चीन के खिलाफ आक्रामक हुए डोनाल्ड ट्रंप, बोले- बंद कर सकते हैं और भी वाणिज्य दूतावास
नई दिल्ली: कोरोना वायरस का कहर देखने के बाद अब अमेरिका भी चीन के खिलाफ खुलकर सामने आ गया है। भारत की तरह अमेरिका में भी चीन के खिलाफ कार्रवाई जारी है। हाल ही में ह्यूस्टन स्थित वाणिज्य दूतावास को बंद करने का आदेश देकर अमेरिका चीन को साफ संदेश दे चुका है। अब राष्ट्रपति ट्रंप ने इस तरह की और भी कार्रवाई की बात कही है। ट्रंप के मुताबिक चीनी अधिकारियों की हरकत से उन पर शक गहरा होता जा रहा है।
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एक प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप से पत्रकारों ने चीनी दूतावास को लेकर प्रतिक्रिया मांगी। जिस पर ट्रंप ने कहा कि ह्यूस्टन स्थित चीन के दूतावास को बंद करने के आदेश के बाद वहां पर कई अहम दस्तावेज जलाए गए। जिससे चीन के ऊपर शक और गहरा गया है। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो अन्य दूतावासों को भी बंद करने का आदेश दिया जा सकता है। अमेरिका के इस फैसले से चीन बौखलाया हुआ है। चीन के मुताबिक इस तरह दूतावास बंद करने से दोनों देशों के बीच तनाव और ज्यादा बढ़ेगा।
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क्यों
बंद
हुआ
दूतावास?
अमेरिका
को
शक
था
कि
ह्यूस्टन
स्थित
दूतावास
से
चीन
उनके
देश
में
जासूसी
कर
रहा
है,
जबकि
विएना
संधि
में
इस
बात
को
साफ
किया
गया
था
कि
मेजबान
(दूतावास
अधिकारी)
देश
के
किसी
भी
आंतरिक
मामले
में
हस्ताक्षेप
न
करें।
इसी
संधि
का
उल्लंघन
करने
पर
अमेरिका
ने
ह्यूस्टन
दूतावास
बंद
करने
का
आदेश
दिया।
मौजूदा
वक्त
में
चार
और
चीनी
वाणिज्य
दूतावास
अमेरिका
में
हैं।
दूतावास
में
आग
ह्यूस्टन
की
लोकल
मीडिया
की
तरफ
से
बुधवार
को
एक
वीडियो
जारी
किया
गया
था।
उनमें
कंटेनर्स
के
अंदर
से
काला
धुंआ
निकलता
नजर
आ
रहा
है।
इसके
बाद
भी
फायर
फाइटर्स
को
दूतावास
की
बिल्डिंग
के
अंदर
जाने
की
मंजूरी
नहीं
थी,
हालांकि
कुछ
मिनटों
बाद
आग
बुझ
गई।
इस
घटना
में
कोई
भी
घायल
नहीं
हुआ
है।
माना
जा
रहा
है
कि
चीनी
अधिकारियों
ने
दूतावास
खाली
करने
से
पहले
कई
दस्तावेजों
को
आग
लगा
दी।