पाकिस्तान की उम्मीदों को लगा फिर झटका, FATF की ग्रे लिस्ट में अभी भी रहेगा मौजूद
इस्लामाबाद, जून 17: आतंकवादियों को संरक्षण देने और उन्हें आर्थिक मदद देने के आरोप में पिछले कई सालों से एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान को अभी भी राहत मिलती नहीं दिख रही है। पाकिस्तान अभी भी एफएटीएफ के ग्रे-लिस्ट से बाहर नहीं निकल पाया है। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए यह परेशानी की बात है। क्योंकि, जब तक पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे-लिस्ट में रहेगा तबतक उसे कई अंतर्राष्ट्रीय मदद मिलने में मुश्किल होती रहेगी।
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ग्रे-लिस्ट से बाहर होने की थी उम्मीद
इसी हफ्ते पाकिस्तान के फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 'ग्रे लिस्ट' से बाहर होने की संभावना जताई जा रही थी। इस बात की घोषणा एफएटीएफ प्लेनरी की बैठक में होनी थी। जो इस सप्ताह 14 से 17 जून, 2022 तक बर्लिन (जर्मनी) में आयोजित हो रही है और आज बैठक के अंतिम दिन पाकिस्तान को इस लिस्ट से बाहर निकालने का फैसला जाना था। फएटीएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने टेरर फाइनेंसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर शर्तों को पूरा नहीं किया है। अब एफएटीएफ की एक टीम पाकिस्तान की यात्रा कर ऑनसाइट शर्तों को पूरा करने के दावों का परीक्षण करेगी। उसके बाद ही पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने का फैसला किया जाएगा
अक्टूबर में होगा आधिकारिक ऐलान
पाकिस्तान फिलहाल 'अत्यधिक निगरानी और हाईरिस्क क्षेत्र' में शामिल है। पाकिस्तान को जून 2018 में ग्रे लिस्ट में डाला गया था। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार को इस बाद ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की पूरी, उम्मीद थी। हालांकि इस बार भी पाकिस्तान को इस मामले में निराशा हाथ लगी है। एफएटीएफ पूरी दुनिया में मनी लॉन्ड्रिंग, सामूहिक विनाश के हथियारों के प्रसार और टेरर फाइनेंसिंग पर निगाह रखती है।
26 प्वाइंट्स पर पाकिस्तान ने किए थे काम
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने एफएटीएफ के लिए 2018 की अपनी कार्य योजना में 27 में से 26 प्वाइंट्स पर अहम काम कर लिए थे और एफएटीएफ के एशिया पैसिफिक ग्रुप ऑन मनी लॉन्ड्रिंग (एपीजी) की 2021 की कार्य योजना के सात कार्य मदों में से छह को पूरा कर लिया था। एफएटीएफ की घोषणा के मुताबिक, 206 सदस्यों की इस ग्लोबल टीम के प्रतिनिधि, जिसमें आईएमएफ, वर्ल्ड बैंक, वित्तीय खुफिया इकाइयों और यूनाइटेड नेशंस के भी सदस्य शामिल हैं, वो सभी इस बैठक में भाग ले रहे थे। वहीं, पाकिस्तान में जर्मन राजदूत बर्नहार्ड श्लाघेक ने उम्मीद जताई थी कि, पाकिस्तान को इसी महीने FATF की ग्रे लिस्ट से हटा दिया जाएगा।
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