अमेरिकी अस्पताल इबोला पीड़ित को देगा मुआवजा
ऑस्टिन।
अमेरिका
का
एक
अस्पताल
जानलेवा
इबोला
वायरस
की
वजह
से
मरे
लाइबेरिया
निवासी
थोमस
एरिक
डंकन
के
परिजनों
को
मुआवजा
देने
के
लिए
राजी
हो
गया
है।
दरअसल,
अस्पताल
शुरू
में
यह
बता
पाने
में
असफल
रहा
था
कि
मरीज
को
इबोला
है,
जिसकी
वजह
से
बाद
में
उसकी
मौत
हो
गई।
समाचार एजेंसी 'एफे' के अनुसार, डंकन परिवार के अधिवक्ता लेस वैस्ब्रोड ने बताया कि फिलहाल इस बात का खुलासा नहीं किया गया है कि अस्पताल कितना मुआवजा देगा, लेकिन यह एक अच्छा समझौता है।
डलास स्थित टेक्सास हेल्थ प्रेस्बिटेरियन हॉस्पिटल पीड़ित परिवार को मुआवजा देने के अलावा डंकन के नाम पर एक फंड भी शुरू करेगा।डंकन 20 सितंबर को लाइबेरिया से अमेरिका अपनी प्रेमिका से शादी करने आया था।
25 सितंबर को बुखार और पेट में दर्द होने पर वह अस्पताल गया, लेकिन अस्पताल ने एंटीबायोटिक दवाएं देकर उसे वापस घर भेज दिया। अस्पताल प्रशासन ने इस बात पर गौर नहीं किया कि वह पश्चिम अफ्रीका से आया है, जहां इबोला वायरस 5,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है।
डंकन तीन दिन बाद दोबारा अस्पताल गया, जहां उसमें इबोला की पुष्टि हो गई। उसके बाद उसे निगरानी में रखा गया और उसका इलाज चला, जहां बाद में उसकी मौत हो गई।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।