कोरोना के खिलाफ जंग में रूस को बड़ी कामयाबी, इस महीने मिल जाएगी अस्पतालों को दवाई
कोरोना के खिलाफ जंग में रूस को बड़ी कामयाबी, इस महीने भेजेगा अस्पतलों को दवाई
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज के लिए बनाई गई दवाई को रूस इस महीने अस्पतालों को भेजेगा। जून में ये दवाई अस्पतालों को मिलनी शुरू हो जाएगी, उम्मीद की जा रही है कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ये एक अहम हथियार साबित हो सकती है। रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ), रसियन सोवेरन वेल्थ फंड और चेमरार ग्रुप एविफाविर (Avifavir) नाम की इस दवा के 60,000 कोर्सेज इस महीने रूस के अस्पतालों को देंगे।
कोरोना वायरस में प्रभावी मानी जा रही दवा
एविफाविर रूस की पहली दवा है, जो कोरोनावायरस के रोगियों के उपचार में काफी प्रभावकारी दिखी है। इस दवाई को रूसी फेडरेशन के स्वास्थ्य मंत्रालय से प्रमाणपत्र मिला है। जिसके बाद एविफाविर कोरोना के उपचार के लिए अनुमोदित दुनिया में पहली दवा बन गई है। इस दवा को लेकर दुनियाभर में उम्मीदें जगी हैं।
अभी तक प्रभावी रहा है दवाई का परीक्षण
ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक, आरडीआईएफ की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस दवा का पहला बैच को उपयोग के लिए अनुमोदन के लिए भेजा जाएगा। दावा किया गया है कि रूसी अस्पतालों में दवा के पहले बैचों की डिलीवरी 11 जून को होने की उम्मीद है।
दावा किया जा रहा है कि जो शुरुआती डाटा मिला है। उसको देखा जाए तो ये दवा कोरोना के खिलाफ प्रभावकारी की है। 21 मई को रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से अनुमोदित 330 रोगियों पर इस दवा का परीक्षण आखिरी चरण में है। मॉस्को स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी, लोमोनोसोव मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी और अन्य चिकित्सा और शैक्षणिक संस्थानों से जुड़े परीक्षणों में भी ये दवा काफी प्रभावी साबित हुई है।
लगातार बढ़ रहा कोरोना के केस
कोरोना वायरस का खतरा देश और दुनिया में लगातार बढ़ता जा रहा है। भारत में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या दो लाख के करीब पहुंच चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटे में रिकॉर्ड 8,392 नए मामले सामने आए हैं जबकि 230 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कुल कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 1,90,535 हो गई है और अब तक कुल 5,394 लोगों की मौत हो चुकी है। देश में इस समय 93,322 सक्रिय मामले हैं, यानी इन लोगों का इलाज चल रहा है। वहीं 91,819 लोग अब तक संक्रमण के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और वो अस्पताल से घर जा चुके हैं।
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