देखिए, कैसे लड़कियों को अजगर के साथ तैरने के लिए किया गया मजबूर
इस वीडियो को देखने से साफ है कि कैसे करीब 9 लड़कियों को एक कीचड़ से भरे गड्ढे में उतारा जाता है। अचानक ही इसमें एक बड़ा सा अजगर छोड़ दिया जाता है।
नई दिल्ली। क्या आपको सही लगता है कि मोटिवेशनल कैंप के नाम पर 10-12 साल की छोटी-छोटी लड़कियों को अजगर के साथ तैरने पर मजबूर किया जाए? ऐसा ही एक मामला मलेशिया में सामने आया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
मोटिवेशनल कैंप का चौंकाने वाला वीडियो
मलेशिया के एक कैंप की इस वीडियो कुछ लड़कियों को अजगर के साथ तैरने के लिए मजबूर किया गया। इस वीडियो को देखने से साफ है कि कैसे करीब 9 लड़कियों को एक कीचड़ से भरे गड्ढे में उतारा जाता है।
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पहले तो वे अकेले ही इसमें उतरती हैं और खेल रही होती हैं। अचानक ही इसमें एक बड़ा सा अजगर छोड़ दिया जाता है। इसके बाद लड़कियों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आने लगती हैं।
वीडियो में नजर आता है कि कैसे लड़कियां कीचड़ भरे गड्ढे से बाहर निकलने की कवायद करती हैं। इस दौरान उन पर पानी की बौछार की जाती है।
10-12 साल की लड़कियों के साथ ये कैसा सलूक?
फिर भी सभी लड़कियां एक दूसरे को अजगर के डर से बाहर निकालने में सहयोग करती हैं। लेकिन उनके निकल जाने के बाद उन्हें दोबारा से उसी कीचड़ भरे गड्ढे में कूदने के लिए मजबूर किया जाता है। इस दौरान बच्चियों के चेहरे पर डर और खौफ साफ नजर आता है।
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कहने को ये एक मोटिवेशनल कैंप था लेकिन प्रेरक शिविर के नाम पर 10-12 साल की लड़कियों से ऐसा सलूक क्या सही है?
बताया जा रहा है कि ये वीडियो मलेशिया के क्वालाकंगशर सिविल डिफेंस ब्रिगेड का है, जिसमें स्कूल के ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत उन्हें कीचड़ से भरे गड्ढे में उतारा गया। उनके मुताबिक ये एक मोटिवेशनल कैंप था जिसमें लड़कियों को टीम बिल्डिंग के गुर सिखाने की कोशिश की जा रही थी।
कैंप आयोजकों के मुताबिक सुरक्षा के किए गए थे खास इंतजाम
कैंप आयोजकों का कहना है कि इस ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षा के खास इंतजाम किए जाते हैं। इस दौरान करीब चार ट्रेनर और 6 उनके सहयोगी मौजूद रहते हैं।
किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए ये खास नजर रखते हैं। हालांकि वीडियो में नजर आता है कि जब लड़कियां अजगर के बीच फंसे होने पर गड्ढे से निकलने की कवायद कर रही होती हैं तो ये ट्रेनर कोई सहयोग करने के लिए नहीं जाते।
बताया जा रहा है कि ये कार्यक्रम 2012 में शुरू किया गया और वायरल हो रहा वीडियो 32वें सेशन का है। बताया जा रहा है कि इस कैंप में करीब 1600 बच्चे शामिल हो चुके हैं। इस कैंप में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें अलग-अलग तरीके से उन्हें प्रशिक्षण दिया जाता है।
कैंप के इस कार्यक्रम पर उठी उंगलियां, पुलिस ने दर्ज किया केस
फिलहाल इस वायरल वीडियो के सामने आने के बाद ऐसे कार्यक्रम का विरोध भी शुरू हो गया है। बच्चों की मनोवैज्ञानिक और मलेशिया की पूर्व मानवाधिकार आयुक्त चियाम हेंग केंग ने कहा कि मैं ऐसे कार्यक्रम का विरोध करती हूं। बच्चों के साथ ऐसा बर्ताव कतई ठीक नहीं कहा जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि बड़ों को बच्चों की मनोवैज्ञानिक स्थिति को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं इस वीडियो को देखकर डरी हुई हूं।
इस बीच मामले में कार्रवाई की गई है जिसमें 10 ट्रेनर और उनके सहयोगियों को निलंबित किया जा चुका है। वहीं जानकारी के मुताबिक पुलिस ने भी वायरल वीडियो के आधार पर केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू की है।
देखिए वो चौंकाने वाला वीडियो...