पाकिस्तान में भारी संख्या में सिख समुदाय का पलायन, हकीम सतनाम सिंह की हत्या के बाद दहशत
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से भारी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। जान बचाने के लिए सिख समुदाय के लोग भाग रहे हैें।
इस्लामाबाद, अक्टूबर 03: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार तो लगातार होते रहते हैं, लेकिन अब अल्पसंख्यकों को मौत के घाट उतारे जाने लगा है, जिसके बाद पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत से भारी संख्या में सिख समुदाय के लोगों ने पलायन करना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, जान जाने के डर से खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से भारी तादाद में सिख समुदाय के लोग पाकिस्तान के दूसरे शहरों की तरह भाग रहे हैं।
सिखों का पलायन
स्थानीय मीडिया ने बताया कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) प्रांत में सिखों को निशाना बनाकर मारा जा रहा है और पिछले कुछ सालों में दर्जन भर से ज्यादा सिखों को मारा गया है। वहीं, जब से तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उसके बाद से लगातार सिखों को धमकियां मिल रही हैं और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। पाकिस्तानी अखबार 'द डेली वतन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, खैबर पख्तूनख्वा में सिख समुदाय ने सुरक्षा की उम्मीद में पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में पलायन करना शुरू कर दिया है।
युनानी वैद्य का कत्ल
पाकिस्तानी अखबार 'द डेली वतन' ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि, इसी हफ्ते पेशावर में सिख समुदाय से आने वाले यूनानी चिकित्सक सतनाम सिंह को गोलियों से भून दिया गया है। उन्हें क्लिनिक में आकर हथियारबंद लोगों ने छलनी कर दिया था और हमलावरों के खिलाफ पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। पाकिस्तानी अखबार ने लिखा है कि, पुलिस ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश भी नहीं की और बाद में पता चला कि वो हमलावर इस्लामिक स्टेट खुरासन के आतंकवादी थे। पाकिस्तानी अखबार के मुताबिक, यूनानी वैद्य सतनाम सिंह खैबर पख्तूनख्वा के ओरकजई जिले में रहते थे, लेकिन बाद में सुरक्षित जिंदगी जीने के लिए खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर आ गये थे। पेशावर पुलिस ने कहा कि 45 वर्षीय सतनाम सिंह की गुरुवार को उसके क्लिनिक में अज्ञात लोगों ने गोली मारकर हत्या कर दी।
सिख समुदाय में था सतनाम सिंह का नाम
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान के सिख समुदाय में सतनाम सिंह एक जाने-माने नाम थे और केपीके की राजधानी पेशावर में चारसद्दा रोड पर धर्मेंद्र फार्मेसी चलाते थे। वह पिछले 20 साल से शहर में रह रहे थे। पिछले गुरुवार देर रात सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक संदेश में इस्लामिक स्टेट-खोरासन ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। डेली वतन की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि, पिछले छह-सात वर्षों में केपीके में आतंकवादियों द्वारा 13 सिखों की हत्या की गई है। केपीके के पूर्व मुख्यमंत्री परवेज खान खट्टक के पूर्व सलाहकार डॉ स्वर्ण सिंह की भी पाकिस्तान में हत्या की जा चुकी है। सिख समुदाय के एक प्रमुख नेता चरणजीत सिंह की 2018 में अज्ञात लोगों ने हत्या कर दी थी, जबकि टेलीविजन एंकर रविंदर सिंह की पिछले साल पेशावर में हत्या कर दी गई थी।
डरा हुआ है सिख समुदाय
इस तरह की घटनाओं की बढ़ती संख्या के कारण अल्पसंख्यक समुदाय के परिवारों ने हसनबदल, लाहौर और नानकना साहिब की तरफ पलायन करना शुरू कर दिया है। जहां सिखों की एक बड़ी आबादी है। इस्लामिक स्टेट-खोरासन, जो अफगानिस्तान में स्थित है, उसने 15 अगस्त को तालिबान के काबुल में मार्च करने के बाद से कई अफगान शहरों में हमले तेज कर दिए हैं। इसने 26 अगस्त को काबुल हवाई अड्डे पर घातक आत्मघाती हमले का दावा किया जिसमें लगभग 170 अफगान और 13 अमेरिकी सेना मारे गए थे।