वैज्ञानिकों ने खोजा दुनिया का 'सबसे उत्तरी' द्वीप, लेकिन जल्द हो सकता है गायब
नई दिल्ली, 28 अगस्त: पिछले काफी दिनों से ग्रीनलैंड सुर्खियों में है। कुछ दिनों पहले ही वहां पर ऊंचाई वाले इलाकों पर पहली बार बारिश हुई। जिस पर वैज्ञानिक चिंता जता चुके हैं। साथ ही बारिश की वजह से तेजी से बर्फ पिघल रही है। वैज्ञानिकों के एक समूह का कहना है कि दुनिया के सबसे उत्तरी द्वीप ग्रीनलैंड के तट की खोज उन्होंने भाग्य से की है। वे मानते हैं कि ग्रीनलैंड के तट पर दुनिया का सबसे उत्तरी द्वीप है।
दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप ग्रीनलैंड
ग्रीनलैंड पर वैज्ञानिकों की नजर इसलिए भी रहती है कि वो दुनिया का सबसे बड़ा द्वीप है। कनाडा के आर्कटिक द्वीपसमूह के पूर्व में आर्कटिक और अटलांटिक महासागरों के बीच स्थित है, जो फिलहाल डेनमार्क का भूभाग है। वहीं अब वैज्ञानिकों ने ग्रीनलैंड में दुनिया का सबसे उत्तरी द्वीप खोज लिया है। वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ने बताया कि दुनिया का सबसे उत्तरी द्वीप ग्रीनलैंड के तट की खोज उन्होंने किस्मत से की है, उनका मानना है कि ग्रीनलैंड के तट पर विश्व का सबसे उत्तरी द्वीप हैं।
द्वीप को जल्द निगल सकता है समुद्री पानी
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी ने शुक्रवार देर रात एक बयान में बताया कि अभी तक द्वीप का नाम नहीं दिया गया है। ग्रीनलैंड का सबसे उत्तरी बिंदु और पृथ्वी पर भूमि के सबसे उत्तरी बिंदुओं में से एक है। हालांकि उन्होंने इस बात को लेकर भी चेताया कि ग्रीनलैंड के उत्तर में द्वीप है, जिसको जल्द ही समुद्री का पानी निगल सकता है। शोधकर्ता जुलाई में एक अभियान पर लैंडमास पर आए और शुरू में उन्हें लगा कि वे ओडाक द्वीप पहुंच गए हैं, जो अब तक ग्रह पर सबसे उत्तरी द्वीप है।
उत्तर में एक नए द्वीप की खोज
कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के भूविज्ञान और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन विभाग के मिशन के प्रमुख मोर्टन रैश ने बताया कि हमें सूचित किया गया था कि मेरे जीपीएस में एक गलती थी, जिसके कारण हमें विश्वास हो गया था कि हम ओडाक द्वीप पर खड़े हैं, जिसके बाद उन्होंने कि वास्तव में, हमने आगे उत्तर में एक नया द्वीप खोजा था, एक ऐसी खोज जो डेनमार्क के राज्य का थोड़ा विस्तार करती है।
एक शक्तिशाली तूफान से गायब हो सकता है नया द्वीप
वैज्ञानिकों का कहना है कि ओडाक द्वीप उत्तरी ध्रुव के लगभग 700 किलोमीटर (435 मील) दक्षिण में है, जबकि नया द्वीप ओडाक के उत्तर में 780 मीटर (2,560 फीट) है, लेकिन यह समुद्र तल से केवल 60X30 मीटर ऊपर है। रैश ने कहा कि यह अल्पकालिक टापू हो सकता है। क्योंकि सिद्धांत रूप में कोई नहीं जानता कि यह कितने समय तक रहेगा। जैसे ही एक शक्तिशाली नया तूफान आता है, यह गायब हो सकता है।
गर्मी से पिघल रहे ग्रीनलैंड के ग्लेशियर
आपको बता दें कि ग्रीनलैंड कुछ सालों में कई बार सुर्खियों में बना हुआ है। ग्रीनलैंड ने हाल ही में उस वक्त सुर्खियां बटोरीं थी, जब साल 2019 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा था कि इस आर्कटिक क्षेत्र खरीदना चाहते हैं। हालांकि बाद में डेनिश सरकार ने इसे 'बेतुका' प्रस्ताव बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया। वहीं ग्रीनलैंड जलवायु परिवर्तन से भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि गर्म तापमान ने इसके ग्लेशियरों को पिघला दिया है, जिससे समुद्र का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ रहा है।
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