सउदी अरब ने की विश्वविद्यालय में योग की शुरुआत, छात्राओं ने भी लिया हिस्सा
सभी वर्गों के लिए जीवन शैली के रूप में योगा के अभ्यास को प्रेरित करने के लिए सऊदी विश्वविद्यालय के सभी प्रतिनिधियों के लिए योग पर एक व्याख्यान का आयोजिन किया
रियाद, 29 सितंबरः देश-दुनिया में योग को तेजी से अपनाया जा रहा है। सऊदी अरब ने अपने सभी विश्वविद्यालयों में योग की शुरुआत की है। इसी क्रम में सभी विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के लिए सोमवार को एक वर्चुअल लेक्चर का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के जरिए लोगों को योग को अपनी लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही छात्रों के पास भी यूनिवर्सिटी कैंपस में विभिन्न योगासनों को करने का विकल्प मौजूद रहेगा।
सऊदी योग समिति ने कार्यक्रम का किया आयोजन
सऊदी गजट की रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को आयोजित इस व्याख्यान का उद्देश्य सऊदी विश्वविद्यालयों में पारंपरिक योग और योगासन खेल को पेश करना और विश्वविद्यालय परिसरों में छात्रों को योग का अभ्यास करने के लिए कई तरह के विकल्प देना है। लेक्चर के दौरान योग के मेंटल और फिजिकल स्वास्थ्य पर असर के बारे में बताया गया। इसके साथ ही स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कांपटीशन का हिस्सा बनने के लिए प्रोफेशनल योगासन स्पोर्ट्स ट्रेनिंग की योजना पर भी बात की गई।
एशियाई योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन
सऊदी यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स फेडरेशन (SUAF) के सहयोग से, सऊदी योग समिति ने रियाद में इस कार्यक्रम का आयोजन किया। सऊदी गजट ने बताया कि यह कार्यक्रम 'दोनों जेंडरों के विश्वविद्यालय के छात्रों के लिए योग' शीर्षक के तहत आयोजित किया गया। सऊदी गैजेट के मुताबिक इसमें छात्र-छात्राओं दोनों शामिल होंगे। रिपोर्ट के मुताबिक योगा रेफरी के क्वॉलीफिकेशन कोर्स के लिए पहला बैच सऊदी से भारत भी पहुंच चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक यह आयोजन सऊदी अरब में एशियाई योगासन स्पोर्ट्स फेडरेशन के पहले योग प्रतिनिधिमंडल के आगमन के साथ शुरू हुआ। यह संस्था 5 दशक से रजिस्टर्ड है।
समाज के हर हिस्से तक योग को पहुंचाने का लक्ष्य
इस कार्यक्रम के दौरान योग से युवाओं को होने वाले शारीरिक और मानसिक फायदों के बारे में बात की गई और युवाओं को पेशेवर योग प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए प्रेरित किया गया। इसके साथ ही विश्वविद्यालय के खेल और विश्वविद्यालय लीग के भीतर पेशेवर योगासन प्रतियोगिताओं की प्रणाली पर भी प्रकाश डाला गया। सऊदी योग कमेटी के प्रेसीडेंट नॉफ अलमरवाई ने कहा कि हमारी कोशिश है कि योग पूरे सऊदी समाज में बड़े पैमाने पर प्रसार हो। इसीलिए कमेटी योग प्रेमियों की एक जमात तैयार करने में जुटी हुई है। अलमारवाई ने कहा कि समिति चिकित्सकों की संख्या बढ़ाने और स्थानीय और क्षेत्रीय योग चैंपियनशिप में भाग लेने वाली योग टीमों का निर्माण करना चाहती है।
तेजी से बदल रहा सऊदी अरब
बतादें कि सऊदी अरब के स्कूलों में सुधार कार्यक्रम बेहद तेजी से जारी हैं। स्कूली किताबों से इस्लाम की कई मान्यताओं को बाहर कर दिया गया है, वहीं दूसरे धर्मों को भी सिलेबस में जोड़ दिया गया है। सऊदी अरब की स्कूली किताबों में रामायण, महाभारत और गीता के कई अध्यायों को शामिल किया गया है। वहीं, योग को भी सिलेबस में शामिल किया गया है। इसके साथ ही अब सऊदी में अंग्रेजी की पढ़ाई करना अनिवार्य कर दिया गया है और इंग्लिश में पास होना छात्रों के लिए अनिवार्य है। हालांकि, सऊदी अरब में दूसरे धर्मावलंबियों के लिए अपने धर्म का प्रचार करना अब भी प्रतिबंधित है, लेकिन सऊदी सरकार के सलाहकार अली शिहाबी ने हाल ही में अमेरिकन मीडिया 'इनसाइडर' से कहा है कि सरकार जल्द दी सऊदी अरब में चर्च खोलने की इजाजत देने वाली है और चर्च के पास अपने धर्म का प्रचार-प्रसार करने की इजाजत भी होगी।
तस्वीर- फाइल
The #Saudi #Yoga Committee delivered an online lecture for university representatives highlighting the physical and mental advantages yoga can offer people of all ages, but especially students https://t.co/Zqgs54ERfq pic.twitter.com/s2Go3sle3S
— Arab News (@arabnews) September 28, 2022