्यूमन परफॉर्मेंस स्मॉल मॉलीक्यूल' पर आधारित है। हॉकिन्स ने कहा कि, 'ऐसा नहीं है कि इस दवा के इस्तेमाल से शरीर के अंदर नई कोशिकाएं पैदा हो जाएंगी, बल्कि दवा का सेवन करने से शरीर के अंदर जो कोशिकाएं मौजूद हैं, वो लंबे समय तक वृद्ध नहीं होगें और इंसान काफी लंबे वक्त तक जवान रह सकेगा''। उन्होंने कहा कि ''इस दवा के निर्माण का मकसद ये है कि आमतौर पर जिन सैनिकों की उम्र बढ़ने के साथ उनका प्रदर्शन कम होने लगता है, उन्हें ये दवा दी जाएगी, ताकि उनका प्रदर्शन हमेशा उच्चतम रहे''।
अमेरिकी सेना ने दवा पर क्या कहा ?
अमेरिकी सेना ने इस दवा को लेकर कहा है कि ''हम अभी देश की लीडिंग दवा इंडस्ट्री पार्टनर्स के साथ मिलकर इस दवा का क्लिनिकल रिसर्च शुरू करने वाले हैं, ताकि दवा की एक गोली के तौर पर न्यूट्रास्यूटिकल विकसित किया जा सके और अगर हमें रिसर्च में कामयाबी मिलती है, तो फिर इसे हम आम जनता के लिए भी जारी कर देंगे। ताकि, आम जनता की क्षमतदा में भी इजाफा हो और उनमें चोट लगने के बाद होने वाले दर्द को लेकर काफी गहरी सहनशक्ति उत्पन्न हो जोए। आपको बता दें कि न्यूट्रास्यूटिकल भोजन से प्राप्त एक उत्पाद है जिसमें पोषक तत्वों और खनिजों के अलावा स्वास्थ्य या औषधीय लाभ होते हैं। कई खाद्य पदार्थ, जैसे डेयरी प्रोडक्ट और एंटीऑक्सीडेंट एडिटिव्स में न्यूट्रास्यूटिकल पाया जाता है। सेना ने कहा है कि अगर ये प्रयोग सफल रहता है तो अमेरिकी सेना काफी अच्छे से लड़ पाएंगे।
कैसे काम करेगी ये दवाई ?
मेट्रो इंटरनेशनल बायोकेम की वेबसाइट बताती है कि यह दवा उन फार्मास्यूटिकल्स पर केंद्रित है जो निकोटिनमाइड एडेनिन डाइन्यूक्लियोटाइड + (एनएडी +) को बढ़ाते हैं। NAD+ एक कोएंजाइम है, जो एक गैर-प्रोटीन यौगिक है जो एक एंजाइम के काम करने के लिए आवश्यक है। यह एनर्जी मेटाबोलिज्म और एनर्जी प्रोडक्शन में शामिल होता है। मुख्य रूप से भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करता है, जिनका उपयोग कोशिकाएं उपयोग करती हैं। साइंटिफिक अमेरिकन ने बताया कि पिछले रिसर्च से पता चला है कि एनएडी + के स्तर को बढ़ाने से चूहों और कीड़ों की उम्र बढ़ सकती है, इसके अलावा जानवरों के शोध में पाया गया कि, एनएडी + के स्तर में वृद्धि ने माइटोकॉन्ड्रिया, चूहों के बूढ़े हो चुके कोशिकाओं को फिर से जवान करने में मदद की है। SOCOM और मेट्रो इंटरनेशनल बायोकेम ने उम्मीद जताई है कि जिस तरह से इस दवा का असर चूहों पर हुआ है, उसी तरह ये लोगों पर उतने ही कारगर होंगे।
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