जब तक रहेंगे, पुतिन ही जीतेंगे! विरोधियों को 'ठिकाने' लगाकर कैसे जीती व्लादिमीर पुतिन की पार्टी!
रूस में 2024 में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने हैं और रूसी विशेषज्ञों का कहना है कि पुतिन ने उससे पहले का बड़ा टेस्ट पास कर लिया है।
मॉस्को, सितंबर 21: रूस में हुए संसदीय चुनाव में व्लादिमीर पुतिन की पार्टी भारी बहुमत से जीत गई है। हालांकि, पिछले चुनाव के मुकाबले पुतिन की पार्टी को थोड़े कम वोट जरूर मिले हैं, लेकिन उससे पुतिन की पार्टी को कोई पर्क नहीं पड़ने वाला है। वहीं, विरोधियों ने सोमवार को रूसी अधिकारियों पर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। विरोधियों का कहना है कि चुनाव में सिर्फ धांधली ही धांधली की गई है और अधिकारियों ने भी रूसी राष्ट्रपति की पार्टी को ही जिताने की कोशिश की।
रूस में जीती पुतिन की पार्टी
रूस में करीब 99.9 मतपत्रों की गिनती होने के बाद रूस की सेन्ट्रल इलेक्शन कमीशन ने कहा है कि यूनाइटेड रशिया (पुतिन की पार्टी) ने करीब 50 प्रतिशत वोट पाए हैं। जबकि उनकी विरोधी कन्यूनिस्ट पार्टी को 19 फीसदी से कम वोट मिले हैं। पिछले चुनाव में पुतिन की पार्टी यूनाइटेड पार्टी को करीब 54 फीसदी वोट हासिल हुए थे। इस चुनाव में राष्ट्रपति पुतिन के कटु आलोचकों को हिस्सा ही नहीं लेने दिया गया था और चुनाव के वक्त भी कई जगहों से धांधली के आरोप आए थे। वहीं, रूसी राष्ट्रपति पुतिन के घोर विरोधी रहे एलेक्सी नवेलनी को भी जेल से बाहर नहीं निकाला गया। वोटो की गिनती के बाद चुनाव अधिकारियों ने कहा है कि संसद में व्लादिमीर पुतिन की यूनाइटेड रशिया पार्टी को करीब दो तिहाई से ज्यादा बहुमत हासिल होगा। आपको बता दें कि रूस की संसद में 450 सीटें हैं और अभी भी पुतिन की पार्टी को ही भारी बहुमत हासिल है। रूस में स्थिति ये है कि संसद में विपक्षी पार्टियों का कोई महत्व ही नहीं रह गया है।
भारी फर्जीवाड़े का आरोप
रूस की विपक्षी पार्टियों ने चुनाव में भारी धांधली और अनियमितता के आरोप लगाए हैं। कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता गेन्नादी ज्यूगानोव ने भी कहा है कि चुनाव में भारी गड़बड़ी की गई है। राजधानी मॉस्को में विरोधी पार्टियों ने पुतिन की पार्टी के खिलाफ काफी ज्यादा संघर्ष किया था, लेकिन चुनाव परिणाम में पता चला है कि सभी 15 चुनावी जिले में विपक्षी पार्टियों को करारी हार मिली है। कम्यूनिस्ट पार्टी के एक उम्मीदवार वालेरी रश्किन ने कहा कि, ''यह एक अपमान है और एक वास्तविक अपराध है''। रश्किन ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि, उनकी पार्टी तब तक विरोध करती रहेगी जब तक कि गलत इलेक्ट्रॉनिक परिणामों को सही नहीं किया जाए्गा। रश्किन ने कहा कि प्रदर्शनकारी शनिवार को वापस आएंगे। वहीं, जेल में बंद एलेक्सी नवेलनी के सहयोगियों ने चुनाव परिणामों की निंदा की है। एलेक्सी नवेलनी के एक सहयोगी हुसोव सोबोल ने कहा कि, "इतनी बड़ी संख्या में उल्लंघनों के साथ, राज्य ड्यूमा चुनावों के परिणामों को स्वच्छ, ईमानदार या वैध के रूप में मान्यता नहीं दी जा सकती है"।
चुनाव नहीं लड़े नवेलनी के सहयोगी
रूस के चुनाव में खुद एलेक्सी नवेलनी और उनके सहयोगी चुनावी मैदान में उतरना चाहते थे, लेकिन पहले उग्रवाद का आरोप लगाकर एलेक्सी नवेलनी को जेल में डाल दिया गया और फिर उनके सहयोगियों को एक 'उग्रवादी' का साथ देने का आरोप लगाकर चुनाव लड़ने से रोक दिया गया। जब नवेलनी के सहयोगियों ने पुतिन की पार्टी के खिलाफ प्रचार करने की कोशिश की, तो ज्यादातर साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया और नवेलनी के कई सहयोगियों को रैली निकालने की इजाजत नहीं दी गई।
चुनाव आयोग ने मतदान को साफ कहा
रूस के चुनाव आयोग ने कहा कि, उन्हें जहां से गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं, उन जगहों के चुनाव परिणामों को रद्द कर दिया गया है, लेकिन जहां तक पूरे चुनाव की बात है, तो चुनाव पूरी तरह से स्पष्ट और निष्पक्ष कराए गये हैं। चुनाव आयोग की प्रमुख एला पामफिलोवा के अनुसार, वोट असाधारण रूप से स्वच्छ और पारदर्शी था। उन्होंने राष्ट्रपति पुतिन से कहा कि, वह शुक्रवार को अंतिम परिणाम घोषित करने से पहले किसी भी शिकायत पर गौर करेंगी। पुतिन ने एक संक्षिप्त बयान दिया है, जिसमें उन्होंने चुनाव परिणाम की सराहना करने के बाद मतदाताओं को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी पार्टी 'यूनाइटेड रसिया' ने अग्रणी पार्टी के रूप में अपनी भूमिका की पुष्टि की है। वहीं, रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन ने कहा कि चुनाव प्रतिस्पर्धी, खुला और ईमानदार रहा है।
रूस में सिर्फ पुतिन का राज!
रूस में राजनीतिक परिणाम जारी होने के बाद अब साफ हो गया है कि रूस में राजनीतिक परिदृश्य बदलने की संभावना नहीं है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन 1999 से राष्ट्रपति या प्रधान मंत्री के रूप में सत्ता में हैं। 2024 में अगले राष्ट्रपति चुनाव से पहले अभी भी वो ही रूस की राजनीति में हावी हैं। हालांकि, पुतिन ने अभी तक साफ नहीं किया है कि वो चुनाव में हिस्सा लेंगे या नहीं। लेकिन, उनके समर्थकों का कहना है कि पुतिन ही चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे भी। कार्नेगी मॉस्को सेंटर के निदेशक दिमित्री ट्रेनिन ने कहा कि, ''क्रेमलिन चुनावी जीत को उस राजनीतिक व्यवस्था की जीत के रूप में देखेगा जिसकी वह अध्यक्षता करता है।'' ट्रेनिन ने ट्विटर पर लिखा, "इसके अलावा, इसने (क्रेमलिन) चुनाव के बाद की स्थिति को जीत लिया है। देश भर में सड़क पर कोई विरोध नहीं हुआ ... 2024 चुनाव से पहले चुनावी टेस्ट खत्म हो गया है।" आपको बता दें कि, व्लादिमीर पुतिन, जो अगले महीने 69 वर्ष के हो जाएंगे, चुनावी परिणाम से जाहिर होता है कि, वो रूस में काफी लोकप्रिय बने हुए हैं।
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