रामनाथ कोविंद ने ढाका में पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर का किया उद्घाटन,1971 में पाक सेना ने किया था नष्ट
नई दिल्ली, 17 दिसंबर। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने बांग्लादेश के ढाका में पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर का शुक्रवार को उद्घाटन किया। ये वो ही मंदिर है जिसे 1971 के युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना ने नष्ट कर दिया था।
बता दें 1971 में पाकिस्तान की आर्मी ने इस ऐतिहासिक रमना काली मंदिर को तहस-नहस कर दिया था। पाकिस्तान ने इसे अपने ऑपरेशन सर्चलाइट के तहत पूरी तरह ढहा दिया था। मंदिर में पाक आर्मी ने आग लगा दी थी जिसके कारण मंदिर में मौजूद लोग और आस-पास रहने वाले लोग मारे गए थे। अब 50 साल बाद भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस ऐतिहासिक पुर्नर्निमित मंदिर का उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति ने ढाका में विशिष्ट अतिथि के रूप में विजय दिवस परेड में भाग लिया। भारतीय सशस्त्र बलों के 122 सदस्यीय त्रि-सेवा दल ने भी भाग लिया। विंग कमांडर टी आशा ज्योतिरामई ने बांग्लादेश सशस्त्र बलों के पैराट्रूपर्स के साथ भारतीय त्रि-सेवाओं का झंडा फहराया।1971 के एक मिग-21 विमान को बांग्लादेश के राष्ट्रीय संग्रहालय को उपहार में दिया गया था। राष्ट्रपति द्वारा बांग्लादेश के राष्ट्रपति को विमान की एक प्रतिकृति सौंपी गई
राष्ट्रपति कोविंद 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश की स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह में भाग लेने के लिए अपने समकक्ष एम अब्दुल हामिद के निमंत्रण पर अपनी पहली राजकीय यात्रा पर बांग्लादेश पहुंचे हैं। इस मौके पर रामनाथ कोविंद की पत्नी भी उनके साथ इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुईं।इसके बाद उन्होंने बांग्लादेशी समाज और भारतीय समुदाय के सदस्यों के जीवन के विभिन्न क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करने वाले भारत के मित्रों की एक सभा को संबोधित किया।
राष्ट्रपति ने बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने राष्ट्रपति से मुलाकात की और मार्च 2021 में पीएम मोदी की बांग्लादेश की ऐतिहासिक यात्रा को याद किया। उन्होंने 1971 की भावना और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की विरासत के महत्व पर प्रकाश डाला। विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमन ने भी राष्ट्रपति से मुलाकात की।
सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने इस कार्यक्रम को भारत और बांगलादेश दोनों देशों के लिए भावनात्मक क्षण बताया। उन्होंने कहा यह पुनर्निर्मित रमना काली मंदिर सिर्फ प्रतीकात्मक ही नहीं है, बल्कि यह हम दोनों देशों के लिए एक बहुत ही भावनात्मक क्षण है।
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राष्ट्रपति तीन दिवसीय दौर पर है। इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गईं। विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई सूचना के अनुसार इनमें ढाका में लिबरेशन वॉर म्यूजियम को बंगबंधु-बापू डिजिटल प्रदर्शनी का उपहार देना डीयू में बंगबंधु चेयर के पहले रहने वाले की घोषणा और नूतन भारत-बांग्लादेश मैत्री मुक्तिजोधा सोंतन छात्रवृत्ति योजना का विस्तार 5 साल के लिए करना शामिल है।