बदल रहा है सऊदी... कार चलाने के बाद गराज का भी काम, जाने प्रिंस सलमान कैसे दे रहे महिलाओं को अधिकार
सऊदी अरब में सिर्फ चार साल पहले महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत दी गई थी। चार साल पहले तक सऊदी अरब में महिलाएं कार ड्राइव नहीं कर सकती थीं, लेकिन अब स्थितियां बदल रही हैं।
रियाद, जून 04: सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान लगातार देश को मजहबी कट्टरता और धर्मांधता से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं और मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर पाबंदी लगाने, स्कूलों में अलग अलग धर्मों की शिक्षा देने और महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत देने के बाद क्राउन प्रिंस ने महिलाओं को एक और बड़ा तोहफा दिया है।
महिलाओं को बड़ा तोहफा
सऊदी अरब में सिर्फ चार साल पहले महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत दी गई थी। चार साल पहले तक सऊदी अरब में महिलाएं कार ड्राइव नहीं कर सकती थीं, लेकिन अब सऊदी अरब में महिलाएं ना सिर्फ कार ड्राइव कर सकती हैं, बल्कि वो मैकेनिक का काम भी कर सकती हैं। सऊदी अरब में अब महिलाओं को कार गैराज में बतौर मैकेनिक भी काम करने की इजाजत दे दी गई है। आधुनिकता की दिशा में सऊदी अरब द्वारा बढ़ाया गया ये एक बहुत बड़ा कदम है, जिसका स्वागत होनी चाहिए। लाल सागर के तट पर जेद्दा में पेट्रोमिन गैराज में अब आपको महिलाएं किसी गाड़ी को रिपेयर करती हुई बहुत आसानी से दिख जाएंगी। अपने पूरूष साथियों के साथ महिला रंगरूट गाड़ियों की तेल का जांच करती हैं, टायर बदलती हैं, पंक्चर बनाती हैं, यानि हर वो काम करती हैं, जो अब तक महिलाओं के लिए वर्जित था।
आधुनिकता की दिशा में बड़ा कदम
हालांकि, इस वक्त महिला ट्रेनर्स को काफी दिक्कतें हो रही हैं, क्योंकि उन्होंने एक ऐसे क्षेत्र में प्रवेश किया है, जिसके बारे में उन्हें अभी तक सोचने की भी इजाजत नहीं थी, लेकिन अब महिलाएं अपना काम सीख भी रही हैं और अच्छे से कर भी रही हैं। समाचार एजेंसी एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों ने बताया कि, महिलाओं के काम करने के पहले महीने में कई चीजें देखने को मिली हैं, जैसे महिलाओं में इस काम को लेकर झिझक, खुद पर संदेह, रिश्तेदारों में संदेह और सबसे बड़ी बात ये, कि कई ग्राहक महिलाओं को गैराज में काम करते देख भड़के भी हैं।
इस्लामिक देश में नई पहल
महिलाओं का गैराज में काम करना और लोगों के लिए उन्हें गराज में काम करते देखना, फिलहाल इस रूढ़िवादी इस्लामिक देश के लिए आसान नहीं है। एएफपी के मुताबिक, गैराज में अपनी गाड़ी लेकर आए एक बुजुर्ग ने महिलाओं को काम करते देख फौरन वहां से महिलाओं को बाहर निकल जाने के लिए कहा। बुजुर्ग शख्स ने कगा, वो नहीं चाहता है, कि एक भी महिला कर्मचारी उसकी गाड़ी के पास भी आएं। गराज में काम करने वाली एक महिला कर्मचारी ने कहा कि, 'शुरुआत में, हम पर भरोसा नहीं करना सामान्य है, क्योंकि मैं एक महिला हूं और वह एक महिला के रूप में मेरे काम पर भरोसा नहीं करते हैं'। महिला कर्मचारी ने अपने हाथ में सफेद सफेद दस्ताने लगा रखे और एक लंबा नीला ओवरकोट पहन रखा था।
‘आप हमारे सिर की ताज हैं’
गराज में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने एएफपी को बताया कि, 'यह सब उनके लिए बहुत नया है... सालों तक केवल पुरुषों को देखने के बाद, कि अब एक महिला काम कर रही है, उनके लिए चौंकाने वाला है।" एक महिला कर्मचारी अहमद बताती हैं कि, 'जब मैं काम सीख रही थी, उस वक्त काफी मेहनत करना होता था। जब मैं घर जाती थी, तो मेरे हाथों में सूजन आ चुका होता था और घर पहुंचकर मैं रोने लगती थी और कहती थी, कि मर्द लोग सही कहते हैं, कि ये काम हम लोगों के लिए नहीं है।' फिर अहमत बताती हैं, कि, '...लेकिन, जैसे जैसे हमने काम सीखा, हमारा आत्म विश्वास बढ़ा और कई ग्राहकों ने हमारा आत्मविश्वास काफी बढ़ाया, जो हमारे लिए काफी उत्साहजनक था।' अहमद ने कहा कि, 'एक बार एक ग्राहक मेरे पास आया है और कहा कि, मुझे तुमपर गर्व है और हमारे दिल में आपके लिए काफी इज्जत है, आप हमारे सिर के ताज हैं।..'
‘अब घर से मिलती है मदद’
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने देश को कट्टरपंथी छवि को नरम करते हुए तेल पर निर्भर अर्थव्यवस्था में विविधता लाने के उद्देश्य से विजन 2030 एजेंडे पर तेजी से काम शुरू किया है, जिसमें महिलाओं के अधिकार का विस्तार शामिल है'। महिलाओं को साल 2018 में उस वक्त ऐतिहासिक अधिकार मिले थे, जब सऊदी अरब में महिलाओं के गाड़ी चलाने से प्रतिबंध को हटा लिया गया था और इसके साथ ही सऊदी महिलाओं को घरों में कई ऐसे अधिकार दे दिए, ताकि पुरूष रिश्तेदार पर उनकी निर्भरता कम से कम हो जाए। हालांकि, इसके लिए सऊदी अरब के एक वर्ग में प्रिंस सलमान की काफी आलोचना भी हुई। फिर भी गराज में काम करने वाली अहमद बताती हैं, कि 'गार्जियनशिप' भले ही खत्म हो चुका है, फिर भी वो अपने पति की मर्जी के बगैर काम नहीं कर सकती थीं। वहीं, सऊदी अरब में कई ऐसी कार्रवाइयां भी की गई हैं, जहां पुरूषों ने महिलाओं को काम कर जाने की इजाजत देने से इनकार किया।
बदल रहा घर का माहौल
चार बच्चों की मां बन चुकी 44 साल की ओला फ्लिम्बन ने सबसे पहली बार सोशल मीडिया के जरिए जाना, कि गराज में वैकेंसी है, जिसके बाद उसने अपने पति रफत फ्लिम्बन से पूछा, कि क्या वो इस काम के लिए अप्लाई कर सकती है? जिसके बाद रफत ने अपनी पत्नी को काम करने की इजाजत दे दी और इतना ही वहीं, पत्नी को इंटरव्यू के लिए ना सिर्फ तैयार किया, बल्कि काफी जानकारियां भी दीं, ताकि उसे नौकरी मिल जाए। रिफत अब काम सीख चुकी हैं और काफी आसानी से कार को सही कर देती हैं। वहीं, गराज कंपनी पेट्रोमिन के उपाध्यक्ष तारिक जावेद ने कहा कि, उनकी कंपनी को "विश्वास है कि यह पहल सभी चरणों में अधिक महिलाओं को मोटर वाहन उद्योग में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करेगी"। कंपनी का कहना है कि इसके प्रशिक्षण में "तेल, बैटरी, टायर, एसी, और अन्य ऑटोमोटिव आवश्यकताओं सहित सभी एक्सप्रेस सेवाएं" शामिल हैं और कंपनी की तरफ से महिलाओं को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाएं काम के लिए घर से बाहर निकल सकें।
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