रूसी पत्रकार बाबचेंको की 'हत्या' करने वाले शख़्स की कहानी
यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी पत्रकार आर्काडी बाबचेंको पर जानलेवा हमला करने की ज़िम्मेदारी लेने वाले शख़्स ने कहा है कि वह ख़ुफिया जानकारी हासिल करने में अधिकारियों की मदद कर रहे थे.बीबीसी से ख़ास बातचीत में ओलेक्सी सिंबाल्यक ने कहा कि वो इस 'फर्जी हत्या' के लिए तैयार होने का अभिनय कर रहे थे.ओलेक्सी सिंबाल्यक रूढ़िवादी सोच रखने वाले पादरी रह चुके हैं.
यूक्रेन की राजधानी कीव में रूसी पत्रकार आर्काडी बाबचेंको पर जानलेवा हमला करने की ज़िम्मेदारी लेने वाले शख़्स ने कहा है कि वह ख़ुफिया जानकारी हासिल करने में अधिकारियों की मदद कर रहे थे.
बीबीसी से ख़ास बातचीत में ओलेक्सी सिंबाल्यक ने कहा कि वो इस 'फर्जी हत्या' के लिए तैयार होने का अभिनय कर रहे थे.
ओलेक्सी सिंबाल्यक रूढ़िवादी सोच रखने वाले पादरी रह चुके हैं. उनका कहना है कि जैसे ही यूक्रेन के एक नागरिक ने बाबचेंको की हत्या को अंजाम देने के लिए संपर्क किया गया, उन्होंने सबसे पहले सुरक्षा एजेंसियों को इस बारे में सूचना दी.
30 मई को यूक्रेन की पुलिस ने कहा था कि उन्हें राजधानी कीव में रूस के पत्रकार बाबचेंको की गोलियों से छलनी लाश मिली है. बाबचेंको की पत्नी ने कहा था कि उन्हें वो घर के बाहर ख़ून में लथपथ मिले थे.
लेकिन ख़बर आने के करीब चौबीस घंटों बाद ही 41 साल के बाबचेंको ज़िंदा एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में सबके सामने आ गए.
बाद में बाबचेंको ने मीडिया को बताया कि यूक्रेन ने जान-बूझकर एक योजना के तहत उनकी हत्या की फ़र्जी ख़बर फैलाई थी. यूक्रेन का कहना था कि उसे रूसी एजेंटों का भंडाफोड़ करने के लिए बाबचेंको की हत्या की झूठी ख़बर फैलानी पड़ी.
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'मैं अभी भी हत्यारा हूं'
यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित एक इमारत के तहख़ाने में हमारी मुलाक़ात ओलेक्सी सिंबाल्यक से हुई. सिंबाल्यक हंसते हुए कहते हैं, "मैं अभी भी आर्काडी बाबचेंको का हत्यारा हूं."
यूक्रेन के दक्षिणपंथी समूहों के सदस्य रहे सिंबाल्यक यूक्रेन के पूर्वी क्षेत्र में रूस समर्थित विद्रोहियों के ख़िलाफ़ युद्ध में शामिल रहे हैं.
उन्होंने मुझे बताया कि ये पूछा जाना भी अपने आप में भद्दा है कि क्या उन्होंने कभी किसी की हत्या की है.
अप्रैल महीने की शुरुआत में यूक्रेन के एक व्यक्ति, बोरिस हरमन ने सिंबाल्यक से एक राजनीतिक हत्या करने के लिए संपर्क किया था.
इसके बाद दोनों के बीच आमने-सामने की मुलाक़ातें और इंस्टेंट मैसेजिंग के ज़रिए बात हुई. उन्हें 14 हज़ार अमरीकी डॉलर का अग्रिम भुगतान किया गया. इसके साथ ही दोनों ने कथित तौर पर बाबचेंको की हत्या करने की योजना बनाई.
सिंबाल्यक कहते हैं कि उन्हें लगता है कि उनका चुनाव इसलिए किया गया क्योंकि हथियारों के व्यापारी हरमन को लगा कि सिंबाल्यक को आसानी से बरगलाया जा सकता है.
अगर ये सही है तो ये आकलन ग़लत था क्योंकि सिंबाल्यक से जैसे ही इस बारे में संपर्क किया गया उन्होंने तुरंत यूक्रेन की सुरक्षा एजेंसी से संपर्क किया और अपनी सभी बातों को रिकॉर्ड किया.
आकलन में हुई गलती
रूसी पत्रकार आर्काडी बाबचेंको की झूठी हत्या से कुछ दिन पहले सिंबाल्यक अपने लक्ष्य यानी बाबचेंको से उनके घर पर मिले.
सिंबाल्यक हंसते हुए बताते हैं, "एक सिक्योरिटी सर्विस ऑपरेटिव ने हमें एक दूसरे से मिलवाया और कहा 'अपने संभावित हत्यारे को हलो कहें'. मैंने उनसे कहा कि आपको पुतिन के गाल पर थप्पड़ मारने का मौक़ा हर रोज नहीं मिलता है."
इसके बाद 29 मई को जब इस झूठी हत्या को अंजाम दिया गया उस वक्त सिंबाल्यक बेफिक्र होकर अपना काम कर रहे थे जैसे कि वह असल में हत्यारे हों. ऐसा इसलिए किया गया कि ताकि उनका पीछा करने वालों को धोखा दिया जा सके.
वह मुस्कुराते हुए बताते हैं, "मैंने अपना सूप ख़त्म किया, टैक्सी बुलाई और बाबचेंको को मारने के लिए निकल पड़ा."
"[अपने घर में, बाबचेंको] ज़मीन पर खून में सने हुए पड़े थे और एंबुलेंस का इंतजार कर रहे थे. मैंने उन्हें अच्छी सेहत की दुआ दी और उन्होंने मुझसे कहा कि मैं उन्हें हंसने के लिए मजबूर न करूं."
इसके बाद सिंबाल्यक एक सेफ हाउस के लिए निकल पड़े जहां उन्होंने सोशल मीडिया पर इस हत्या की ख़बरें पढ़ी.
इसके बाद रात को उन्होंने हरमन को एक संदेश भेजा जिसमें लिखा था, "परजीवी कीड़े को ठिकाने लगा दिया गया है". इसके बाद सुबह हरमन का संदेश आया कि उन्हें मुलाक़ात करनी चाहिए.
लेकिन ये मुलक़ात कभी नहीं हो पाई, क्योंकि सुरक्षाबलों ने देश छोड़ने की योजना बना रहे हरमन को हिरासत में ले लिया.
इसके कुछ घंटों बाद बाबचेंको ने टीवी पर एक परेस कांफ्रेंस में दुनिया के सामने आकर सबको चौंका दिया.
हरमन ने इस हत्या की साजिश करने से इनकार नहीं किया है लेकिन उन्होंने कहा है कि वह भी यूक्रेन की एसबीयू सुरक्षा सेवा के साथ काम कर रहे थे और उन्हें पहले से पता था कि ये हत्या 'झूठी' है.
हालांकि, अब तक हरमन और उनके वकीलों ने उनके दावे को सिद्ध करने के लिए कोई सुबूत नहीं दिया है.
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