बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ बाप ने ULFA बनाकर उठाए थे हथियार, बेटी ने वहीं के लड़के से रचाया ब्याह
उल्फा के महासचिव गोलाप बरुआ उर्फ अनूप चेतिया ने गुरुवार को डेक्कन हेराल्ड को बताया कि, "जब मैं जेल में था तब मुझे उनके रिश्ते के बारे में पता नहीं था।
ULFA leader Daughter Marriage: जिस शख्स ने आसाम से बांग्लादेशी अवैध घुसपैठियों को भगाने के लिए हथियार उठा लिए थे, उस शख्स की बेटी ने खुद बांग्लादेशी शख्स के साथ शादी रचा ली है। हम बात कर रहे हैं, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन उल्फा की स्थापना करने वाले अनुप चेतिया की, जिनकी बेटी ने बांग्लादेशी युवक अनिर्बान चौधरी से शादी रचा ली है। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुप चेतिया, जिनका असली नाम गोलाप बरुआ है, उनकी बेटी बान्या बरुआ ने बांग्लादेशी युवक अनिर्बान चौधरी से लव मैरिज की है।
अनुप चेतिया की बेटी ने की शादी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बान्या बरुआ को ढाका में अपने सहपाठी अनिर्बान चौधरी से प्यार हो गया था और अब दोनों ने शादी कर ली है। बान्या बरुआ को उस वक्त बांग्लादेशी लड़के से प्यार हुआ, जब उनके पिता आसाम में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों को भगाने के लिए हाथों में हथियार लेकर उत्पात मचा रहे थे। गोलाप बरुआ प्रतिबंधित विद्रोही समूह 'यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम' (उल्फा) के संस्थापकों में से एक हैं, जो कई सालों तक बांग्लादेश की जेल में बंद रह चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अनुप चेतिया की बेटी बान्या और अनिर्बान चौधरी, दोनों ने ढाका के मास्टरमाइंड इंटरनेशनल स्कूल से पढ़ाई की है। दोनों उस वक्त ढाका के स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, जिस वक्त अनुप चेतिया के नेतृत्व में असम में उल्फा उग्रवाद अपने चरम पर था।
पिता के पैतृक गांव में की शादी
30 सितंबर को बान्या और अनिर्बान ने पूर्वी असम के डिब्रूगढ़ शहर से लगभग 40 किमी दूर स्थित अपने पिता के पैतृक गांव जेरईगांव में शादी के बंधन में बंध गए। आपको बता दें कि, साल 2015 में मोदी सरकार ने बांग्लादेश से अनुप चेतिया को भारत प्रत्यर्पित करने की गुजारिश की थी, ताकि वो केन्द्र सरकार और उल्फा संगठन के बीच शांति वार्ता में हिस्सा ले सके और मोदी सरकार के अनुरोध को स्वीकार करते हुए बांग्लादेश की जेल से उन्हें भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया था। उनकी गिरफ्तारी साल 1997 में बांग्लादेश में की गई थी और साल 2002 में उन्हें बांग्लादेश की एक अदालत ने सैटेलाइट फोन रखने के आरोप में सात सालों की सजा सुनाई थी।
बेटी के लव मैरिज पर क्या बोला अनुप
उल्फा के महासचिव गोलाप बरुआ उर्फ अनूप चेतिया ने गुरुवार को डेक्कन हेराल्ड को बताया कि, "जब मैं जेल में था तब मुझे उनके रिश्ते के बारे में पता नहीं था। लेकिन बांग्लादेश में लोगों ने हमारी क्रांति में हमें जिस तरह की मदद दी, उसके लिए हमारे मन में प्यार और सम्मान है। इसलिए हमें शादी पर कोई आपत्ति नहीं थी।" आपको बता दें कि, 1979 में अनुप चेतिया और आसाम के कुछ युवाओं ने हथियार उठाने का फैसला किया और पड़ोसी बांग्लादेश से असम की "अवैध प्रवास" की समस्या को हल करने के उद्देश्य से उल्फा का गठन किया। उल्फा ने कहा कि, झरझरा सीमाओं के माध्यम से बांग्लादेशियों के अवैध प्रवास के कारण असम के मूल निवासियों की पहचान दांव पर लग चुकी है। लेकिन, असम में सेना की कार्रवाई के बाद चेतिया सहित उल्फा के कई बड़े नेता बांग्लादेश भाग गए थे।
बांग्लादेश में अंजाम देता था ऑपरेशन
उल्फा ने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बांग्लादेश में शिविर लगाए थे और वहां से उग्रवादी गतिविधियों को अंजाम दिया था। अनुप चेतिया को 1997 में बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था और वह 2015 में भारत निर्वासित होने तक जेल में बंद था। अभी भी अनुप चेतिया केंद्र सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए बातचीत कर रहा है और माना जा रहा है, कि सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने की संभावना है। चेतिया ने कहा कि, "लोगों से लोगों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने के लिए असम और बांग्लादेश में लड़कों और लड़कियों के बीच अधिक शादियां होनी चाहिए।"
शादी पर उठ रहे हैं सवाल
अनुप चेतिया मोटोक समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, जो असम के स्वदेशी समुदायों में से एक है। वहीं, उनकी बेटी की शादी मोटोक समुदाय की परंपराओं के अनुसार ही संपन्न हुई है। हालांकि, उनकी आधिकारिक शादी 15 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न के एक मंदिर में होगी, जहां अब अनिर्बान काम करते हैं। चेतिया ने कहा कि, यह जोड़ा शादी के बाद मेलबर्न में रहेगा। हालांकि, इस शादी को लेकर सोशल मीडिया पर कई लोग सवाल उठा रहे हैं, कि, अब बांग्लादेश से अवैध प्रवास और सीएए के मुद्दे पर चेतिया का क्या रुख होगा। एक यूजर ने फेसबुक पर अपने पोस्ट में सवाल उठाते हुए पूछ कि, "चूंकि लड़का बांग्लादेशी हिंदू है, तो क्या चेतिया अब भी सीएए का विरोध करेंगे? क्योंकि सीएए बांग्लादेश के हिंदुओं को भी भारतीय नागरिकता प्रदान करना चाहता है।"
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