हर साल 47 लाख करोड़ रूपये के खाने की बर्बादी होती है: यूएन रिपोर्ट
बैंगलोर। दुनिया में आज भी करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जिनके लिए पेट भर भोजन पाना एक चुनौती है, वहीं दूसरी तरफ ऐसा भी है कि दुनिया भर में पैदा होने वाला एक तिहाई अन्न बर्बाद हो जाता है। जिसकी कीमत लगभग 47 लाख करोड़ है जो कि स्विटजरलैंड के सकल घरेलू उत्पाद के बराबर है। जी हां, संयुक्त राष्ट्र की फूड एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक हर साल 1.3 बिलियन टन (करीब 1300 करोड़ क्विंटल) खाना जो कि विश्व भर में होने वाले अन्न उत्पादन का एक तिहाई है, नष्ट हो जाता है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि विकसित देश अन्न को बर्बाद कर रहे हैं, जबकि विकासशील देशों में इसके रखरखाव का समुचित प्रबंध न होने के कारण ऐसा हो रहा है। खाद्य एजेंसी के प्रमुख जोस ग्रेजियाना का कहना है कि नष्ट होने वाले अन्न का आंकड़ा 750 बिलियन डॉलर है। वहीं संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के अध्यक्ष एचिम स्टीनर ने इन आंकड़ों को चौंकाने वाला बताया है। उनका यह भी कहना है कि इसने हमें अप्रत्यक्ष रूप से नुकसान पहुंचाया है।
प्रति व्यक्ति 100 किग्रा सब्जी और 80 किग्रा चावल हो रहा है नष्ट
फूड एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार एशियाई देशों चीन, जापान और दक्षिण कोरिया में हर साल प्रतिव्यक्ति करीब 100 किग्रा सब्जी और 80 किग्रा चावल बर्बाद हो रहा है। इन उद्यमशील देशों में अन्न की सर्वाधिक बर्बादी होती है।
आगे धरती नहीं कर सकेगी हमारा पालन पोषण
इस संबंध में यूनाइटेड नेशन के प्रमुख एचिम स्टीनर का कहना है कि आने वाले 37 वर्षों में वैश्विक आबादी में 2 अरब की बढ़ोत्तरी होगी, ऐसे में हमारी धरती हमारा पालन पोषण कैसे कर सकेगी? इसलिए यह जरूरी है कि हमें समय रहते चेत जाना चाहिए और अन्न की बर्बादी रोकनें की कोशिश करनी चाहिए, अन्यथा हमारी आने वाली पीढि़यों को इसका खामियाजा भुगतना होगा।