Trump Kim Meeting: कभी किम को बुलाया था, 'लिटिल रॉकेट मैन,' आज ट्रंप ने जीता उनका भरोसा
मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच मुलाकात हुई और दोनों नेताओं ने सिंगापुर समझौता साइन किया। लेकिन इस मुलाकात से पहले नॉर्थ कोरिया ने अमेरिकी उप-राष्ट्रपति पर बड़ा बयान दिया था और ट्रंप-किम की मीटिंग मुश्किल लगने लगी थी।
सिंगापुर। मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और नॉर्थ कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच मुलाकात हुई और दोनों नेताओं ने सिंगापुर समझौता साइन किया। लेकिन इस मुलाकात से पहले नॉर्थ कोरिया ने अमेरिकी उप-राष्ट्रपति पर बड़ा बयान दिया था और ट्रंप-किम की मीटिंग मुश्किल लगने लगी थी। ट्रंप ने सिंगापुर समिट को कैंसिल कर दिया था। फिर अचानक नॉर्थ कोरिया के टॉप जासूस अमेरिका पहुंचे और उन्होंने डोनाल्ड को एक चिट्ठी भेजी और फिर इस समिट के रास्ते खुल गए। उस एक घटना से पहले भी दोनों नेताओं की ओर से एक-दूसरे के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया था जो काफी अपमानजनक थे। ट्रंप-किम के बीच जारी वर्ड वॉर ने दुनिया में एक और परमाणु युद्ध की संभावना को बढ़ा दिया था।
ट्रंप ने किम को कहा लिटिल रॉकेट मैन
सितंबर 2017 में यूनाइटेड नेशंस की जनरल एसेंबली (यूएनजीए) में बतौर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार शिरकत की। यहां पर उन्होंने परमाणु हथियारो पर बोलते हुए किम का जिक्र किया। ट्रंप ने इसी जगह पर किम को 'लिटिल रॉकेट मैन' की उपाधि दे डाली। ट्रंप ने कहा, 'लिटिल रॉकेट मैन अपने और साम्राज्य के लिए एक सुसाइड मिशन पर निकला है।'ये ट्रंप की डेब्यू स्पीच थी और जो टाइटल किम के लिए ट्रंप ने प्रयोग किया उसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। ट्रंप की डेब्यू स्पीच के बाद किम जोंग उन का भी बयान आया। उन्होंने ट्रंप की स्पीच के बाद उन्हें मानसिक रूप से अस्वस्थ और पागल व्यक्ति तक करार दे डाला था।
फिर एक-दूसरे ने बांधे तारीफों के पुल
मुलाकात के बाद ट्रंप और किम ने एक-दूसरे की तारीफ की। ट्रंप को मीटिंग से पहले ही इस बात का भरोसा था कि वह यहां से खाली हाथ नहीं जाएंगे। वॉशिेंगटन पोस्ट के मुताबिक ट्रंप यह मन बनाकर आए थे कि वह शांति और परमाणु कार्यक्रम से आजादी का वादा किम से लेकर जाएंगे। शनिवार को ट्रंप ने किम के बारे में कहा था, 'यह नेता अभी तक एक अज्ञात व्यक्तित्व है। इस नेता के बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं। मुझे लगता है कि किम काफी हैरान होने वाले हैं। अभी आगे देखेंगे कि क्या होता है।' ट्रंप ने यह बयान कनाडा में जी-7 समिट के लिए रवाना होते समय दिया था।
कैसे ट्रंप ने जीता किम का भरोसा
इस मीटिंग में ट्रंप को अपने एटीट्यूट पर पूरा भरोसा था। ट्रंप जानते थे कि सबको दबाव में लाने वाली उनकी पर्सनाल्टी उन्हें वह वादा दिला सकती है, जिसकी वह उम्मीद कर रहे हैं। पिछले हफ्ते ट्रंप ने कहा था, 'यह सब-कुछ एटीट्यूट और कुछ हासिल करने की इच्छा पर ही निर्भर करेगा।' ट्रंप को मालूम था कि उन्हें कैसे बात करनी है और किस तरह से किम से उस समझौते पर साइन कराना है, जो उन्हें अमेरिकी इतिहास में नाम दिलवा सकता है। ट्रंप यह मूड बनाकर आए थे कि उन्हें मीटिंग के पहले ही मिनट में नॉर्थ कोरिया को परमाणु हथियार छोड़ने के लिए राजी करना है और उन्होंने ऐसा ही किया।