
G20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
G20 Summit Vladimir Putin: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले हफ्ते इंडोनेशिया के बाली में होने वाले वैश्विक नेताओं के जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे। राष्ट्रपति पुतिन की जगह रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव जी20 शिखर सम्मेलन में रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यूक्रेन के खिलाफ जंग का ऐलान करने के बाद ये पहला मौका है, जब दुनिया की 90 प्रतिशत जीडीपी का नेतृत्व करने वाले जी20 देशों का शिखर सम्मेलन हो रहा है और उसमें राष्ट्रपति पुतिन शामिल नहीं होंगे।

जी20 में शामिल नहीं होंगे पुतिन
हालांकि, इंडोनेशिया में रूसी दूतावास की अधिकारी यूलिया टॉम्स्काया ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि, "रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अगले हफ्ते इंडोनेशिया के बाली में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में नहीं जाएंगे। मैं इसकी पुष्टि कर सकती हूं कि एफएम सर्गेई लावरोव जी 20 में रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।" इससे पहले इंडोनेशियाई सरकार के एक अधिकारी ने पहले रॉयटर्स समाचार एजेंसी को बताया था कि, विदेश मंत्रीलावरोव, राष्ट्रपति पुतिन का प्रतिनिधित्व करेंगे और रूसी राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन की एक बैठक में वर्चुअली शामिल होंगे। वहीं, इंडोनेशियाई राष्ट्रपति जोको विडोडो ने इस सप्ताह की शुरुआत में फाइनेंशियल टाइम्स को बताया था कि उन्हें 'मजदूत आभास' है, कि रूसी नेता इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए नहीं आएंगे।

जी20 में यूक्रेन होगा मुख्य मुद्दा
आपको बता दें कि, जी20 शिखर सम्मेलन में दुनियाभर की मजबूत अर्थव्यवस्था वाले 19 देश शामिल हैं, जबकि यूरोपीय यूनियन भी इसमें शामिल है। वहीं, माना जा रहा है, कि जी20 शिखर सम्मेलन में इस बार यूक्रेन युद्ध काफी ज्यादा हावी रहने वाला है, जिसमें भोजन और ईंधन की वैश्विक कमी के मुद्दे को भी उठाया जाएगा। वहीं, इस साल इंडोनेशिया जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है और अमेरिका समेत पश्चिमी देशों की तरफ से इंडोनेशिया पर रूस का आमंत्रित नहीं करने का भारी दबाव भी बनाया गया, लेकिन इंडोनेशिया ने पश्चिमी देशों के इस आह्वान को खारिज कर दिया। इंडोनेशिया भी भारत की ही तरह यूक्रेन युद्ध पर तटस्थता की नीति पर चल रहा है और उसने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा पर सहयोग करने की बात की है। वहीं, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति विडोडो ने जी20 शिखर सम्मेलन पर पड़ने वाले जियोपॉलिटिकल तनाव पर दुख जताया है और उन्होंने कहा है कि, इस शिखर सम्मेलन में आर्थिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और इसका इस्तेमाल "एक राजनीतिक मंच के तौर पर नहीं होना चाहिए"।

चरम पर चल रहा है जियोपॉलिटिक्स
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र महासभा में G20 के 16 सदस्यों ने पूर्वी यूक्रेन के चार क्षेत्रों को रूस में मिलाने के मास्को के प्रयास की निंदा करते हुए रूसी कदम के खिलाफ लाए गये प्रस्ताव का समर्थन किया था। G20 के सदस्य चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने मतदान में भाग नहीं लिया था, जबकि यूरोपीय संघ का संयुक्त राष्ट्र निकाय में प्रतिनिधित्व नहीं है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की को भी इस शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया गया है और उन्होंने पहले कहा था, कि अगर पुतिन को इसमें शामिल किया जाता है, तो वह इसमें शामिल नहीं होंगे। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन उन विश्व नेताओं में शामिल हैं, जो जी20 शिखर सम्मेलन में शिरकत करने वाले हैं।