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तीन सालों तक रही कट्टर दुश्मनी, पहली बार यारों की तरह मिले सऊदी अरब, यूएई और कतर के क्राउन प्रिंस

खाड़ी देशों मे तीन सालों तक कतर का बहिष्कार कर रखा था। खाड़ी देशों का आरोप था कि कतर आतंकवादियों को पनाह दे रहा है।

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अबुधाबी, सितंबर 19: तीन सालों से लगातार चल रही खटपट और तगड़े मनमुटाव के बाद आखिरकार सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात के बीच बनी दीवार टूट गई है। तीन सालों के बाद कतर के आमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी, सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान बिन अजीज अल सऊदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहन्नून बिन जायद अल नाहयान के बीच यारों जैसी मुलाकात हुई है।

पिघल गई दुश्मनी की बर्फ?

पिघल गई दुश्मनी की बर्फ?

सऊदी अरब की तरफ से लाल सागर में हुई इस मुलाकात की तस्वीर शेयर की गई है, जिसमें तीनों 'भाईयों' की तरह मिलते नजर आ रहे हैं और तीनों ने पारंपरिक लिबास भी नहीं पहना है। बताया जा रहा है कि ये मुलाकात एक 'शिष्टाचार भेंट' की तरह थी, जिसकी तस्वीर को सऊदी अरब क्राउन प्रिंस के निजी कार्यालय के निदेशक बद्र अल असकर ने ट्विटर पर शेयर किया है। अल असकर ने लिखा है कि, "लाल सागर में एक दोस्ताना और भाईचारे की मुलाकात कतर के अमीर प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान, शेख तमीम बिन हमद अल थानी और यूएई के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शेख तहन्नून बिन जायद अल नाहयान को एक साथ लाती है।"

तनाव के बीच मुलाकात

यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि खाड़ी देशों के तीनों प्रमुख नेताओं की मुलाकात कहां हुई है। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि लाल सागर में कहीं मुलाकात की गई है, लेकिन नेताओं की आकस्मिक उपस्थिति ने यह सुनिश्चित कर दिया कि वे छुट्टी पर थे। पिछले महीने की शुरुआत में शेख तमीम बिन हमद ने शेख तहन्नून बिन जायद की अध्यक्षता में एक अमीराती प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया था। बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों और दोनों देशों के बीच सहयोग को और विकसित करने के तरीकों पर बातचीत की गई थी। विशेष रूप से आर्थिक और व्यापार क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निवेश परियोजनाओं को लेकर बात की गई। इसके साथ ही विकास और प्रगति की प्रक्रिया के साथ-साथ दोनों देशों के सामान्य हितों को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच काफी महत्वपूर्ण बातचीत की गई थी।

विवाद समाप्त होने की घोषणा

विवाद समाप्त होने की घोषणा

दरअसल, 2017 में सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और मिस्र ने कतर पर आतंकवादियों का समर्थन करने का आरोप लगाकर उससे तमाम रिश्ते तोड़ लिए थे। कतर के साथ इन देशों ने व्यापारिक, डिप्लोमेटिक रिश्तों को तोड़ने के साथ कतर पर व्यापारिक प्रतिबंध भी लगा दिया था। हालांकि, कतर ने अपने ऊपर लगाए गये तमाम आरोपों का खंडन किया था और कहा था इन प्रतिबंधों के जरिए कतर की संप्रभुता को कमजोर किया जा रहा है। सूत्रों ने बताया था कि कतर द्वारा तालिबानी नेताओं को मंच मुहैया करना सऊदी अरब को पसंद नहीं आया था। हालांकि, इस साल जनवरी में पुराने विवादों का अंत हो गया था। और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस ने जनवरी में अलउला जीसीसी घोषणा के बाद कतर के अमीर का जेद्दा में स्वागत किया था, जिसने दो भाई देशों के बीच संबंधों को सुधारा।

अमेरिका ने निभाई भूमिका

अमेरिका ने निभाई भूमिका

बताया जा रहा है कि इस विवाद को खत्म करने में अमेरिका की तरफ से काफी अहम भूमिका निभाई गई। अमेरिकी की कोशिशों की बदौलत की कतर देशों के बीच का तनाव एक समझौते के तहत खत्म हो पाया। 2017 में अकेला होने के बाद कतर ने ईरान के साथ अपने संबंधों को सुधारना शुरू कर दिया था और अब कतर के साथ ईरान के काफी अच्छे रिश्ते हो चुके हैं। वहीं, ईरान को सऊदी अरब और यूएई बिल्कुल पसंद नहीं करते हैं। सऊदी अरब कहता है कि ईरान आतंकवादी संगठनों को समर्थन करता है। सऊदी अरब की नई नीति में साफ कहा गया है कि देश किसी भी कट्टरपंथी विचारधारा का समर्थन नहीं करेगा, लिहाजा अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति से भी सऊदी अरब ने खुद को ना सिर्फ अलग रखा, बल्कि समर्थन करने के सवाल को सऊदी अरब ने सिरे से खारिज कर दिया।

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English summary
Saudi Arabia and the UAE have met with Qatar after three years of enmity.
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