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मिस्र के आसमान में चक्कर काटते थे एलियंस, UFO को लेकर 3500 साल पुराने दस्तावेज में दावे!

आज से कई साल पहले जुलाई सन 1947 में लोगों का कहना था कि एलियन धरती पर आए हैं। तब लोगों ने सरकार पर आरोप लगया था कि उसने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी। एक रिपोर्ट ने दावा किया था कि लोग जो कह रहे थे वह सही था....

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काहिरा 20 जून : यूएफओ, एलियंस के किस्से आज के समय में लोग बड़े चाव से सुनते हैं। आपको लगता होगा कि ऐसे कहानियां आधुनिककाल में हुआ होगा। अगर ऐसा सोच रहे हैं तो आप बिलकुल गलत हैं। प्राचीन मिस्र के पेपिरस दस्तावेजों में यूएफओ के बारे में जानकारी देखने को मिलती हैं। इससे पता चलता है कि पौराणिक काल में भी लोगों का सामना एलियंस से हुआ होगा। उन्हें यूएफओ के बारे में पहले से ही जानकारी थी। यूएफओ के बारे में जानना कौतूहल का विषय है। इसके बारे में जो जानकारियों कितनी सच हैं, ये आज के वैज्ञानिकों के लिए शोध का विषय बना हुआ है।

पेपिरस दस्तावेज में एलियंस का जिक्र

पेपिरस दस्तावेज में एलियंस का जिक्र

बता दें कि, पेपिरस (Papyrus) एक प्रकार का कागज है जो पेपिरस के तनों से बनाया जाता है जिसका उपयोग प्राचीन मिस्र, रोम और ग्रीस में किया जाता था। पपीरस के दस्तावेज़ों के मुताबिक उसमें एलियंस के वजूद के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। जानकारी के मुताबिक 3,500 साल पुराने इस दस्तावेज में अज्ञात उड़नतश्तरी (UFO- unidentified flying object) के बारे में जिक्र किया गया है। 3,500 साल पुराने दस्तावेज में बताया गया है कि, कई सारे अज्ञात चमकते हुए डिस्क ने पूरे आसमान को ढक लिया है। जिनका तेज सूर्य की प्रकाश से भी तेज है।

एलियन धरती पर आए थे

एलियन धरती पर आए थे

आज से कई साल पहले जुलाई सन 1947 में लोगों का कहना था कि एलियन धरती पर आए हैं। तब लोगों ने सरकार पर आरोप लगया था कि उसने इस मामले को दबाने की कोशिश की थी। एक रिपोर्ट ने दावा किया था कि लोग जो कह रहे थे वह सही था। जिसका खुलासा 30 साल बाद हुआ। 1947 में जॉर्जिया के शहर रोसवेल (Roswell) के लोगों ने दावा किया था कि उन्होंने आसमान में एक तेज चमकती हुई उड़न तश्तरी को उड़ते हुए देखा है। संचार के संसाधनों में कमी होने के बावजूद पूरी दुनिया में एलियन के धरती पर आने का हल्ला हो गया। मामले ने तब और ज़ोर पकड़ लिया जब केनेथ अर्नाल्ड नाम के एक पायलट ने इस खबर पर मुहर लगा दी। अर्नाल्ड का दावा था कि उन्होंने आसमान में कोई अजीब से चीज उड़ती हुई देखी थी। उस समय UFO के बारे में हर कोई नहीं जानता था। तो अर्नाल्ड ने उसको उड़नतश्तरी नाम दिया। अर्नाल्ड के द्वारा ली गई कुछ तस्वीरें इस बात का दावा करती हैं कि आसमान में कुछ तो अजीब सी चीजें उड़ रही थीं।

अज्ञात उड़न तश्तरी को देखा है क्या....

अज्ञात उड़न तश्तरी को देखा है क्या....

अज्ञात उड़न तश्तरी (UFO) प्राचीन समय से ही इंसानों को परेशान करते रहे हैं, दुनिया भर में पाए जाने वाले गुफा चित्रों में बाहरी अंतरिक्ष से आए एलिंयस को दर्शाया गया है। जानकार बताते हैं कि, हमारे पूर्वज को यूएफओ के बारे में हमसे अधिक जानकारी रखते थे, हालांकि उन्होंने इसे एलियंस से जोड़ा था अथवा नहीं, हम यह कह नहीं सकते हैं।

मिस्र की दस्तावेजों में चमकती हुई डिस्क का जिक्र

मिस्र की दस्तावेजों में चमकती हुई डिस्क का जिक्र

1440 ईसा पूर्व में उड़न तश्तरी को लेकर प्राचीन मिस्र के किस्सों,दस्तावेजों में इनका जिक्र आता है। कहा जाता है कि, फिरैन थुमोस III के विद्वानों के मुताबिक UFO मिस्र के आसमान में काफी करीब से उड़ते थे। कहा जाता है कि इस घटना को तथाकथित टुली पेपिरस में प्रलेखित किया गया था, जिसे 1933 में काहिरा में एक प्राचीन वस्तुओं की दुकान में वेटिकन संग्रहालय के मिस्र के खंड के निदेशक अल्बर्टो टुली द्वारा खोजा गया था। टुली के पास दुकान से असली पपीरस खरीदने के लिए पैसे नहीं थे, इसलिए उसने इसके बजाय हाइराटिक लिपि की नकल की और फिर उसे चित्रलिपि में बदल दिया।

पेपिरस थुटमोस III के इतिहास का हिस्सा

पेपिरस थुटमोस III के इतिहास का हिस्सा

चित्रलिपि को बाद में एक इतालवी-रूसी इजिप्टोलॉजिस्ट प्रिंस बोरिस डी राचेविल्ट्ज़ द्वारा लिखा और अनुवाद किया गया था, जो मानते थे कि पेपिरस थुटमोस III के इतिहास का हिस्सा था। मानव विज्ञानी आर. सेड्रिक लियोनार्ड द्वारा इसे अधिक सरल भाषा में समझाया गया।

आसमान में प्रकट हुई थी डिस्क

आसमान में प्रकट हुई थी डिस्क

सेड्रिक लियोनार्ड के पौराणिक दस्तावेज के अनुसार, साल 22, तीसरा महीना और कड़कड़ाते सर्दियों का वह दिन का छठा घंटा, आकाश में एक तेज चमकती हुई डिस्क (strange Fiery Disk) प्रकट हुई थी। इसका कोई सिर नहीं था। उसके मुंह की सांस से दुर्गंध निकल रही थी। उसकी कोई आवाज नहीं थी और वह राजा की घर की ओर रूख किया था।

असली पेपिरस कहां है?

असली पेपिरस कहां है?

बाद में राजा ने सभी घटनाओं को ध्यान से सुना। काफी दिन बीत जाने के बाद आकाश में कई सारे चमकती हुई डिस्क दिखाई देने लगी। किस्सा के अनुसार शाम के भोजन के उपरान्त सभी चमकते डिस्क आकाश में दक्षिण दिशा की ओर बढ़ गए। यही वह समय था जब आसमान से मछलियों की बरसात होने लगी। यह एक चमत्कार ही तो था, जो देश की स्थापना के बाद से पहले कभी नहीं देखा गया था। यह घटना मिस्र के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गई । स्वाभाविक रूप से, स्रोत की प्रामाणिकता के बारे में संदेह है क्योंकि अल्बर्टो टुली एकमात्र व्यक्ति थे जिन्होंने वास्तव में मूल पेपिरस को देखा था। माना जाता है कि बोरिस डी राचेविल्ट्ज को जो कॉपी दी गई थी उसमें भी कई गलतियां थीं। असली पेपिरस कहां है, या मौजूद भी है तो आज तक यह रहस्य बना हुआ है।

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English summary
The 3,500-year-old document records the appearance of several ‘fiery disks’ that covered the entire sky and shone brighter than the sun
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