पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने ISI को लगाई फटकार, देश का मजाक मत बनाइए
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर भारत हमेशा से सवाल उठाता रहा है और उसपर कई आतंकी गतिविधि में लिप्त होने की बात कहता रहा है। लेकिन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने ही आईना दिखाया है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले वर्ष तमाम कट्टरपंथी समूह द्वारा धरना प्रदर्शन में आईएसआई की भूमिका पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने कहा कि आप देश की सर्वोच्च एजेंसी हैं, आप देश का मजाक मत बनाइए।
आपको बता दें कि 6 नवंबर को तहरीक-ए-लब्बैक नाम के संगठन ने तमाम समर्थकों के साथ फैजाबाद में धरना-प्रदर्शन किया था। जिसकी वजह से तीन हफ्ते तक बंद की वजह से पाकिस्तान के कानून मंत्री जाहिद हामिद को इस्तीफा तक देना पड़ा था। प्रदर्शन के हिंसक होने की वजह से सरकार ने संगठन की तमाम मांगों को स्वीकार कर लिया था। इस धरना प्रदर्शन पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पूछा कि ऐसे प्रदर्शनों पर नजर रखने के लिए आपकी कोई सेल है या नहीं, अगर आपके पास सेल है तो आपको इस बात की जानकारी होगी कि इस प्रदर्शन में कौन लोग शामिल थे और उनके मुद्दे क्या था।
पाकिस्तान के द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की खबर के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने आईएसआई से कहा कि आज देश की शीर्ष संस्था हैं, देश का मजाक मत बनाइए। साथ ही कोर्ट ने पूछा कि प्रदर्शनकारियों के पास पैसा कहां से आया, उनके पास पैसों का क्या जरिया है। इसके अलावा कोर्ट ने आईएसआई के बजट की भी जानकारी मांगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आईएसआई के प्रतिनिधियों के पास सवालों का जवाब नहीं है तो क्या कोर्ट आईएसआई के चीफ को समन करना चाहिए। यही नहीं कोर्ट ने कहा कि आईएसआई पाकिस्तान के लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है, पाक का अस्तित्व सेना के संघर्ष की वजह से नहीं बल्कि लोगों के संघर्ष की वजह से है।
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