चीनी विशेषज्ञ की धमकी तवांग भारत का नहीं चीन का हिस्सा, दलाई लामा का दौरा बिगाड़ेगा संबंध
चीनी विशेषज्ञ ने दी भारत को धमकी कहा अरुणाचल प्रदेश का तवांग चीन का हिस्सा और यहां पर दलाई लामा का दौरा भारत-चीन के रिश्ते में लाएगा खटास। अप्रैल में होना है दलाई लामा का अरुणाचल दौरा।
बीजिंग। चीन को तिब्बत के मसले पर सलाह देने वाले एक विशेषज्ञ ने भारत को चेतावनी दी है। इस विशेषज्ञ ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश का तवांग भारत का नहीं बल्कि चीन का हिस्सा है और यहां पर दलाई लामा का दौरा भारत-चीन के रिश्तों को बिगाड़ सकता है।
खराब होंगे दोनों के रिश्ते
चीन के चाइना तिब्बतोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट सेंटर (सीटीआरसी) में इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेंपरेरी तिब्बतन स्टडीज के डायरेक्टर लियान शियानग्मिन ने कहा है कि चीन भी अपने यहां पर 14वें दलाई लामा के उत्तराधिकारी का चयन कर सकता है। सीटीआरसी एक थिंक टैंक है जो चीन की सरकार को तिब्बत पर बनी नीतियों पर सलाह देता है। गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए शियानग्मिन ने तवांग पर चीन के दावे को सही बताया। उन्होंने कहा कि तवांग का तिब्बत के साथ एतिहासिक जुड़ाव है। ऐसे में अगर दलाई लामा यहां जाते हैं तो इस बात में कोई शक नहीं है कि भारत-चीन के रिश्तों पर असर पड़ेगा। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से इस माह की शुरुआत में कहा गया था कि दलाई लामा का तवांग दौरा काफी चिंता का विषय है। चीन सीमा विवाद के तहत अरुणाचल प्रदेश के 90,000 स्क्वायर किलोमीटर के हिस्से पर अपना हक जताता है। वर्ष 1985 से ही चीन, तवांग को अपना हिस्सा बताता आया है। इससे पहले तीन मार्च को एक रिपोर्ट आई थी जिसमें चीन के एक राजनयिक ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए भारत को एक अजीबो-गरीब सलाह दी थी। चीन के राजनयिक दाई बिंग्ग्यूओ ने कहा है कि अगर भारत, तवांग, चीन को सौंप दे तो फिर चीन भी अक्साई चिन में छूट देगा।
पांच से सात अप्रैल तक है दौरा
लियान ने दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश के उस आखिरी दौरे की ओर ध्यान दिलाया जिसमें उन्होंने कहा था कि तवांग, भारत का हिस्सा है। लियान के मुताबिक यह सही नहीं है और अगर फिर से दलाई लामा तवांग जाते हैं तो फिर चीन और भारत के दोस्ताना संबंध खराब हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि चीन इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं देख सकता है। लियान कहते हैं कि इस बार तो दलाई लामा के इस दौरे की तैयारी भारत सरकार की ओर से की गई है। लियान ने धमकी देने के अंदाज में कहा कि संवेदनशील मुद्दों और इलाकों को नहीं छूना चाहिए। दलाई लामा का दौरा संवेदनशील मुद्दों को फिर से छेड़ रहा है और इसके नकारात्मक प्रभाव होंगे। दलाई लामा पांच से सात अप्रैल तक अरुणाचल का दौरा करेंगे। भारत ने दलाई लामा के दौरे पर साफ कर दिया है कि एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र के तौर पर भारत, दलाई लामा को देश के किसी भी हिस्से में जाने से नहीं रोकेगा। चीन दावा करता है कि पूर्वी हिमालय का हिस्सा 'दक्षिणी तिब्बत' है और इसलिए वह इसे विदेश मानता है। कई बार भारत के अधिकारियों की दौरे से भारत अपना दावा पेश करता रहता है।