क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

अब बस गिरने ही वाला है चीनी स्पेस स्टेशन

स्पेस स्टेशन 'द तियांगोंग-1' पर नज़र रखने वाले वैज्ञानिकों के समूह ने कहा है कि बंद पड़ा चीनी स्पेस स्टेशन अब से कुछ ही घंटों में धरती पर गिरते हुए देखा जा सकता है.

चीनी स्पेस एजेंसी का कहना है कि अगले कुछ घंटों में तियांगोंग-1 धरती के वायुमंडल में प्रवेश करेगा. इससे पहले यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसकी भविष्यवाणी की थी.

By BBC News हिन्दी
Google Oneindia News
तियांगोंग-1
China Manned Space Agency
तियांगोंग-1

स्पेस स्टेशन 'द तियांगोंग-1' पर नज़र रखने वाले वैज्ञानिकों के समूह ने कहा है कि बंद पड़ा चीनी स्पेस स्टेशन अब से कुछ ही घंटों में धरती पर गिरते हुए देखा जा सकता है.

चीनी स्पेस एजेंसी का कहना है कि अगले कुछ घंटों में तियांगोंग-1 धरती के वायुमंडल में प्रवेश करेगा. इससे पहले यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने इसकी भविष्यवाणी की थी.

तकरीबन साढ़े आठ टन वज़न का तियांगोंग-1 चीन की महत्वाकांक्षी स्पेस परियोजना का हिस्सा है. इसे चीन के 2022 में अंतरिक्ष में मानव स्टेशन स्थापित करने के लक्ष्य का पहला चरण भी माना जाता है. इसे साल 2011 में अंतरिक्ष में भेजा गया था और पांच साल बाद इसने अपने मिशन को पूरा कर लिया. इसके बाद यह अनुमान लगाया जा रहा था कि ये वापस पृथ्वी पर गिर जाएगा.

धरती पर गिरने वाला है चीन का स्पेस स्टेशन

यूरोपीय स्पेस एजेंसी के ताज़ा आकलन के अनुसार दो अप्रैल को ये स्पेस स्टेशन बीजिंग समयानुसार 07.25 (भारतीय समयानुसार 04.55) बजे धरती के वायुमंडल में लौटेगा. लेकिन यह स्पेस स्टेशन नियंत्रण से बाहर है और इसीलिए ये कहां और ठीक-ठीक किस समय गिरेगा इसका अंदाज़ा लगाना मुश्किल है.

अधिकतर स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में जल कर नष्ट हो जाते हैं, लेकिन कुछ मलबे अपनी स्थिति में बने रहते हैं, जिनके पृथ्वी पर गिरने का डर होता है.

चीन के स्पेस स्टेशन इंजीनियरिंग ऑफ़िस ने सोशल मीडिया पर कहा कि "साई-फ़ाई फ़िल्मों की तरह अंतरिक्ष से गिरने वाले स्पेस स्टेशन धरती पर नहीं गिरते बल्कि ये आकाश में ही जल जाते हैं और नतीजतन आपको आकाश में पटाखे चलने जैसा नज़ारा देखने के लिए मिलता है."

कहां जाता है अंतरिक्ष का मलबा?

कहां गिरेगा 'द तियांगोंग-1'?

चीन ने साल 2016 में इस बात की पुष्टि की थी कि तियांयोंग-1 से उनका संपर्क टूट गया है और वो इसे नियंत्रित कर पाने में सक्षम नहीं है.

यूरोपीय स्पेस एजेंसी का कहना था कि पृथ्वी पर इसका मलबा भूमध्य रेखा पर 43 डिग्री उत्तर से 43 डिग्री दक्षिण के बीच गिर सकता है. इसका मलतब ये कि ये न्यूज़ीलैंड से पश्चिम अमरीका के बीच कहीं भी गिर सकता है.

अंतरिक्ष में भी है एक बरमूडा ट्रायंगल

तियांगोंग-1
Getty Images
तियांगोंग-1

कैसे होगा ये क्रैश?

ऑस्ट्रेलियन सेंटर फ़ॉर स्पेस इंजीनियरिंग रिसर्च के उप निदेशक डॉ. एलियास अबाउटेनियस का कहना है, "जैसे-जैसे ये पृथ्वी के और नज़दीक पहुंचेगा, उसे वायुमंडल में प्रतिरोध क सामना करना पड़ेगा और वो और तेज़ी से नीचे गिरेगा. पृथ्वी के 100 किलोमीटर के नज़दीक आने पर ये यह गर्म भी होने लगेगा."

इस कारण पूरे स्पेस स्टेशन ही जल जाएगा लेकिन "फिलहाल ये कहना मुश्किल है कि जलने के बाद क्या बच जाएगा क्योंकि चन से कभी इस बात का खुलासा नहीं किया कि इस स्पेस स्टेशन को बनाने में किस तरह के सामान का इस्तेमाल हुआ है."

ये स्पेस स्टेशन 26,000 किलोमीटर प्रति घंटे की तक की स्पीड तक पहुंच सकता है.

यूरोपीय स्पेस एजेंसी
EUROPEAN SPACE AGENCY/BBC
यूरोपीय स्पेस एजेंसी

क्या हमें इस कारण चिंता करनी चाहिए?

बिल्कुल नहीं. वातावरण से गुजरते ही 8.5 टन का अधिकांश हिस्सा नष्ट हो जाएगा. हो सकता है कि स्पेस स्टेशन का कुछ हिस्सा, जैसे फ्यूल टैंक या रॉकेट इंजन पूरी तरह नहीं जले.

अगर ये बच भी जाते हैं तो इससे जानमाल की हानि होगी, इसकी आशंका कम है.

द यूरोपियन स्पेश एजेंसी के प्रमुख होलगर क्रैग ने कहा, "मेरा अनुमान यह है कि इससे क्षति की आशंका वैसी ही है जैसे बिजली के गिरने से होता है. बिजली के गिरने से नुक़सान की आशंका बहुत कम ही होती है."

द तियांगोंग-1 है क्या?

चीन ने साल 2001 में अंतरिक्ष में जहाज भेजना शुरू किया और परीक्षण के लिए जानवरों को इसमें भेजा. इसके बाद 2003 में चीनी वैज्ञानिक अंतरिक्ष पहुंचे.

सोवियत संघ और अमरीका के बाद चीन ऐसा करने वाला तीसरा देश था.

चीन ने अंतरिक्ष प्रयोगशाला लॉन्च की

अमरीकी धुन पर उड़ा चीनी रॉकेट

तियांगोंग-1 को अंतरिक्ष में ले जाने वाला रॉकेट
Lintao Zhang/Getty Images
तियांगोंग-1 को अंतरिक्ष में ले जाने वाला रॉकेट

साल 2011 में द तियांगोंग-1 के साथ चीन का स्पेस स्टेशन कार्यक्रम की शुरुआत हुई. एक छोटा स्पेस स्टेशन वैज्ञानिकों को कुछ दिनों के लिए अंतरिक्ष ले जाने में सक्षम था. इसके बाद 2012 में चीन की पहली महिला यात्री लियू यांग अंतरिक्ष गईं.

इसने तय समय के दो साल बाद मार्च 2016 में काम करना बंद कर दिया. फिलहाल द तियांगोंग 2 अंतरिक्ष में काम कर रहा है और 2022 तक चीन इसका तीसरा संस्करण अंतरिक्ष में भेजेगा, जिसमें वैज्ञानिक रह सकेंगे.

BBC Hindi
Comments
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
English summary
Now it is only going to fall Chinese Space Station
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X