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फिर खुली ओसामा बिन लादेन की फाइल

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नयी दिल्‍ली। हाल ही में जारी हुए एक दस्‍तावेज से इस बात का खुलासा हुआ है कि अल कायदा के एक शीर्ष आतंकी ने 2010 में यूरोप में मुंबई जैसे हमलों को अंजाम देने के लिए एक संचालक को आतंकियों के दल के साथ ईरान भेजने की इजाजत ओसामा बिन लादेन से मांगी थी ताकि उन्हें ऐसे हमले करने के लिए प्रशिक्षण दिया जा सके। इस खुलासे के बाद से ओसामा बिन लादेन का जिन्‍न मानो अचानक बोतल से बाहर निकल आया हो।

Osama Bin Laden

पिछले एक या दो सप्‍ताह की बात करें तो ब्रुकलिन की अदालत में कई ऐसे दस्‍तावेज पेश किए गये जो ओसामा बिन लादेन की जिंदगी से जुड़े हुए हैं। दस्तावेज यह भी बताते हैं कि 2011 में नेवी सील के कमांडो द्वारा पाकिस्तान के ऐबटाबाद में मारे जाने तक ओसामा अल कायदा का प्रभारी और महत्वपूर्ण निर्णय लेने वाला शख्स था। यह दस्तावेज ब्रुकलिन फेडरल कोर्ट में जारी किए गए हैं। कोर्ट में 28 वर्षीय आबिद नसीर पर आतंकवाद के आरोपों के मुकदमे के दौरान यह दस्तावेज जारी हुए हैं।

इस पाकिस्तानी नागरिक पर न्यूयॉर्क की सबवे ट्रेन प्रणाली पर हमला करने की साजिश रचने का आरोप है। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक दस्तावेज के मुताबिक, एक शीर्ष अल कायदा के आतंकवादी ने जून 2010 में यूनिस अल मॉरितानी के साथ आतंकवादियों के एक दल को ईरान भेजने के लिए ओसामा से मंजूरी मांगी थी ताकि उन्हें यूरोप में मुंबई जैसे हमले करने में प्रशिक्षित किया जा सके।

2005 में पाकिस्‍तान ने बंद कर दिया था लादेन का केस

ओसामा बिन लादेन वर्ष 2002 में पाकिस्‍तान आया था। अफागानिस्‍तान के टोरा बोरा से आने के बाद लादेन की मदद आईएसआई ने की और पाकिस्‍तान में बस गया। ऐबटाबाद कमिशन की जांच के मुताबिक, पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने साल 2005 तक बिन लादेन को पकड़ने की कोशिश बंद कर दी थी और उन खुफिया सूचनाओं पर सक्रिय नहीं था जिनकी मदद से उसे पकड़ा जा सकता था। कुल 337 पन्नों के इस सीक्रेट डॉक्युमेंट में कहा गया है कि सरकार के हर स्तर पर लापरवाही और का परिचय दिया। ऐबटाबाद रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जावेद इकबाल ने तैयार की है। उनको सरकार ने लादेन मामले की जांच के लिए बनी पांच सदस्यीय टीम का प्रमुख बनाया था। यह दल जांच कर रहा था कि बिन लादेन कैसे पाकिस्तान में रह रहा था और कैसे वह बिना आधिकारिक जानकारी के मारा गया।

आईएसआई ने चलाया था ओसामा डेस्‍क

अल कायदा चीफ ओसामा बिन लादेन के पाकिस्‍तान में होने की जानकारी वहां की सरकार और खुफिया एजेंसी आईएसआई को थी। न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को ओसामा के पाकिस्तान में मौजूद होने की खबर थी। सीनियर पत्रकार कार्लोटा गाल की लिखी रिपोर्ट के मुताबिक आईएसआई के आका रहे लेफ्टिनेंट जनरल शुजा पाशा को हमेशा से ओसामा के ठिकाने का पता था।

लेख के मुताबिक मिशन ओसामा के बाद एक फोन कॉल के रिकॉर्ड में इस बात के पक्के सबूत मिले थे। रिपोर्ट पर यकीन करें तो लादेन के ठिकाने से मिले दस्तावेज़, ओसामा और भारत के दुश्मन नंबर एक हाफिज़ सईद और तालिबान के सरगना मुल्ला उमर के बीच करीबी रिश्तों की भी पोल खोलते हैं। इतना ही नहीं आईएसआई के भीतर ओसामा के मामले को देखने के लिए बाकायदा एक अलग डेस्क बनाया गया था।

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English summary
The last couple of weeks have witnessed an extremely high profile trial at a court in Brooklyn in which various documents regarding the life of Osama Bin Laden just before he had died were released.
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