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European Union के सांसद बोले, चांद से नहीं आते हैं आतंकवादी, पाकिस्‍तान में मिली है पनाह

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ब्रसेल्‍स। यूरोपियन यूनियन (ईयू) ने जम्‍मू कश्‍मीर मसले पर भारत का साथ दिया है। ईयू ने जम्‍मू कश्‍मीर से आर्टिकल 370 हटने के साथ ही कश्‍मीर मसले को भारत का द्विपक्षीय मसला बताया है। वहीं इस मसले पर जहां ईयू ने भारत को समर्थन दिया है तो वहीं ईयू के दो सांसदों ने सार्वजनिक तौर पर आतंकियों की मदद करने पर पाकिस्‍तान को फटकार लगाई है। ईयू ने पाकिस्‍तान को संदिग्‍ध देश बताते हुए, कश्‍मीर मसले पर पाकिस्‍तान के रुख को सिरे से खारिज कर दिया है।

पाक में ही मौजूद हैं आतंकी

पाक में ही मौजूद हैं आतंकी

17 सितंबर को ईयू में दूसरी बार कश्‍मीर घाटी पर बहस हुई। पोलैंड के यूरोपियन एंड रिफॉर्मिस्‍ट ग्रुप के राइस्‍जार्ड जारनेकी ने कहा, 'भारत दुनिया का महानतम लोकतंत्र है। हमें इस देखना होगा कि कैसे भारत के जम्‍मू कश्‍मीर में आतंकी हमले हुए हैं। ये आतंकी कोई चांद से नहीं आए हैं। यह पड़ोस से आ रहे थे। हमें भारत का समर्थन करना चाहिए।' वहीं, इटली के यूरोपियन पीपुल्‍स पार्टी (क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स) ग्रुप के यूलिवियो ने कहा, 'पाकिस्‍तान ने परमाणु हथियार के प्रयोग की धमकी दी है। पाकिस्‍तान वह जगह है जहां पर ऐसे आतंकी मौजूद हैं जिन्‍होंने यूरोप में आतंकी हमलों की साजिश को अंजाम दिया है।'

पाकिस्‍तान-भारत के साथ करे वार्ता

पाकिस्‍तान-भारत के साथ करे वार्ता

इसके साथ ही संगठन ने पाकिस्‍तान को एक संदिग्‍ध देश करार दिया है। हालांकि ईयू संसद ने भारत और पाकिस्‍तान से कहा है कि दोनों देश कश्‍मीर मसले पर सीधी वार्ता को बढ़ावा दें। ईयू संसद ने कहा है कि भारत-पाक को बातचीत के जरिए इस मसले का शांतिपूर्ण समाधान निकालना चाहिए। ईयू की ओर से हाल ही में इस बात पर फैसला लिया था कि भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर से आर्टिकल 370 को हटाने का जो फैसला लिया है उस पर बहस होनी चाहिए। फिलहाल फिनलैंड, ईयू का मुखिया है।

2008 के बाद दूसरा मौका

2008 के बाद दूसरा मौका

साल 2008 के बाद यह दूसरा मौका है जब कश्‍मीर पर यहां चर्चा की गई है। साल 2008 में जब कश्‍मीर मसले पर चर्चा हुई थी जो उस समय कश्‍मीर पर एक प्रस्‍ताव पास हुआ था। इस प्रस्‍ताव में भारत से मांग की गई थी कि वह साल 2006 के बाद से कश्‍मीर में जो कब्रें मिली हैं उनकी स्‍वतंत्र और निष्‍पक्ष जांच कराए।

कश्‍मीर पर प्रस्‍ताव लाने की तैयारी

कश्‍मीर पर प्रस्‍ताव लाने की तैयारी

पाकिस्‍तान 19 सितंबर यानी गुरुवार को यूएनएचआरसी के जेनेवा हेडक्‍वार्टर पर कश्‍मीर मसले पर एक प्रस्‍ताव पेश कर सकता है। 27 सितंबर को यूएनएचआरसी का सत्र खत्‍म हो रहा है और माना जा रहा है कि पाक इससे पहले प्रस्‍ताव को पेश कर सकता है।

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English summary
Terrorists Didn't Land from Moon, They Come from Pak' say European Union parliamentarians.
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