Tokyo Olympics चीफ योशिरो मोरी ने दिया इस्तीफा, महिलाओं पर सेक्सिस्ट टिप्पणी पड़ी भारी
Tokyo Olympics President Resigns: टोक्यो। जापान में प्रस्तावित टोक्यो ओलम्पिक प्रमुख योशिरो मोरी ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। ओलम्पिक प्रमुख का ये इस्तीफा महिलाओं को लेकर उनकी अशालीन टिप्पणी के बाहर आने के बाद आया है। पिछले हफ्ते ही जापानी मीडिया ने योशिरो मोरी की टिप्पणी प्रसारित की थी जिसमें वह महिलाओं के बारे में अशालीन टिप्पणी कर रहे थे।
जापानी प्रेस रिपोर्ट के मुताबिक मोरी ने पिछले सप्ताह ओलंपिक बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक में महिलाओं के बारे में सेक्सिस्ट टिप्पणी करते हुए कहा था कि महिलाओं के चलते बैठक लंबी चलती है। बैठक में मोरी ने कहा था कि "बहुत सारी महिलाओं के साथ बोर्ड मीटिंग में अधिक समय लगता है क्योंकि महिलाएं प्रतिस्पर्धी हैं। अगर कोई सदस्य बोलने के लिए अपना हाथ उठाता है तो दूसरे सोच सकते हैं कि उन्हें भी बोलने की जरूरत है।"
रिपोर्ट के मुताबिक मोरी ने आगे कहा "अगर आप महिला सदस्यता बढ़ाना चाहते हैं तो आप तब तक परेशानी में रहेंगे जब तक आप समय सीमा नहीं निर्धारित कर देते हैं।"
मोरी
ने
टिप्पणी
पर
जताया
था
दुख
83
वर्षीय
योशिरो
मोरी
जापान
के
प्रधानमंत्री
भी
रह
चुके
हैं।
घटना
के
अगले
दिन
मीडिया
से
बाद
करते
हुए
हुए
टोक्यो
ओलंपिक
चीफ
ने
स्वीकार
किया
था
कि
उन्होंने
बंद
कमरे
में
हो
रही
मीटिंग
में
महिलाओं
के
बारे
में
पूर्वाग्रह
से
भरी
टिप्पणी
की
थी
और
उन्हें
उस
पर
दुख
पर
है।
खेल आयोजकों ने शुक्रवार को जापान की राजधानी में एग्जीक्यूटिव बोर्ड के सदस्यों के साथ बैठक की थी जिसमें मोरी की टिप्पणी से होने वाले नुकसान पर चर्चा की गई थी।
टोक्यो ओलंपिक की आयोजन समित के प्रमुख योशिरो मोरी ने पहले कहा था कि उनकी इस्तीफा देने की कोई योजना नहीं है लेकिन चौतरफा विरोध के बाद उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा है।
जापान
लैंगिक
भेदभाव
में
आगे
जापान
में
महिलाओं
को
लैंगिक
भेदभाव
का
सामना
करना
पड़ता
है।
वर्ल्ड
इकोनॉमिक
फोरम
की
2020
में
जारी
ग्लोबर
जेंडर
गैप
रिपोर्ट
के
अनुसार
दुनिया
की
विकसित
अर्थव्यवस्थाओं
में
जापान
में
लिंगानुपात
का
अंतर
काफी
बड़ा
है।
रिपोर्ट
में
जापान
को
153
देशों
में
121वें
स्थान
पर
रखा
गया
है।
इसमें
पाया
गया
था
कि
लिस्टेड
कंपनियों
के
बोर्ड
में
सिर्फ
5.3%
महिलाएं
जबकि
संसद
में
उनका
प्रतिनिधित्व
केवल
10
प्रतिशत
ही
है
जो
दुनिया
में
महिला
राजनीतिक
प्रतिनिधित्व
के
सबसे
निचले
स्तर
में
शामिल
है।