जब चीन में हुई दुनिया के दो सबसे ताकतवर नेताओं की मुलाकात
वाशिंगटन। चीन के हैंगझोऊ में 11वें जी-20 शिखर सम्मेलन का समापन भले ही हो गया हो लेकिन अभी तक इस सम्मेलन के बारे में चर्चाएं हो रही हैं।
कई तरह की खबरों के बीच ही जब इस सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूस के राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन की जब मुलाकात हुई, तो हर कोई जानना चाहता था कि आखिर इस मुलाकात में क्या-क्या बातें हुई होंगी।
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क्यों मिले पुतिन-ओबामा
दोनों नेता जी-20 शिखर सम्मेलन से अलग सीरिया के हालातों पर चर्चा करने के लिए मिले थे। दोनों ने 90 मिनट तक बातचीत भी की लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला।
पुतिन पर ओबामा ने लगाया आरोप
इनकी मुलाकात उस समय हुई जब सीरिया की सरकार ने अलेप्पो के कई हिस्सों पर अपना कब्जा वापस हासिल कर लिया था। यह मुलाकात इसलिए भी खास थी क्योंकि करीब दो माह पहले ही राष्ट्रपति ओबामा ने पुतिन पर आरोप लगाया था कि वह हैकिंग के जरिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों को प्रभावित करने की कोशिशें कर रहे हैं।
सीरिया पर हुई चर्चा
अमेरिका और रूस दोनों ही देश सीरिया में पिछले पांच वर्षों से जारी युद्ध में विपक्षी दलों का समर्थन कर रहे हैं। सीरिया के युद्ध में अब तक 300,000 लोगों की मौत हो चुकी है और कई लाख लोग यहां से पलायन कर चुके हैं। दोनों इस बात पर चर्चा के लिए मिले थे कि आखिर कैसे सीरिया में लड़ाई पर नियंत्रण लगाया जाए।
ओबामा ने बताया मुलाकात को बिजनेस मीटिंग
ओबामा ने इस मुलाकात के बारे में कहा कि काफी संक्षिप्त मुलाकात थी और एक बिजनेस मीटिंग की तरह थी। सीरिया की सेना को रूस का समर्थन मिल रहा है और विशेषज्ञों की मानें तो इस समर्थन की वजह से ही सीरियन आर्मी अलेप्पो पर कब्जा करने में सफल हो पाई है।
डर रहे हैं ओबामा
वहीं ओबामा को इस बात का डर और आशंका भी है कि कहीं रूस इसके समझौते को रोक न ले और कहीं वह सीरिया में हो रही नई प्रगति की वजह से बातचीत के मुद्दे को हाइजैक न कर ले।