उर्दू प्रेस रिव्यूः पाकिस्तान में क्यों मनाया जा रहा है 'कश्मीर एकता दिवस'?
पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव पर एक लेख भारतीय पत्रिका में छपा है. ये लेख पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में सुर्खियों में है.
पाकिस्तान से छपने वाले उर्दू अख़बारों में इस हफ़्ते पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव से जुड़ी ख़बरें सभी अख़बारों में छाई रहीं.
भारत के जाने माने पत्रकार प्रवीण स्वामी ने भारत से छपने वाली अंग्रेज़ी मैगज़ीन फ़्रन्टलाइन में कुलभूषण जाधव पर एक लेख लिखा है.
पाकिस्तान के सारे अख़बारों ने इस लेख का हवाला देकर ख़बरें छापी हैं.
अख़बार जंग ने सुर्ख़ी लगाई है, ''भारत की पाकिस्तान मुख़ालिफ़ गतिविधियां, पोल खुल गई''.
'कुलभूषण जाधव की जानकारी सार्वजनिक हो गई'
अख़बार लिखता है कि भारत के मशहूर पत्रकार प्रवीण स्वामी ने इस बात को उजागर किया है कि कुलभूषण जाधव की गिरफ़्तारी से साबित हो गया है कि ये गतिविधियां भारत के लिए ख़तरे से ख़ाली नहीं है, किसी भी ग़लती के नतीजे में भारत फ़ायदे से ज़्यादा नुक़सान उठा सकता है.
प्रवीण स्वामी ने अपने लेख में कहा है कि भारत की गुप्त कार्रवाई के अपने विस्तार कार्यक्रमों और उनके दीर्घकालिक परिणामों को 'कुलभूषण मामला' गंभीरता से दर्शाता है.
अख़बार लिखता है कि प्रवीण स्वामी के इस लेख को ख़ुद उनके ही अख़बार द इंडियन एक्सप्रेस ने छापने से इनकार कर दिया जिसके बाद प्रवीण ने ये लेख फ़्रन्टलाइन मैगज़ीन में छपवाया.
अख़बार दुनिया ने तो पूरे लेख को फ़्रन्टलाइन के साभार के साथ उर्दू में अनुवाद कर छाप दिया है.
अख़बार ने सुर्ख़ी लगाई है, ''कुलभूषण जाधव कौन हैं, पूरी जानकारी सार्वजनिक हो गई हैं.''
अख़बार का दावा है कि इस लेख के कारण स्वामी को इंडियन एक्सप्रेस की अपनी नौकरी भी गंवानी पड़ी.
हालांकि अभी तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है.
कश्मीर एकता दिवस
कुलभूषण जाधव के अलावा भारत प्रशासित कश्मीर से जुड़ी ख़बरें भी लगभग सारे अख़बारों में हैं.
पाकिस्तान की धरती पर सक्रिय चरमपंथी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा के प्रमुख हाफ़िज़ सईद ने दो फ़रवरी से लेकर 11 फ़रवरी तक लगातार दस दिनों तक 'कश्मीर एकता दिवस' मनाने की घोषणा की है.
इस दौरान पूरे पाकिस्तान में भारत प्रशासित कश्मीर में रहने वाले लोगों के समर्थन में रैलियां निकाली जाएंगी और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे.
अख़बार नवा-ए-वक़्त के अनुसार 10 दिनों के कार्यक्रम की शुरुआत शुक्रवार को आयोजित एक सेमिनार से हुई.
सेमिनार का शीर्षक था, ''जलती हुई जन्नत के झुलसते फूल''.
सेमिनार को संबोधित करते हुए हाफ़िज़ सईद ने कहा कि भारत की पूरी विदेश नीति सिर्फ़ हाफ़िज़ सईद के इर्द-गिर्द घूमती है.
अख़बार के अनुसार हाफ़िज़ सईद का कहना था, ''मेरी समस्या सिर्फ़ कश्मीर है. हम कश्मीरियों की मदद से पीछे नहीं हट सकते. भारत, अमरीका का इस्तेमाल कर रहा है.''
भारत पर हमला करते हुए हाफ़िज़ सईद ने कहा, ''भारत बलूचिस्तान में जो खेल खेल रहा है वो दरअसल पूर्वी पाकिस्तान की त्रासदी मौजूदा पाकिस्तान में दोहराना चाहता है और उसमें रुकावट कश्मीर है.''
अख़बार के अनुसार सेमिनार को कई लोगों ने संबोधित किया और सभी ने पाकिस्तानी सरकार से मांग की कि कश्मीर एकता दिवस के मौक़े पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री को अपनी पूरी कैबिनेट के साथ संयुक्त राष्ट्र के दफ़्तर पर धरना देना चाहिए.
इमरान ख़ान पर अपनी शादी छिपाने के आरोप
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान की पूर्व पत्नी रेहाम ख़ान का एक बयान भी पाकिस्तानी अख़बारों में छाया हुआ है.
अख़बार जंग के मुताबिक़ रेहाम ख़ान ने भारत के एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दिया है जिसमें उन्होंने इमरान ख़ान पर अपनी शादी को छिपाने और झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
अख़बार के अनुसार रेहाम ख़ान ने कहा है कि उनकी और इमरान ख़ान की शादी 31 अक्तूबर 2014 को हुई थी लेकिन उन्होंने पूरे दो महीने बाद अपनी शादी की बात सार्वजनिक की और तो और इस दौरान उन्होंने ट्विटर पर अपनी शादी की बात को सिरे से ख़ारिज कर दिया था.
रेहाम ने कहा कि इमरान जब अपनी शादी के मामले में झूठ बोल सकते हैं तो फिर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सच्चा कैसे मान लिया. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अदालत पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ पर तो इतनी सख़्ती बरत रही है लेकिन शादी के मामले में झूठ बोलने वाले इमरान ख़ान को सच्चा क़रार दिया है.
ग़ौरतलब है कि भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इमरान ख़ान को बरी कर दिया था.