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अफगानिस्तान में तालिबान के बीच आपसी लड़ाई, बम धमाके में अपने ही कई साथियों को उड़ाया

अफगानिस्तान में सीरियल धमाकों में कई तालिबानी अधिकारी मारे जाने की खबर आई थी और अब पता चला है कि तालिबानी आतंकियों ने ही आपस में बम धमाके किए थे।

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जलालाबाद, सितंबर 18: अफगानिस्तान के जलालाबाद में आज सुबह कई सिलसिलेवार बम धमाकों में तालिबान अधिकारियों सहित कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई थी और करीब 20 लोग घायल हो गए हैं। अफगानिस्तान के नंगरहार प्रांत की राजधानी में हुए विस्फोट में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाया गया था। नंगरहार में स्थानीय अधिकारियों ने टोलो न्यूज को बताया कि सड़क किनारे बम विस्फोट हुआ जब एक तालिबान रेंजर इसे हटा रहा था। अब पता चला है कि ये बम धमाके तालिबान के आतंकियों ने ही एक दूसरे को मारने के लिए किए थे। आपकी लड़ाई के बाद बम फोड़े गये हैं।

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तालिबान आतंकियों की आपस में जंग

तालिबान आतंकियों की आपस में जंग

काबुल पर नजर रखने वालों का कहना है कि विस्फोट तालिबान के विभिन्न गुटों के बीच अंदरूनी कलह का नतीजा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि मरने वालों में तालिबान के दो अधिकारी शामिल हैं जबकि घायलों में ज्यादातर आम नागरिक हैं। जलालाबाद में हुए दो विस्फोटों में तालिबान के सदस्यों को ले जा रहे वाहनों के दो काफिले को निशाना बनाया गया। तीसरा विस्फोट यूनिवर्सिटी अस्पताल के पास हुआ। वहीं, काबुल में शनिवार को एक चिपचिपे बम के फटने से दो लोग घायल हो गए। काबुल बम का निशाना अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन जलालाबाद बारूदी सुरंग विस्फोट तालिबान अधिकारियों को निशाना बनाकर किया गया था। जलालाबाद अफगानिस्तान का पांचवां सबसे बड़ा शहर है जो काबुल से लगभग 80 मील दूर है। यह विस्फोट ऐसे समय में हुआ है जब 15 अगस्त को एक अप्रत्याशित तख्तापलट में तालिबान द्वारा देश पर कब्जा कर लिया गया है। तब से अफगानिस्तान में कई हमले हुए हैं, जिसमें अमेरिका द्वारा संचालित एक ऑपरेशन भी शामिल है, जिसमें 10 बेगुनाह लोग मारे गये थे।

अमेरिकी हमले में 10 की मौत

अमेरिकी हमले में 10 की मौत

पेंटागन ने शुक्रवार को कहा कि 29 अगस्त को उसके ड्रोन हमले में इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावर को निशाना बनाया गया था, लेकिन कई आम नागरिक मारे गए थे। एक बयान में रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन ने कहा कि ड्रोन हमले में एक स्थानीय नागरिक अहमदी की मौत हो गई, जो न्यूट्रिशन एंड एजुकेशन इंटरनेशनल नामक एक एनजीओ के लिए काम करता था। ऑस्टिन ने बयान में कहा, "अब हम जानते हैं कि अहमदी और आईएसआईएस-खोरासन के बीच कोई संबंध नहीं था, और उस दिन उसकी गतिविधियां संदिग्ध नहीं थीं और हम इसके लिए माफी मांगते हैं''।

पहले अमेरिका ने बोला था झूठ

पहले अमेरिका ने बोला था झूठ

आपको बता दें कि, न्यूयॉर्क टाइम्स ने करीब एक दर्जन परिवारों, उनके दोस्तों और ड्राइवर्स से बात करने के बाद खुलासा किया था, कि अमेरिकी सेना ने एक निर्दोष सहायता कर्मी को ड्रोन हमले में उड़ा दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था, कि एयरस्ट्राइक के बाद पेंटागन ने झूठ बोला था। आपको बता दें कि अमेरिका ने आईएसआईएस-खुरासन के आतंकियों पर हमले का दावा किया था, जिसमें 11 लोग मारे गये थे। बाद में रिपोर्ट आई थी कि अमेरिकी हमले में एक ही परिवार के 10 लोग मारे गये थे। मरने वाले लोगों में एक ही परिवार के 7 बच्चे शामिल थे। अमेरिकी ड्रोन हमले में अहमदी नाम के शख्स भी मारे गये थे, जिन्होंने बतौर टेक्निकल इंजीनियर के तौर पर अफगानिस्तान के न्यूट्रिशन एंड एजुकेशन इंटरनेशनल चैरिटी ग्रुप के साथ काम किया था। इस सगठन का काम अफगानिस्तान के भूखे लोगों को खाना खिलाना था।

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English summary
Several Taliban officers have been killed in serial blasts in Afghanistan, while many civilians are reported to be injured.
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