हफ्ते भर भारतीय जेल में रखे गये थे सऊदी तेल कंपनी अरामको के प्रमुख अधिकारी, इंटरव्यू में बड़ा खुलासा
फर्गस मैकलियोड ने यूके के फाइनेंशियल टाइम्स को दिए गये एक इंटरव्यू में बताया कि, उन्हें 12 जुलाई को वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क में उनके होटल में गिरफ्तार किया गया था।
India-Saudi Arab: सऊदी अरब की दिग्गज तेल कंपनी अरामको के वरिष्ठ कार्यकारी को भारत में एक हफ्ते तक जेल में रखा गया। इसका खुलासा खुद अरामको के वरिष्ट अधिकारी ने एक इंटरव्यू में किया है और बताया है, कि आखिर क्यों उन्हें उत्तराखंड के चमोली में एक हफ्ते तक जेल में रखा गया। अरामको के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, जुलाई महीने में छुट्टी के दौरान अधिकारियों की अनुमति के बिना उन्होंने एक सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें होटल से गिरफ्तार कर लिया था और करीब एक हफ्ते तक उन्हें जेल में रखा गया और बाद में एक हजार रुपये जुर्माना देने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
12 जुलाई को हुई थी गिरफ्तारी
सऊदी अरब की तेल कंपनी अरामको के इन्वेस्टर्स रिलेशन के प्रमुख फर्गस मैकलियोड ने यूके के फाइनेंशियल टाइम्स को दिए गये एक इंटरव्यू में बताया कि, उन्हें 12 जुलाई को वैली ऑफ फ्लावर्स नेशनल पार्क में उनके होटल में गिरफ्तार किया गया था। 62 साल के अरामको अधिकारी वने कहा कि, उन्हें 18 जुलाई तक उत्तराखंड के चमोल शहर की जेल में रखा गया था। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, तेल कंपनी के अधिकारी फर्गस मैकलियोड ब्रिटेन के रहने वाले हैं और उनके पास होटल में सैटेलाइट फोन पाया गया था और अधिकारियों को उनके फोन का कॉर्डिनेशन मिला था, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। वहीं, फर्गस मैकलियोड का कहना है, कि उन्होंने होटल में अपने फोन को ऑन और ऑफ किया था। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि, वो छुट्टी बिताने के लिए अपने दोस्तों के साथ चमोली गये थे, लेकिन इस दौरान उन्होंने फोन का इस्तेमाल नहीं किया था।
चीन की सीमा से सटा है इलाका
आपको बता दें कि, उत्तराखंड के चमलो का एक हिस्सा चीन के साथ लगती एलएसी के पास स्थित है, लिहाजा वहां सुरक्षा व्यवस्था काफी सख्त होती है। वहीं, इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, चमोली की एसपी श्वेता चौबे ने कहा कि, अरामको कार्यकारी को चमोली पुलिस ने सैटेलाइट फोन रखने के आरोप में पकड़ा था, और यहां बिना इजाजत सैटेलाइट फोन रखना नियमों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि, भारत में बिना पूर्व स्वीकृति के विदेशी नागरिकों द्वारा सैटेलाइट फोन रखना या उपयोग करना अवैध, अनधिकृत है। एसपी श्वेता ने कहा कि, "उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था, कि भारत में (पूर्व अनुमति के बिना) सैटेलाइट फोन ले जाना कानूनी नहीं है और वह इसे अपने साथ ले गए। इसीलिए उसे हिरासत में लिया गया था। इस प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं था।" वहीं, चमोली के गोविंद घाट पुलिस थाने के थानाध्यक्ष नरेंद्र सिंह रावत ने कहा कि, 11 जुलाई को उन्हें सूचना मिली थी कि सीमा के नजदीक एक विदेशी नागरिक सेटेलाइट फोन ले जा रहा है।
जांच के बाद गिरफ्तारी
नरेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि,"हमने एक पुलिसकर्मी को यह पुष्टि करने के लिए भेजा था, कि वह आदमी एक सैटेलाइट फोन ले रहा है या नहीं। इसकी पुष्टि हुई। वह फूलों की घाटी की यात्रा कर रहे थे और वहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया"। पुलिस अधिकारी ने कहा कि, "उन्हें भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम और भारतीय वायरलेस टेलीग्राफी अधिनियम की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें जिला जेल भेज दिया गया, जहां जमानत मिलने से पहले वह 18 जुलाई तक जेल में रहे। 27 जुलाई को एक हजार रुपये का जुर्माना भरने के बाद यह मामला खत्म हो गया।
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