मुश्किल में फंसे पाकिस्तान को फिर सऊदी ने बचाया, 8 अरब डॉलर का कर्ज देगा, शहबाज शरीफ को बड़ी कामयाबी
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 8 अरब डॉलर का कर्ज उस वक्त देने का फैसला किया है, जब पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से संकट में है और देश पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है।
रियाद/इस्लामाबाद, मई 01: इमरान खान को हटाकर पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री बने शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब दौरे के दौरान पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को स्थिर रखने के लिए सऊदी अरब से विशालकाय कर्ज लेने में कामयाब हो गये हैं। पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया है कि, सऊदी अरब पाकिस्तान को 8 अरब डॉलर का विशालकाय कर्ज देने के लिए तैयार हो गया है।
8 अरब डॉलर कर्ज देगा सऊदी
पाकिस्तानी अखबार द न्यूज ने रिपोर्ट दी है, कि 'सऊदी अरब ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पहली यात्रा के दौरान देश की बीमार अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में मदद करने के लिए इस्लामाबाद को लगभग 8 बिलियन डॉलर का "बड़ा पैकेज" प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है। द न्यूज में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, पैकेज में तेल वित्तपोषण सुविधा को दोगुना करना, जमा या सुकुक्स के माध्यम से अतिरिक्त धन और मौजूदा 4.2 बिलियन डॉलर को रोलओवर करना शामिल है'। हालांकि, पाकिस्तानी अखबार ने ये भी लिखा है, कि मामले से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने कहा है कि, फिलहाल तकनीकी आधार पर दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं और पैसे ट्रांसफर होने में कुछ हफ्तों का वक्त लगेगा।
कुछ हफ्ते में पैसे ट्रांसफर
पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के लिए सऊदी अरब से विशालकाय कर्ज का मिलना बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि आने वाले कुछ महीनों पाकिस्तान में आम चुनाव होना निश्चित है और इन पैसों के जरिए वो बिजली की कीमतों को काफी कम कर सकते हैं, जो पाकिस्तान में बहुत बड़ा मुद्दा बना हुआ है। पाकिस्तान में फिलहाल बिजली का रेट 15 रुपये यूनिट है और आईएमएफ की तरफ से बिजली बिल में और इजाफा करने का प्रेशर पाकिस्तान पर है। द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हालांकि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ अपने मंत्रियों के साथ सऊदी अरब का दौरा खत्म कर वापस पाकिस्तान आ गये हैं, लेकिन उनके कई अधिकारी अभी वहीं हैं, जो इस पैकेज के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दे रहे हैं।
कैसा है सऊदी का वित्तीय पैकेज?
वित्तीय पैकेज की मुख्य विशेषताओं को साझा करते हुए पाकिस्तानी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, सऊदी अरब ने पहले पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर का तेल खरीदने का सुविधा दिया था, जिसे बढ़ाकर सऊदी अरब ने अब 2.4 अरब डॉलर का प्रस्ताव दिया है। वहीं, सऊदी अरब किंगडम ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की है, कि 3 अरब डॉलर की मौजूदा राशि, जिसे पाकिस्तान को अगले साल तक सऊदी अरब को लौटाना था, उसे रोलओवर कर लिया गया है। यानि, वो पैसे पाकिस्तान को कब लौटाना है, वो आगे तक किया जाएगा। सरकार के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि, 'पाकिस्तान और केएसए ने जमा या सुकुक के माध्यम से 2 अरब डॉलर से अधिक के अतिरिक्त पैकेज पर चर्चा की और संभावना है कि इस्लामाबाद को और भी अधिक पैसे दिए जाएंगे'।
पाकिस्तान को कितना कर्ज दे चुका सऊदी?
सऊदी अरब ने दिसंबर 2021 में स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान को 3 बिलियन डॉलर की जमा राशि प्रदान की थी, जबकि सऊदी तेल सुविधा मार्च 2022 से चालू हो गई थी, जिससे पाकिस्तान को तेल खरीदने के लिए 100 मिलियन डॉलर प्रदान किए गए थे। सऊदी अरब ने पाकिस्तान की पिछली नवाज शरीफ की सरकार (2013-18) के दौरान भी पाकिस्तान को 7.5 अरब डॉलर का पैकेज दिया था। जबकि, इमरान खान की पीटीआई सरकार को सऊदी अरब ने 4.2 अरब डॉलर का पैकेज प्रदान किया था, जिसमें 3 अरब डॉलर को अगले साल तक सऊदी अरब को वापस करना था। वहीं, सऊदी अरब ने इमरान खान सरकार को 1.2 अरब डॉलर की तेल सुविधा भी दिया था, जिसे आईएमएफ कार्यक्रम से जोड़ा गया था।
कर्ज से संभलेगी पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था?
सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 8 अरब डॉलर का कर्ज उस वक्त देने का फैसला किया है, जब पाकिस्तानी अर्थव्यवस्था बुरी तरह से संकट में है और देश पर डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। सऊदी अरब को जहां अगले साल 3 अरब डॉलर का कर्ज चुकाना था, वहीं पाकिस्तान को चीन का भी कर्ज चुकाना है। हालांकि, सऊदी ने 3 अरब डॉलर का कर्ज फिलहाल रोलओवर कर लिया है, लेकिन चीन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है, लिहाजा अप पाकिस्तान को हर हाल में चीन को कर्ज चुकाना होगा।
विदेशी मुद्राभंडार में तेजी से कमी
वहीं, स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास देश का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले छह से सात हफ्तों में 6 अरब डॉलर कम हो गया और पाकिस्तान के पास अब सिर्फ इस समय 10.5 अरब डॉलर ही विदेशी मुद्रा बचा है। लिहाजा, पाकिस्तान को विदेशी मुद्रा भंडार में और कमी को रोकने के लिए जून 2022 तक 9 डॉलर से 12 अरब डॉलर के वित्तीय इंजेक्शन की आवश्यकता है। पाकिस्तान को चालू वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही (अप्रैल-जून) में 3 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना होगा।
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