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पाकिस्तान में पत्रकारिता पर इमरान सरकार का हथौड़ा, जर्नलिस्ट हामिद मीर को जियो न्यूज ने निकाला

हामिद मीर पाकिस्तान के लोकप्रिय न्यूज चैनल जियो न्यूज के संपादक थे और लोकप्रिय प्राइम टाइम टॉक शो 'कैपिटल टॉक' की मेजबानी करते थे।

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इस्लामाबाद, जून 01: पाकिस्तान में सरकार और सेना पर सवाल उठाने वाले वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर पर इमरान सरकार ने तानाशाही का हथौड़ा चला दिया है और एक बार फिर से साबित कर दिया है कि जो भी जर्नलिस्ट इमरान खान को हकीकत का आईना दिखाएगा, वो उस आईने को ही नहीं तोड़ेंगे, बल्कि आईना दिखाने वालों को भी खत्म कर देंगे। पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तान सेना के गठबंधन को लेकर आवाज उठाने वाले वरिष्ठ पाकिस्तानी पत्रकार को इमरान खान के दवाब की वजह से जियो न्यूज से निकाल दिया गया है।

हामिद मीर को जियो न्यूज ने निकाला

हामिद मीर को जियो न्यूज ने निकाला

हामिद मीर पाकिस्तान के लोकप्रिय न्यूज चैनल जियो न्यूज के संपादक थे और लोकप्रिय प्राइम टाइम टॉक शो 'कैपिटल टॉक' की मेजबानी करते थे। इस दौरान वो लगातार पाकिस्तान सरकार की आलोचना करते थे। अपनी बेबाक राय और सरकार की नीतियों की आलोचना करने के लिए हामिद मीर जाने जाते हैं लेकिन इमरान खान ने सच बोलने वाले एक जर्नलिस्ट के पंखों को कतरने की कोशिश की है। इमरान खान के दबाव में आकर पहले हामिद मीर को जियो न्यूज ने उन्हें शो करने से रोक दिया और फिर अब उन्हें चैनल से निकाल दिया गया है। एक साथी पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले के बाद हामिद मीर ने आईएसआई, पाकिस्तानी आर्मी और इमरान खान की जमकर आलोचना की थी।

हामिद मीर से क्यों गुस्साए इमरान खान ?

दरअसल, पत्रकार हामिद मीर ने शुक्रवार को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक साथी पत्रकार पर हुए जानलेवा हमले के बाद हामिद मीर ने इमरान सरकार की आलोचना की थी। उन्होंने हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ बताया था। रिपोर्ट के मुताबिक असद तूर पर तीन अज्ञात व्यक्तियों ने हमला कर दिया था और हमले के विरोध में इस्लामाबाद में पत्रकारों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस दौरान पत्रकार हामिद मीर ने बेहद उग्र भाषण दिया था और सीधे तौर पर हमले के पीछे आईएसआई को जिम्मेदार ठहराया था। उन्होंने पाकिस्तान में पत्रकारों पर होने वाले हमले को लेकर जवाबदेही तय करने की मांग की थी।

हामिद मीर पर जियो न्यूज का बयान

हामिद मीर पर जियो न्यूज का बयान

एक दिन पहले बीबीसी ऊर्दू से बात करते हुए जियो न्यूज ने कहा कि 'वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने अपने भाषण में जो कुछ भी कहा है, उसने समाज के एक बड़े हिस्से को ठेस पहुंचाई है। उनके बयान की जियो न्यूज की एडिटोरियल टीम और वकील की टीम जांच कर रही है कि क्या उन्होंने किसी नियम कानून का उल्लंघन भी किया है, तब तक उनके टॉक शो कैपिटल टॉक से उन्हें ऑफ एयर कर दिया गया है।' जियो न्यूज ने अपने बयान में कहा है कि 'हम अपने दर्शकों को याद दिलाना चाहते हैं कि जियो न्यूज और जंग ग्रुप को बंद किया गया था, हमारे जर्नलिस्टों के साथ कई बार मारपीट की गई, हमारे पत्रकारों पर कई फर्जी और झूठे इल्जाम लगाए गये, हमारे पत्रकारों के ऊपर ईशनिंदा के झूठ इल्जाम लगाए गये, हमारे साथ तानाशाही की गई, जिसकी वजह से हमें काफी ज्यादा आर्थिक नुकसान हुआ है। फिर भी हम पाकिस्तान की अवाम के साथ खड़े रहे। हम देश की लोकतंत्र को मजबूत करने की कोशिश करते रहे। हमारी संस्था को दर्शकों तक सच्चाई पहुंचाने के एवज में 10 अरब रुपये का नुकसान भी झेलना पड़ा। ऐसे में हमारे लिए अब काफी मुश्किल हो गया है कि हम संपादकों की जिम्मेदारी तय करें।'

हामिद मीर ने कहा- मेरे लिए नई बात नहीं

इमरान खान सरकार की तानाशाही रवैये पर पत्रकार हामिद मीर ने कहा कि उनके लिए ये सब बातें नई नहीं है। उन्होंने कहा कि 'मुझे पहले भी चैनल से निकाला गया है। मुझे धमकियां दी गई। अभी भी मुझे और मेरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी गई है। लेकिन मैं इन सब बातों का अभ्यस्त हूं और मैं बोलना बंद नहीं करूंगा। पाकिस्तान में नेताओं को लोकतंत्र के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा। आईएसआई इस तरह से सच्चाई कहने वाले पत्रकारों को जेल में नहीं डाल सकती, उनपर हमला नहीं करवा सकती है।' आपको बता दें कि हामिद मीर पाकिस्तान के कुछ उन चुनिंदा पत्रकारों में से हैं, जिन्होंने सरकार कोई भी हो, हमेशा नीति के आधार पर सरकार की आलोचना की है। नवाज शरीफ के शासनकाल में हामिद मीर पर जानलेवा हमला किया गया था। दफ्तर जाते वक्त उन्हें कई गोलियां मारी गई थीं। इसके अलावा भी हामिद मीर पर एक और बार हमला हो चुका है। वहीं, हामिद मीर ने जब नवाज शरीफ की आलोचना की थी तो जियो न्यूज को एक महीने के लिए नवाज शरीफ ने बंद ही करवा दिया था।

हामिद मीर पर बवाल

हामिद मीर को जियो न्यूज से निकाले जाने को लेकर पाकिस्तान में जमकर बवाल हो रहा है। सिविल सोसाइटी इमरान खान की जमकर आलोचना कर रहा है। वहीं, इमरान खान की खुद की पार्टी पीटीआई के नेताओं ने हामिद मीर को जियो न्यूज से निकाले जाने की आलोचना और निंदा की है। भारतीय न्यूज चैनल टीवी-9 से बात करते हुए पीटीआई के वरिष्ठ नेता अब्दुल समय याकूब ने इमरान सरकार की आलोचना की और हामिद मीर को जियो न्यूज से निकाले जाने की निंदा की है। उन्होंने कहा कि 'जब जब बात पत्रकारों की स्वतंत्रता और आजादी की बात आएगी, मैं हमेशा पत्रकारों के साथ खड़ा हूं। मैं हामिद मीर को 1995 से जान रहा हूं। उनके ऊपर कोई पहली बार पाबंदी नहीं लगी है। उनके ऊपर मुसर्रफ ने भी पाबंदी लगाई, जरदारी दौर में भी पाबंदी लगी, नवाज शरीफ के दौर में भी पाबंदी लगी और दुर्भाग्य से इस दौर में भी पाबंदी लगी है। मैं हामिद मीर के साथ हूं।' आपको बता दें कि पाकिस्तान में फ्रीडम ऑफ स्पीच नाम मात्र ही बचा है और सत्ता पर आसीन होने वाली हर सरकार जर्नलिस्टों को अपनी नाकामयाबी छिपाने के लिए कुचलने पर आमादा रहती है।

पाकिस्तान में पत्रकारिता एक ड्रामा

पाकिस्तान में पत्रकारिता एक ड्रामा

पाकिस्तान में देखा जाए तो पत्रकारिता और सिविल सोसाइटी के नाम पर एक ड्रामा ही होता है। भारत की इंटरनेशल रिलेशन एंड इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन के प्रोफेसर डॉ. मनन द्विवेदी वन इंडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत में बताते हैं कि 'पाकिस्तान में फ्रीडम ऑफ स्पीच नाम की कोई चीज होती नहीं है। पाकिस्तान में सिविल सोसाइटी भी कुछ उच्च वर्ग के लोग सिर्फ कहने के लिए चलाते हैं, उनका मकसद साधारणतया सरकारों को ही बचाना होता है। पाकिस्तान की सरकार आईएसएई और पाकिस्तानी आर्मी के कहे अनुसार ही चलती है और पाकिस्तान की डेमोक्रेसी सिर्फ दिखाने के लिए है। असलियत में वहां चीन जैसे ही हालात हैं और सरकारें पत्रकारिता को हमेशा दवाब में रखना चाहती है'। डॉ. मनन द्निवेदी बताते हैं कि 'यूनाइटेड नेशंस के कमिटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट में भी पाकिस्तान की स्थिति काफी खराब बताई गई है और किसी जर्नलिस्ट की आवाज को बंद कर देना पाकिस्तान के संदर्भ में बिल्कुल भी नया नहीं है'

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English summary
Under heavy pressure from the Imran Khan government, Geo News has fired eminent journalist and editor Hamid Mir from the news channel.
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