क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भारत को लेकर किस रेस में हैं सऊदी अरब और ईरान: नज़रिया

अब अगर ईरान खुद को भारत के ऊर्जा बाज़ार में टिकाए रखना चाहता है और अपने तेल और गैस के मैदान में खासकर के सऊदी अरब के साथ साझे वाले मैदान में भारतीय कंपनियों की साझेदारी का लाभ उठाना चाहता है तो उसको क्षेत्रीय स्तर पर सक्रिय ऊर्जा कूटनीति का सहारा लेना पड़ेगा.

पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में तनाव को कम करना और अमरीका के साथ विवाद को हल करना एक मात्र उपाय है जिससे भारत और क्षेत्रीय ऊर्जा बाजार में ईरान अपने को बचाये रख सकता है.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
ईरान, भारत
AFP
ईरान, भारत

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के आंकड़ों के मुताबिक़ ऊर्जा खपत करने के मामले में भारत और चीन दुनिया के सबसे बड़े देशों में से हैं.

भारत अपने तेल और गैस की मांग की विभिन्न स्रोतों से आपूर्ति की नीति पर चलता है और ये उसकी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति का एक बुनियादी सिद्धांत रहा है.

ईरान और सऊदी अरब तेल और गैस के भंडार वाले दो बड़े देश हैं. ये दोनों ही भारत को तेल की आपूर्ति करते हैं.

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत ईरानी तेल का दूसरा सबसे बड़ा खरीदार है.

साल 2017 में भारत ने रोज़ाना लगभग 2,79,000 बैरल तेल ईरान से आयात किया था.

इसी तरह साल 2018 के पहले छह महीनों में भारत ने सऊदी अरब से रोज़ाना 3,57,000 बैरल तेल आयात किया है.



भारत का बाज़ार

ईरान ने अपने परमाणु क़रार के बाद विदेशी कंपनियों को अपने तेल और गैस के फ़ील्ड में निवेश के लिए आमंत्रित किया था.

भारतीय कंपनियों ने भी फ़र्ज़ाद-बी के साझा मैदान में निवेश की इच्छा ज़ाहिर की.

भारत के बाज़ार को बचाए रखने के लिए आने वाले साल में तेल की सप्लाई पर होने वाली लागत को ईरान ने हटा दिया था.

भारतीय तेल बाज़ार
AFP
भारतीय तेल बाज़ार

इसी तरह ईरान भारतीय खरीदारों को विशेष छूट देने पर भी विचार करने लगा और अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक़ वो भारत के तेल टैंकरों को बीमे की भी सुविधाएं देना चाहता था.

यानी भारत में अपने तेल के बाज़ार को बचाए रखने के लिए ये सब ईरान की कोशिशों की कहानी बयान करती है.



सऊदी अरब की सक्रिय तेल कूटनीति

भारतीय उपमहाद्वीप (के बाज़ार) में अपने को टिकाये रखने के लिए सऊदी अरब एक व्यापक एजेंडे के साथ काम कर रहा है.

सऊदी अरब ने अपने विदेशी निवेश के 500 बिलियन डॉलर के फ़ंड का बहुत बड़ा हिस्सा भारत के लिए आवंटित कर रखा है.

रियाद और तेहरान के बीच क्षेत्रीय तनाव के कारण सऊदी अरब की ये कोशिश रही है कि भारत के ऊर्जा बाज़ार में ईरान की हिस्सेदारी कम ही रहे.

इसके लिए सऊदी अरब ने भारत के ऊर्जा के बुनियादी ढांचे में निवेश का रास्ता चुना है.

भारतीय तेल बाज़ार
Getty Images
भारतीय तेल बाज़ार

भारत के ऊर्जा बाज़ार में अपनी सक्रिय मौजूदगी के मद्देनज़र सऊदी कंपनी 'अरामको' ने हाल ही में नई दिल्ली में अपना नया ऑफ़िस खोला है.



भारत में सऊदी निवेश

पिछले साल सर्दी के मौसम में भारत ने सऊदी अरब को अपने सामरिक भंडार के कार्यक्रम में साझेदारी के लिए बातचीत की दावत दी थी.

इस साल (2018) के अप्रैल में सऊदी अरब की राष्ट्रीय तेल कंपनी 'अरामको' और भारत की तीन सरकारी तेल कंपनियों के कॉन्सोर्शियम ने महाराष्ट्र में एक तेलशोधक संयंत्र की स्थापना के लिए 44 बिलियन डॉलर के एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

इसमें दोनो पक्षों का शेयर 50 फ़िसदी के हिसाब से है.

अरामको के अध्यक्ष अमीन नासिर के बयान के मुताबिक़ ये तेलशोधक संयंत्र पूरा होने के बाद रोज़ाना 1,20,000 हज़ार बैरल तेल का उत्पादन कर सकेगा.



ईरान का परमाणु करार

बढ़ते हुए तेल की मांग और विश्व बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के मद्देनज़र 'अरामको' विदेशी तेलशोधक संयंत्रों में निवेश करने के अवसरों की तलाश में है.

और जैसा कि नासिर का कहना है कि 'अरामको' भारत के तेलशोधक, पेट्रोकेमिकल और ईंधन की बिक्री के क्षेत्र में भी निवेश करने की इच्छा रखता है.

भारतीय तेल बाज़ार
AFP
भारतीय तेल बाज़ार

सऊदी अरब चाहता है कि अपने तेल का उत्पादन बढ़ा कर इराक़ की जगह ले और भारत को सबसे ज़्यादा तेल निर्यात करने वाला देश बने और इसी तरह ईरान के परमाणु क़रार से अमरीका के बाहर होने बाद और उस पर अमरीका की नई पाबंदी के कारण उसके तेल के उत्पादन में कमी की वजह से बनी खाली जगह को पूरा करे.



फ़र्ज़ाद-बी के साझा मैदान में प्रतिस्पर्धा

फ़र्ज़ाद-बी ईरान और सऊदी अरब के बीच एक साझा गैस फ़ील्ड है.

इस मैदान में लगभग 22 ट्रिलियन घनमीटर गैस मौजूद होने का अनुमान लगाया गया है और इसमें से 60 फ़िसदी गैस निकाले जाने योग्य है.

भारत की ओएनजीसी कंपनी ने साल 2008 में इस मैदान में गैस का पता लगाया था.

भारतीय तेल बाज़ार
Getty Images
भारतीय तेल बाज़ार

राष्ट्रपति हसन रूहानी के पहले कार्यकाल में जब ईरान पर पाबंदी लगी हुई थी तो भारत ने इस मैदान से 30 साल तक गैस निकालने के लिए ईरान के सामने तीन बिलियन डॉलर का एक प्रस्ताव रखा था जो ईरान को पसंद नहीं आया था.

फ़र्ज़ाद फ़ील्ड में सऊदी अरब के हिस्से वाला क्षेत्र हसबाह के नाम से भी जाना जाता है और सऊदी अरब इससे रोज़ाना 500 मिलियन घनमीटर गैस निकालता है.

लेकिन ईरान अभी तक न तो फ़र्ज़ाद-ए और न ही फ़र्ज़ाद-बी से ही कुछ निकाला है.

साल 2016 में सऊदी अरब ने सिंगापुर और भारत की कंपनियों से एक बिलियन डॉलर का एक समझौता किया था ताकि इस क्षेत्र से रोज़ाना निकाले जाने वाले 500 मिलियन घनमीटर गैस की मात्रा को बढ़ाकर दो बिलियन घनमीटर किया जाए.



अमरीकी तेल, एलएनजी और भारत का बाज़ार

पिछले महीनों में अमरीका ने भारत में अपने तेल के निर्यात को बढ़ा दिया है और भारत के साथ एक समझौता भी किया है जिसके तहत 20 साल तक वो भारत को अपना एलएनजी निर्यात करेगा.

इराक़ और सऊदी अरब भी भारत के बाज़ार में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश में लगे हुए हैं. अमरीका का सहयोगी होने के नाते सऊदी अरब ईरान को भारत के ऊर्जा बाज़ार से बाहर निकालने के लिए कुछ ज़्यादा ही ज़ोर लगा रहा है.

ईरान, भारत
EPA
ईरान, भारत

अब अगर ईरान खुद को भारत के ऊर्जा बाज़ार में टिकाए रखना चाहता है और अपने तेल और गैस के मैदान में खासकर के सऊदी अरब के साथ साझे वाले मैदान में भारतीय कंपनियों की साझेदारी का लाभ उठाना चाहता है तो उसको क्षेत्रीय स्तर पर सक्रिय ऊर्जा कूटनीति का सहारा लेना पड़ेगा.

पड़ोसी देशों के साथ संबंधों में तनाव को कम करना और अमरीका के साथ विवाद को हल करना एक मात्र उपाय है जिससे भारत और क्षेत्रीय ऊर्जा बाजार में ईरान अपने को बचाये रख सकता है.

भारत की निजी कंपनियों के पास ईरान में निवेश के लिए अनुभव और पैसा दोनों हैं. लेकिन मुश्किल ये है कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए स्पष्ट नियम, तेज़ और प्रभावशाली निर्णय और राजनीतिक स्थिरता (ख़ासकर अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में) की ज़रूरत होती है.

BBC Hindi
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Saudi Arabia and Iran Which races are about India
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X