बम फटते ही कैमरा छोड़ बच्चों को बचाने भागा फोटोग्राफर, फिर फूट-फूटकर रोया
एक सीरियाई फोटोग्राफर ने अपने हाथ में मौजूद कैमरे को नीचे रख दिया जिससे वो बम धमाके में घायल हुए बच्चे को बचा सके।
नई दिल्ली। एक सीरियाई फोटोग्राफर ने अपने हाथ में मौजूद कैमरे को नीचे रख दिया जिससे वो बम धमाके में घायल हुए बच्चे को बचा सके। उस फोटोग्राफर ने एक बच्चे का बचाया भी। पर जब उसने दूसरे बच्चे को देखा, जिसकी मौत हो चुकी थी। इतना देखते ही वो फोटोग्राफर टूट गया और वहीं फफक-फफककर रोने लगा।
यह बात पिछले सप्ताह की है। फोटोग्राफर के मुताबिक जब आसपास के गांवों से शरणार्थियों को लेकर आ रही बसों का एक काफिला कुछ देर के लिए अलेप्पो के निकट विद्रोहियों के कब्जे वाले राशिदीन कस्बे में रुका। उसी वक्त एक व्यक्ति ने उसी वक्त छोटे-छोटे बच्चों को चिप्स के पैकेटों का लालच देकर अपनी तरफ बुलाया और तभी एक बम फट गया। बम फटने से 126 लोगों की मौत हुई, जिनमें 80 से ज्यादा छोटे-छोटे बच्चे थे।
फोटोग्राफर और सामाजिक कार्यकर्ता अब्द अल्कादर हबक पास ही अपने काम में जुटे हुए थे और कुछ देर के लिए वह भी बेहोश हो गए थे। उन्होंने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि वो समय बेहद भयावह था। ऐसा तब जब आप खासतौर से छोटे-छोटे बच्चों को अपनी आंखों के सामने तड़पते और मरते हुए देख रहे हों। ऐसे समय में मैंने अपने साथियों के साथ फैसला किया कि हम लोग अपने कैमरे एक तरफ रख देते हैं और घायलों को बचाना शुरू कर देते हैं।
उन्होंने बताया कि जिस पहले बच्चे के पास वह पहुंचे, वह मर चुका था। तभी वह दूसरे बच्चे के पास गए जो मुश्किल से सांस ले पा रहा था। उन्होंने उसे उठाया और एम्बुलेंस तक पहुंचाया।
मोहम्मद अलगरेब ने सीएनएन समाचार चैनल से बातचीत करते हुए कहा कि कुछ जख्मी लोगों की मदद की, पर बाद में उन्होंने तस्वीरें खींचना शुरू कर दिया था।
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