
महिला उत्पीड़न के लिए बदनाम है पाकिस्तान, फिर एक राजनयिक पर लगा आरोप, स्पेन ने मांगा जवाब
इस्लामाबाद/मैड्रिड, 8 सितंबर : पाकिस्तानी राजनयिक दुनिया भर में महिला उत्पीड़न को लेकर बदनाम हैं। बार्सिलोना में एक स्थानीय पाकिस्तानी वाणिज्य दूतावास ( Pakistani diplomat in Barcelona) की महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के महावाणिज्यदूत मिर्जा सलमान बेग (Mirza Salman Baig) ने कार्यस्थल पर तीन महीने से अधिक समय तक उनका यौन उत्पीड़न किया। पुलिस ने वाणिज्य दूतावास से जवाब मांगा है। वहीं, महिला ने स्थानीय कोर्ट में सोशल मीडिया पर अश्लील मैसेज भेजने और एक होटल में शोषण की कोशिश के आरोप लगाए थे। इसके बाद अधिकारी मिर्जा सलमान बेग को उनके पद से हटा दिया और उन्हें इस्लामाबाद वापस बुला लिया गया।

जांच जारी है
बता दें कि, बार्सिलोना में एक वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनयिक द्वारा यौन उत्पीड़न ने स्पेन में देश के मिशन पर दबाव डाला है। मामले की आंतरिक जांच चल रही है, जिससे और खुलासे हो सकते हैं। पीड़िता ने एक स्थानीय अदालत में यह कहते हुए आपराधिक मामला दर्ज कराया था कि बेग उसे अश्लील संदेश भेजकर परेशान करता था। अल अरबिया ने बताया कि उसने आरोप लगाया कि बार्सिलोना के एक होटल में बेग द्वारा उसके साथ यौन उत्पीड़न का भी प्रयास किया गया।

पीड़िता की शिकायत
पीड़िता ने मैड्रिड में पाकिस्तान के राजदूत शुजात राठौर के पास शिकायत दर्ज कराई थी, जिन्होंने बाद में मामले को आगे की जांच के लिए इस्लामाबाद में विदेश कार्यालय को भेज दिया।

पाकिस्तान ने क्या कार्रवाई की?
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय टीम बार्सिलोना और मैड्रिड भेजी। और जांच समाप्त होने के बाद, विदेश कार्यालय ने अधिकारी मिर्जा सलमान बेग को उनके पद से हटा दिया और उन्हें इस्लामाबाद वापस बुला लिया।

स्पेन ने मांगा जवाब
स्पेन ने देश में पाकिस्तानी मिशन से यह कहते हुए जवाब मांगा है कि वह कामगारों को सुरक्षित काम का माहौल मुहैया कराने की जिम्मेदारी से नहीं बच सकता है। मैड्रिड में तैनात पाकिस्तानी राजदूत शुजात राठौर ने मामला इस्लामाबाद में विदेश विभाग भेजा। बता दें कि, इसी साल उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा के पाकिस्तानी अधिकारी ने इटली के पूर्व राजदूत नदीम अली को वाणिज्य मंत्रालय की अधिकारी सायरा इमदाद अली की शिकायत पर हटा दिया था। वहीं, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में यूक्रेन के कीव में तैनात प्रथम सचिव वकार अहमद को स्थानीय कर्मचारी की शिकायत पर हटाया गया था।
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