OPEC Plus: ओपेक सदस्य देश तेल उत्पादन में करेंगे भारी कटौती , US ने जताई नाराजगी
व्हाइट हाउस ने ओपेक और सहयोगियों के कटौती के कदम की आलोचना करते हुए इसे अदूरदर्शी फैसला बताया।
वियना, 6 अक्टूबर : ओपेक (OPEC Plus) ने तेल उत्पादन में कटौती का ऐलान कर दिया है। ओपेक प्लस सदस्य देशों के प्रतिनिधि बुधवार को वियना में कोरोना महामारी के ढाई साल बाद एकत्रित हुए। इस दौरान सदस्य देश तेल उत्पादन की मात्रा में बीस लाख बैरल प्रति दिन की कटौती करने पर सहमती जताई। वहीं, व्हाइट हाउस ने पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और उनके सहयोगियों की तरफ से तेल उत्पादन में भारी कटौती पर निराशा व्यक्त की। इस कदम से मंदी की आशंकाओं से जूझ रही अर्थव्यवस्था को गहरा झटका लग सकता है।
रूस ने अमेरिका के साथ कर दिया बड़ा खेला
व्हाइट
हाउस
ने
ओपेक
और
सहयोगियों
के
कटौती
के
कदम
की
आलोचना
करते
हुए
इसे
अदूरदर्शी
फैसला
बताया।
व्हाइट
हाउस
के
प्रवक्ता
काराइन
जीन-पियरे
ने
एयर
फोर्स
वन
पर
मीडिया
से
वार्ता
करते
हुए
कहा
कि
ओपेक
और
सहयोगी
देश
रूस
के
साथ
गठबंधन
कर
रहे
हैं।
ओपेक
का
यह
फैसला
नवंबर
से
लागू
होने
जा
रहा
है।
तेल की कीमतों में लगेगी आग?
वहीं व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और राष्ट्रीय आर्थिक परिषद के निदेशक ब्रायन डीज ने अपने बयान में कहा कि ऐसे समय में जब ऊर्जा की वैश्विक आपूर्ति को बनाए रखना अति आवश्यक है, इस निर्णय से निम्र और मध्यम आय वाले देशों पर सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा मध्यम आय वाले देश पहले से ही उच्च ऊर्जा की कीमतों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ओपेक प्लस देशों द्वारा उत्पादन कोटा में की गई भारी कटौती के अदूरदर्शी फैसले से काफी निराश हैं। अपने बयान में, बाइडेन प्रशासन के सुलिवन और डीज ने कहा कि अमेरिकी ऊर्जा विभाग अमेरिकी उपभोक्ताओं की रक्षा और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए अगले महीने देश के रणनीतिक पेट्रोलियम रिजर्व से 10 मिलियन बैरल जारी करेगा।
क्या अमेरिका सऊदी अरब से नाराज है?
ओपेक की घोषणा के तुरंत बाद अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि ऊर्जा बाजार की स्थिरता और कम कीमतों के दिशा अमेरिकी सरकार काम कर रही है। चिली में संवाददाता सम्मेलन के दौरान यह पूछे जाने पर कि क्या ओपेक द्वारा की गई कटौती पर सहमती जताने के लिए अमेरिका सऊदी अरब से नाराज है। इस पर ब्लिंकन ने कहा वाशिंगटन के पास सऊदी अरब के संबंध में हितों की बहुलता है। बता दें कि, ओपेक प्लस के तेल में की जाने वाली कटौती से अगस्त के उत्पादन लक्ष्य से लगभग 3.6 मिलियन बैरल प्रति दिन कम हो गया है।
सऊदी अरब ने कहा रूस से मिलीभगत नहीं
वहीं, सऊदी अरब और ओपेक प्लस के अन्य सदस्य, जो पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और रूस सहित अन्य उत्पादकों का समूह है, ने कहा है कि वे एक विशेष तेल मूल्य को लक्षित करने के बजाय अस्थिरता को रोकने की कोशिश करते हैं। सऊदी अरब ने कहा कि उत्पादन में 20 लाख बैरल प्रति दिन की कटौती पश्चिम में बढ़ती ब्याज दरों और कमजोर वैश्विक अर्थव्यवस्था का जवाब देने के लिए आवश्यक थी। यह कटौती वैश्विक आपूर्ति के 2 फीसदी के बराबर है। सऊदी ने तेल की कीमतों को बढ़ाने के लिए ओपेक प्लस समूह में शामिल रूस के साथ मिलीभगत की आलोचना को सिरे से इनकार कर दिया।
तेल में कटौती से अमेरिका हुआ निराश
बता दें कि मास्को ने तेल उत्पादक देश ओपेक के साथ मिलकर खेल कर दिया है। तेल उत्पाद में कटौती के ऐलान से तेल की कीमतों में आग लगने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, अमेरिका समेत अन्य पश्चिम देश पहले भी ओपेक देशों से तेल के उत्पादन को बढ़ाने का अनुरोध करते रहे हैं। इसके लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सऊदी अरब की यात्रा भी की थी। लेकिन बाइडेन की इस यात्रा से कोई लाभ नहीं हुआ और अंत में सऊदी ने तेल उत्पादन बढ़ाने से साफ इनकार कर दिया।
(Photo Credit : Twitter &PTI)