पाकिस्तान को IMF ने नहीं दिया पॉजिटिव रिस्पॉन्स, इमरान ने चीन और सऊदी से मांगी आर्थिक मदद
इस्लामाबाद। इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) से पॉजिटिव रिस्पॉन्स नहीं मिलने के बाद पाकिस्तान अब लोन के लिए अपने मित्र देशों से मदद की गुहार लगा रहा है। आर्थिक तंगी से पाकिस्तान को उबारने की जद्दोजहद कर रहे इमरान खान ने कहा है कि उनके सहयोगी देशों ने मदद का भरोसा दिलाया है। मीडिया से मुखातिब हुए इमरान खान ने कहा कि देश की सिकुड़ती विदेश मुद्रा और कैश क्रंच से बाहर निकलने के लिए मित्र देशों के साथ संपर्क में हैं। इससे पहले आईएमएफ ने पाकिस्तान से कहा था कि वे पहले अपने देश पर चढ़े विदेशी कर्ज को लेकर पारदर्शी खुलासा करें, उसके बाद ही लोन देने पर विचार किया जा सकता है।
सऊदी या चीन से ले सकते हैं मदद
इमरान खान ने अपने मित्र और सहयोगी से मदद का भरोसा जताया है, लेकिन उन्होंने किसी भी देश का नाम लिया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान खान सऊदी या चीन से मदद ले सकते हैं। इमरान खान ने कहा, 'उन्होंने हमारी मदद करने के लिए एक सकारात्मक जवाब दिया है। मुझे आशा है कि अब आर्थिक जरुरतों के लिए आईएमएफ से मदद नहीं मांगनी पड़ेगी।' पिछले सप्ताह पाकिस्तान के वित्त मंत्री ने बाली में आईएमएफ चीफ क्रिस्टिना लेगार्ड से मुलाकात की थी।
IMF चाहता है अपने ऊपर चढ़े कर्ज का खुलासा करे पाकिस्तान
आईएमएफ ने फिलहाल पाकिस्तान की आर्थिक मदद करने के लिए कुछ नहीं कहा है और अगले महीने आईएमएफ की एक टीम इस्लामाबाद का दौर कर सकती है। पाकिस्तान ने आईएमएफ से बेलाउट पैकेज की मांग की थी, लेकिन लेगार्ड ने इमरान सरकार से पहले उनके देश पर चढ़े कर्ज और चीन के निवेश से बढ़ रहे बोझ के बारे में रिपोर्ट पेश करने की शर्त रखी थी। आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तान उस कर्ज का भी खुलासा करें, जो चीन की वजह से उनके देश में सीपेक (चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर) प्रोजेक्ट से चढ़ रहा है। अमेरिका ने भी पाकिस्तान में बढ़ते चीनी निवेश पर चिंता व्यक्त करते हुए था कि इससे पाकिस्तान को उबरने में काफी वक्त लग जाएगा।
पाकिस्तान को 10-12 बिलियन अमेरिकी डॉलरी की जरुरत
पाकिस्तान की नए प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने सबसे बड़ी अपने देश की आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाना है। पाकिस्तान को आर्थिक संकट में धकलने के लिए पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए इमरान खान ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने लिए कम से कम 10-12 बिलियन अमेरिकी डॉलरी की जरुरत है। देश को आर्थिक तंगी से निकालने में जुटे इमरान अभी तक सरकार की कई लग्जरी संपत्ति को निलाम तक कर दिया है।
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