पृथ्वी के पास दिखा ग्रहों को तबाह करने वाला एस्टेरॉयड, सूरज की रोशनी से वैज्ञानिकों को दे रहा चकमा
Near-Earth Asteroids News: काफी वक्त से खगोलविद अंतरिक्ष में घूम रहे एस्टेरॉयड की गुत्थी सुझलाने की कोशिश कर रहे, लेकिन इनको लेकर रोजाना नई रिसर्च सामने आती रहती है। वैसे तो हाईटेक अंतरिक्ष उपकरणों की मदद से पृथ्वी की तरफ आने वाले एस्टेरॉयड का पता काफी पहले लगा लिया जाता है, लेकिन बहुत से एस्टेरॉयड ऐसे हैं, जो इंसानों और उनके उपकरणों को चकमा दे देते हैं।
3 नए एस्टेरॉयड दिखे
हाल ही में खगोलविदों ने तीन नियर अर्थ एस्टेरॉयड को देखा, जो अभी तक छिपे हुए थे। इसमें एक एस्टेरॉयड बहुत बड़ा है, जिसे पृथ्वी के खतरे के रूप में देखा जा रहा। खगोलविदों को आशंका है कि भविष्य में ये एस्टेरॉयड इंसानों को मुसीबत में डाल सकता है।
कैसे दे रहे चकमा?
खगोलविदों के मुताबिक वैसे तो ये आम एस्टेरॉयड हैं, लेकिन इससे इंसानों को सतर्क रहने की जरूरत है। इनकी निगरानी करना बहुत ही मुश्किल है, क्योंकि सूर्य की चमक इनको इंसानी दूरबीनों से बचाती है। हालांकि बीच-बीच में ऐसा विंडो मिल जाता है, जब खगोलविदों को ये दिखते हैं। ये एस्टेरॉयड पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के भीतर पाए जाने वाले समूह से संबंधित हैं।
कब आएंगे पृथ्वी के करीब?
अब एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने सेरो टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जर्वेटरी में स्थित विक्टर एम. ब्लैंको 4-मीटर टेलीस्कोप के डार्क एनर्जी कैमरे का उपयोग करके इन एस्टेरॉयड का पता लगाया है। इसमें से एक को 2022 AP7 नाम दिया गया, जो 1.5 किलोमीटर चौड़ा है। इसकी एक कक्षा है जो इसे भविष्य में पृथ्वी के पथ के भीतर ला सकती है, लेकिन खगोलविद अभी ये पता नहीं लगा पाए कि ऐसा कब होगा।
प्लैनेट किलर के नाम से मशहूर
मामले में वाशिंगटन के कार्नेगी इंस्टीट्यूशन फॉर साइंस के खगोलशास्त्री स्कॉट एस शेपर्ड ने कहा कि हमारी टीम पृथ्वी और शुक्र की कक्षाओं के भीतर एस्टेरॉयड को खंगाल रही थी, उसी दौरान इनका पता लगा। इसे प्लैनेट किलर यानी ग्रहों का हत्यारा भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका विनाशकारी प्रभाव पृथ्वी पर पड़ेगा और ऐसी घटना घटेगी, जैसी पिछले लाखों सालों में नहीं घटी।
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बाकी दो को खतरा नहीं
खगोलविदों के मुताबिक बाकी दो एस्टेरॉयड का नाम 2021 LJ4 और 2021 PH27 रखा गया है। ये अभी सुरक्षित कक्षाओं में हैं और इनसे पृथ्वी को भविष्य में कोई खतरा नहीं होगा।