सबसे पहले कोरोना वैक्सीन बनाने वाली वैज्ञानिक ने कहा- कैंसर वैक्सीन बनाने के करीब, कुछ सालों का इंतजार
नई दिल्ली: कोरोना वायरस की सबसे पहले वैक्सीन तैयार करने वाली वैज्ञानिक अब जानलेवा बीमारी कैंसर की वैक्सीन तैयार करने के टार्गेट में जुटने वाली है। कोरोना वायरस की बेहद सफल वैक्सीन तैयार करने वाली जर्मन कंपनी बायोएनटेक की को-फाउंडर और वैज्ञानिक ओजलेम टुरेसी ने कहा है कि उनका अगला लक्ष्य कैंसर का वैक्सीन बनाना है।
Ozlem Tureci, BioNTech’s chief medical officer and co-founder, expects to have viable cancer-fighting vaccines available for the public within “a couple of years.” #COVID19 #coronavirus #vaccine
— CTV News (@CTVNews) March 20, 2021
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कैंसर वैक्सीन बनाना अगला लक्ष्य
कोरोना वैक्सीन का सबसे पहले वैक्सीन जर्मनी की कंपनी बायोएनटेक ने तैयार किया था। और कंपनी की को-फाउंडर का नाम है ओजलेम टुरेसी और उन्होंने ही सबसे पहले कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने में कामयाबी हासिल की। एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक ओजलेम टुरेसी ने कहा है कि हमारे पास mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित कैंसर की कई वैक्सीन हैं। और हमें उम्मीद है कुछ ही सालों में हमारे पास लोगों को देने के लिए कैंसर की भी वैक्सीन तैयार हो जाएगी।

कुछ सालों में कैंसर वैक्सीन
दुनिया के सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक कैंसर है और अगर कैंसर की वैक्सीन बन जाएगी तो दुनिया की खुशी का ठिकाना क्या होगा, ये बयां नहीं किया जा सकता है। आपको बता दें कि बायोएनटेक की कोरोना वैक्सीन mRNA टेक्नोलॉजी पर आधारित है और कंपनी कोरोना वैक्सीन का उत्पादन फाइजर कंपनी के साथ मिलकर कर रही है। इसीलिए इस वैक्सीन को फाइजर वैक्सीन भी कहा जा रहा है। इस वक्त फाइजर की वैक्सीन विश्व के सबसे ज्यादा देशों में इस्तेमाल की जा रही है और इसकी कामयाबी का दर 95 फीसदी से ज्यादा है। हालांकि, इस वैक्सीन को रखने के लिए माइनस 25 डिग्री का तापमान चाहिए, लिहाजा इसके डिस्ट्रीब्यूशन में सबसे ज्यादा दिक्कतें आ रही हैं।

पति के साथ मिलकर बनाई कंपनी
वैज्ञानिक ओजलेम टुरेसी ने अपने पति के साथ मिलकर बायोएनटेक कंपनी की नींव रखी थी। ओजलेम टुरेसी की कंपनी दवा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण काम कर चुकी है। वहीं ये कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने से पहले ये बायोएनटेक ऐसी दवा बनाने पर काम कर रही थी जो किसी शरीर के इम्यून सिस्टम को शरीर के अंदर बनने वाले ट्यूमर से लड़ने में तैयार हो सके। उन्होंने कहा कि ट्यूमर के लिए दवा बनाने के दौरान उन्हें पता चला कि चीन के अंदर कोरोना नाम का वायरस फैल रहा है और फिर उन्होंने अपनी नई टेक्नोलॉजी के आधार पर कोरोना वायरस का वैक्सीन बनाने का काम शुरू कर दिया था।

कैंसर वैक्सीन बनाने की होगी फंडिंग
कोरोना वायरस वैक्सीन बनाने वालीं ओजलेम टुरेसी पिछले 20 साल से ज्यादा वक्त से एमआरएनए टेक्नोलॉजी पर काम कर रहीं थीं और अपने रिसर्च के बदौलत ही उन्होंने बेहद कम वक्त में कोरोना वायरस का वैक्सीन पूरी दुनिया में सबसे पहले तैयार करने में कामयाबी हासिल कर ली। विश्व के सबसे ज्यादा देशों में करोड़ों लोगों को ये ओजलेम टुरेसी द्वारा बनाई गई वैक्सीन दी जा रही है। अब ओजलेम टुरेसी को उम्मीद है वो कुछ ही सालों के अंदर कैंसर का वैक्सीन भी बनाने में कामयाब हो जाएंगी क्योंकि अब कोरोना वायरस बनाने में कामयाबी हासिल होने के बाद अब उनके लिए फंड जुटाना काफी आसान हो जाएगा।
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