मंगल ग्रह की खाई को देखते ही होश उड़ जाएंगे, जानें कैसे बौना हो गया अमेरिका
यूरोपी स्पेस एजेंसी के मार्स एक्स्प्रेस ने आश्चर्यजनक नई तस्वीरों में विशालकाय वैलेसे मेरिनरिस घाटी का खुलासा किया है। ये घाटी 4000 किमी लंबी है। इसकी चौड़ाई 200 किमी और गहराई 6.5 किमी है।
लंदन, 26 जुलाई : लाल ग्रह यानी की मंगल ग्रह (Mars) वैज्ञानिकों के लिए हमेशा से खोज का विषय रहा है। आम लोग भी धरती से मिलते-जुलते इस ग्रह के बारे में जानने की इच्छा रखते हैं। कई लोगों का मानना है कि, इस लाल ग्रह पर लाखों वर्षों पहले जीवन रहा होगा। वैज्ञानिक आज भी इस ग्रह पर जीवन को लेकर शोध कर रहे हैं। नासा और यूरोपीय एजेंसी मार्स को लेकर कई तरह के शोध कर रहे हैं। वहीं, यूरोपीय स्पेस एजेंसी के मार्स एक्स्प्रेस ने मंगल ग्रह की एक अद्भुत रहस्यों से पर्दा हटाया है (Stunning new Mars photos explore the solar system's largest canyon)।
मंगल की आश्चर्यजनक तस्वीर
यूरोपी स्पेस एजेंसी के मार्स एक्स्प्रेस ने आश्चर्यजनक नई तस्वीरों में विशालकाय वैलेसे मेरिनरिस घाटी का खुलासा किया है। ये घाटी 4000 किमी लंबी है। इसकी चौड़ाई 200 किमी और गहराई 6.5 किमी है। अगर तुलना करें तो इसकी लंबाई अमेरिका के ग्रैंड कैनियन से भी 20 गुना ज्यादा बड़ी है। यूरोपीय स्पेस एजेंसी की तस्वीरों में दो खाइयों या चस्मा को दिखाया गया है।
हाई रिजॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा का हुआ इस्तेमाल
मंगल ग्रह पर ये खाइयां पश्चिमी भाग का हिस्सा हैं, जो वैलेस मेरिनेरिस के पश्चिमी भाग का एक हिस्सा है। बाईं ओर 838 किमी लंबा लुस चस्मा है और दाईं और 804 किमी लंबा टिथोनियम चस्मा (Tithonium Chasma) है। इन तस्वीरों को मार्स एक्सप्रेस के हाई रिजॉल्यूशन स्टीरियो कैमरा के डेटा के इस्तेमाल से बनाया गया है। ये मंगल ग्रह के असली रंगों के जोड़ कर बनाई गई है।
मंगल के पहाड़ों से धरती की तुलना
बता दें कि, यूरोप में स्थित आल्पस की पहाड़ी का सबसे ऊंचा पहाड़ मोंट ब्लैंक समुद्र तल से 15,000 फीट ऊंचा है। अगर उसे टिथोनियम चस्मा में रख दिया जाए तो बौना लगेगा। ग्रैंड कैनियन की लंबाई 445 किमी है। वहीं चौंड़ाई 28 किमी है। मंगल ग्रह को हम लाल ग्रह कहते हैं और इस ग्रह से संबंधित प्रतिदिन हमें नई जानकारियां मिलती रहती है।
कैसे बना था ग्रैंड कैनियन
वैज्ञानिक बताते हैं कि, अमेरिका का ग्रैंड कैनियन लाखों वर्ष पहले नदी के बहने से बना था। इसके विपरीत माना जाता है कि लाल ग्रह की टेक्टोनिक प्लेटों के बहने से मंगल की घाटी बनी है। टिथोनियम चस्मा की ऊंचाई पर गहरे रंग की रेत का एक पैच है जो शायद पास के ज्वालामुखी क्षेत्र से आया होगा। बता दें कि, मंगल ग्रह के रहस्यों से धीरे-धीरे पर्दा हटता जा रहा है। आने वाले समय में वहां पर जीवन की संभावनाओं से भी काफी कुछ जानकारियां मिल सकती हैं
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