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डॉलर के मुकाबले रसातल में पहुंचा पाकिस्तानी रुपया, गिरावट देखकर शहबाज सरकार के हाथ-पांव फूले

पाकिस्तान की इस वक्त स्थिति ये है, कि वित्तीय वर्ष 2023 तक पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है, जिसमें 4.5 अरब डॉलर का कर्ज चीन और संयुक्त अरब अमीरात के द्वारा रोलओवर किया जा चुका है।

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इस्लामाबाद, मई 16: अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया का लुढ़कना जारी है और आशंका है कि, इस महीने के अंत तक एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का वैल्यू 200 को पार कर जाएगा। सोमवार को इंटरबैंक मार्केट में एक डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपये का वैल्यू 194 के ऐतिहासिक निचले स्तर तक पहुंच गया था।

रसातल में पहुंचा पाकिस्तानी रुपया

रसातल में पहुंचा पाकिस्तानी रुपया

पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून के मुताबिक, पाकिस्तानी केंद्रीय बैंक के मुताबिक शुक्रवार को रुपया 192.53 रुपये पर बंद हुआ था। लेकिन, सोमवार को यह डॉलर के मुकाबले 1.70 रुपये की गिरावट के साथ 194.23 रुपये को छू गया। विशेषज्ञों के अनुसार, ऊर्जा की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी के बीच भुगतान संतुलन संकट और खराब हो सकता है, और इससे रुपये पर दबाव बढ़ रहा है। यह संभावित बढ़ोतरी पाकिस्तान को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेगी, क्योंकि पाकिस्तान आयातित ऊर्जा पर बहुत अधिक निर्भर है। चालू वित्त वर्ष 2022 के पहले 10 महीनों में ऊर्जा आयात बिल पहले ही 72% बढ़ गया है।

विदेशी मुद्रा भंडार भी गिरा

विदेशी मुद्रा भंडार भी गिरा

पाकिस्तानी रुपये की तरह ही पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार पिछले 22 महीने के सबसे निचले स्तर 10.3 अरब डॉलर पर आ गया है। इसलिए, सामान्य 90 दिनों के आयात कवर की तुलना में पाकिस्तान का आयात कवर वर्तमान में घटाकर केवल 45 दिन कर दिया गया है। वहीं, पाकिस्तान के पास अब सिर्फ एक महीने के लिए विदेशों से सामान आयात करने का पैसा बचा है। इसके अलावा, पाकिस्तान को अगले दो महीनों में पाकिस्तान को अलग से 4.4 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है और उसके बाद पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में और भी ज्यादा कमी आ जाएगी। वहीं, एक्सपर्ट्स का मानना है कि, अगर पाकिस्तान को फौरन मदद नहीं मिलती है, तो पाकिस्तान की स्थिति भी श्रीलंका की तरह हो सकता है और बिजली के साथ साथ पाकिस्तान को भी जरूरी सामानों के लिए संघर्ष करना पड़ेगा।

खराब आर्थिक स्थिति में फंसा पाकिस्तान

खराब आर्थिक स्थिति में फंसा पाकिस्तान

पाकिस्तान की इस वक्त स्थिति ये है, कि वित्तीय वर्ष 2023 तक पाकिस्तान को 20 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज चुकाना है, जिसमें 4.5 अरब डॉलर का कर्ज चीन और संयुक्त अरब अमीरात के द्वारा रोलओवर किया जा चुका है। वहीं, इस साल फरवरी महीने तक, पाकिस्तान के पास आधिकारिक तौर पर 21.6 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार बचा था, लेकिन, पाकिस्तान के पास जो विदेशी मुद्रा भंडार बचा भी है, उसमें से ज्यादातर धनराशि तक उसकी पहुंच ही नहीं है, लिहाजा पाकिस्तान पर लगातार डिफॉल्टर होने का खतरा मंडरा रहा है। एक्सपर्ट्स का कहना है, कि अगर सऊदी अरब और चीन इस बार पाकिस्तान को कर्ज देता भी है, जिसकी उम्मीद काफी कम है, फिर भी पाकिस्तान सिर्फ एक साल ही और बचा रह सकता है।

बुरी तरह बढ़ेगी पाकिस्तान में महंगाई

बुरी तरह बढ़ेगी पाकिस्तान में महंगाई

पाकिस्तान में स्थिति ये चुकी है, डॉलर के मुकाबले रुपया अभी और भी ज्यादा गिरेगा और कुछ दिनों में एक डॉलर का वैल्यू 200 रुपये को पार कर जाएगा। इस बीच, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान लगाया है, कि पाकिस्तान की औसत मुद्रास्फीति 2022 में 11.2% तक पहुंच जाएगी, जो पिछले साल 8.9% थी। इतना ही नहीं, आईएमएफ ने पाकिस्तान को लेकर और भी चिंताजनक अनुमान लगाया है। आईएमएफ ने अनुमान लगाया है कि, पाकिस्तान का चालू खाता घाटा, उसके सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 5.3% है, जो पिछले वित्त वर्ष के 0.6% से काफी ज्यादा हो गया है और पाकिस्तान की आर्थिक सेहत के लिए ये काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है और देश को दिवालिया होने की तरफ ले जा सकता है।

क्या आईएमएफ देगा लोन?

क्या आईएमएफ देगा लोन?

मई 2019 में पाकिस्तान और आईएमएफ तीन साल की ईएफएफ व्यवस्था के लिए आर्थिक नीतियों पर स्टाफ लेवल एग्रीमेंट तक पहुंचे थे और इस समझौते के तहत पाकिस्तान को विभिन्न बाजार-उन्मुख सुधारों को लागू करने के बदले में 39 महीनों में लगभग 6 बिलियन डॉलर प्राप्त करना था। लेकिन, पाकिस्तान की पिछली इमरान खान सरकार ने जनता के गुस्से को दबाने के लिए सब्सिडी देना शुरू कर दिया, जिससे आईएमएफ की शर्तों का उल्लंघन हुआ और फिर आईएमएफ ने पाकिस्तान को लोन देना बंद कर दिया, जिसे इमरान खान ने अमेरिका की साजिश बता दिया। वहीं, अब स्थिति ये है, कि शहबाज शरीफ की सरकार फंस गई है, कि वो आखिर वो बिजली कीमतों को कैसे बढ़ाए, क्योंकि अगर बिजली कीमतों में इजाफा नहीं किया जाता है, तो आईएमएफ पाकिस्तान को और कर्ज नहीं देगा।

राजनीतिक अस्थिरता, दिवालिएयन का खतरा, भारत से अलग होकर पाकिस्तान एक फेल राष्ट्र बन गया?राजनीतिक अस्थिरता, दिवालिएयन का खतरा, भारत से अलग होकर पाकिस्तान एक फेल राष्ट्र बन गया?

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English summary
Pakistani rupee has fallen badly against the US dollar and the value of Pakistani rupee has crossed 194.
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