पुतिन के ऐलान के बाद रूस छोड़ने के लिए मची होड़, फ्लाइट में एक सीट की कीमत 22 लाख तक पहुंची
लोगों को डर सता रहा है कि देश में मार्शल लॉ लागू किया जा सकता है। इसके बाद पुरुषों को रूस छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अनिवार्य सेना का हिस्सा बनकर जंग लड़ने और प्राण गंवाने से बेहतर, लोग देश छोड़ना बेहतर समझ रहे हैं।
लंदन, 27 सितंबरः रूस और यूक्रेन के बीच जंग के 7 महीने से अधिक हो चुके हैं। दोनों ही देशों के इस युद्ध से खासा नुकसान हुआ है। लेकिन रूस के लिए अब यह अधिक महंगा साबित हो रहा है। मनमाफिक परिणाम न मिलते देखते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अजीबोगरीब फैसले लेते जा रहे हैं। पुतिन द्वारा डोनबास सहित यूक्रेन के 4 इलाकों में जनमत संग्रह की घोषणा करने और परमाणु बम का प्रयोग करने की धमकी देने के बाद अब उन्होंने 3 लाख रिजर्व सैनिकों को तैनात करने का ऐलान किया है। पुतिन के इस फैसले के बाद से ही देश से लोगों का पलायन शुरू हो गया है।
लोगों को मार्शल लॉ लागू किए जाने का डर
लोगों को डर सता रहा है कि देश में मार्शल लॉ लागू किया जा सकता है। इसके बाद पुरुषों को रूस छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। अनिवार्य सेना का हिस्सा बनकर जंग लड़ने और प्राण गंवाने से बेहतर, लोग देश छोड़ना बेहतर समझ रहे हैं। ऐसे में लोग अभी से ही देश छोड़ कई सुरक्षित ठिकाना तलाशने की जुगत में लग गए हैं। हजारों लोग भागने में कामयाब भी हो गए, लेकिन ऐसे लोगों की संख्या लाखों में है जो वहां से निकलना चाहते हैं। रूस से पुरुषों के बाहर जाने पर पाबंदी लगा देने की खबरों के बीच अब निजी विमानों में सीटों की मांग में भारी उछाल देखा जा रहा है।
अर्मेनिया, तुर्की और अजरबैजान का रुख कर रहे रूसी
गौरतलब है कि रूस में अनिवार्य सैन्य सेवा लागू है। ऐसे में देश के हर युवा को सेना की ट्रेनिंग लेना जरूरी है। ऐसे में ट्रेनिंग ले चुके लोगों को अंदेशा है कि उन्हें कभी भी रूस की तरफ से लड़ने के लिए यूक्रेन भेजा जा सकता है। ऐसे में देश के अमीर नागरिक ऐसे देशों का रूख कर रहे हैं जो रूसी नागिरकों को वीजा मुक्त प्रवेश की अनुमति देते हैं। जानकारी के मुताबिक संपन्न रूसी नागरिक अर्मेनिया, तुर्की और अजरबैजान का रूख कर रहे हैं औऱ यहां तक पहुंचने के लिए निजी विमानों की मदद ले रहे हैं और इसके लिए मनमाफिक कीमत चुका रहे हैं।
एक टिकट की कीमत 22 लाख तक पहुंची
देश से बाहर जाने के लिए निजी विमानों की भारी मांग को देखते हुए इन विमानों में एक सीट की लागत अब £20,000 और £25,000 (करीब 18 लाख से लेकर 22 लाख रुपये) के बीच पहुंच गई है। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, आठ सीटों वाले प्राइवेट जेट को किराए पर लेने की कीमत £80,000 और £140,000 (70 लाख से लेकर सवा करोड़ रुपये) के बीच है, जो सामान्य रूप से लागत से कई गुना अधिक महंगा है।
रूस में स्थिति हुई अराजक
ब्रोकर जेट कंपनी योर चार्टर के निदेशक येवगेनी बीकोव ने कहा, "इस समय स्थिति बिल्कुल अराजकता जैसी है। लोगों पर मानो पागलपन सवार है। अमूमन हमें एक दिन में 50 अनुरोध मिलते थे जो अब बढ़कर करीब 5,000 तक पहुंच गये हैं।" बीकोव ने कहा कि उनकी फर्म ने कीमत कम करने और मांग को पूरा करने के लिए बड़े वाणिज्यिक विमानों को किराए पर लेने की कोशिश की, लेकिन सभी के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि चार्टर्ड कमर्शियल प्लेन में सबसे सस्ती सीट की कीमत £3,000 है।
50 गुना बढ़ी उड़ानों की मांग
इस बीच, एक अन्य निजी जेट फर्म फ्लाईवे ने कहा कि आर्मेनिया, तुर्की, कजाकिस्तान और दुबई के लिए एकतरफा उड़ानों की मांग 50 गुना बढ़ गई है। कंपनी के प्रमुख एडुअर्ड सिमोनोव ने कहा कि किराए के लिए जेट विमानों की उपलब्धता यूरोपीय संघ और ब्रिटेन की ओर से लगाए गए प्रतिबंधों से गंभीर रूप से प्रभावित हो गई थी, जिसने रूस में उपयोग के लिए विमान को पट्टे पर देने या बीमा करने पर रोक लगा दी थी। सिमोनोव ने कहा, "सभी यूरोपीय निजी जेट फर्मों ने मार्केट छोड़ दिया है। अब आपूर्ति की तुलना में मांग अधिक है और छह महीने पहले की तुलना में कीमतें आसमान छू रही हैं।"
सड़क रास्ते से भी रूस छोड़ रहे लोग
पिछले हफ्ते बुधवार को राष्ट्रपति पुतिन द्वारा "आंशिक लामबंदी" की घोषणा के बाद से रूस छोड़ने वाले लोगों की संख्या अत्यधिक रूप से बढ़ गई है। हालांकि अभी ये आंकड़े नहीं मिल पाए हैं कि कितने लोग देश छोड़ने के लिए प्रयास में जुटे हैं लेकिन लेकिन माना जा रहा है कि भारी संख्या में लोग रूस छोड़ रहे हैं। रूस भागने की कोशिश में रूस-जॉर्जिया बॉर्डर पर जो कजाकिस्तान, फिनलैंड और मंगोलिया जाने का रास्ता है हैं, वहां लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। हालांकि रूस ने अभी अपनी सीमाओं को बंद नहीं किया है, और गार्ड आमतौर पर लोगों को जाने दे रहे हैं।